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ज्ञान-ज्योति देने वाले ही गुरू :: डॉ॰ सरस्वती मिश्रा

 

राँची, झारखण्ड | सितम्बर | 19, 2018 :: रांची विश्वविद्यालय के पी.जी. दर्शनशास्त्र विभाग में विद्यार्थियों ने मनाया गुरूवंदन शिक्षक दिवस कार्यक्रम, जिसमें विद्यार्थियों ने दार्शनिक राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ॰ राधाकृष्णन् के शिक्षा जगत में योगदान की चर्चा के साथ उनकी दार्शनिक उपलब्घियों पर भी चर्चा की। विद्यार्थियों ने अपने विभाग के शिक्षकों को भी गुरूशिष्य परम्परा के अनुसार सम्मानित किया और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों के द्वारा एक संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम की रूप रेखा सेमेस्टर दो के विद्यार्थियों ने मिलजुल कर तैयार किया था। स्वागत गान प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थी थे नेहा कुमारी, माधुरी और ज्योति वहीं सेमेस्टर एक के विद्यार्थी कन्हाई बास्के ने शिक्षक दिवस के महत्व को रेखांकित किया। सेम दो की प्रीति कुमारी ने स्त्री अस्मिता से जुड़ी स्वरचित भावनात्मक कविता का पाठ किया जिसे काफी सराहा गया, वहीं सेम एक की कृति कुमारी ने भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत कर सभी का दिल जीत लिया। मलखान सिंह मुंडा ने ‘आसाँ नहीं यहां आशिक बन जाना’ गाया तो वहीं पूरे कार्यक्रम में सबसे मजेदार रहा एक फ्युज़न डांस, जिसे प्रीति कुमारी, प्रिया, मलखान, अमित और प्रीती कच्छप ने प्रस्तुत किया।


इस मौके पर बोलते हुए मानविकी डीन डॉ॰ सरस्वती मिश्रा ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन् के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही और कहा कि गुरू ही जीवन में ज्ञान ज्योति फैलाते हैं। वहीं विभागाध्यक्ष डॉ॰ सी॰ कामेश्वरी ने विद्यार्थियों के लिये अनुशासन के महत्व को बताया। डॉ॰ सुशील कुमार अंकन ने गुरूओं के महत्व पर प्रकाश डाला और अध्ययन के साथ साथ व्यक्तित्व एवं कौशल विकास के लिये विद्यार्थियों को प्रेरित किया। डॉ॰ राज राजेश्वरी वर्मा, डॉ॰ उषा किरण और डॉ॰ अजय कुमार सिंह ने भी अपने अपने उद्गार व्यक्त किए।


कार्यक्रम का संचालन मुख्य रूप से शगुफ़्ता मुस्लिम ने किया और सहयोग दीनदयाल दिनकर तथा प्रीति कुमारी ने किया। इस अवसर को खास बनाने में सेमेस्टर दो के सभी विद्यार्थियों ने काफी मेहनत की जिसके फलस्वरूप एक सफल कार्यक्रम का आयोजन हो सका। कार्यक्रम संयोजिका प्रीति कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन हुआ।

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