रांची, झारखण्ड | अप्रैल | 08, 2020 :: कोरोना संक्रमण के वर्तमान दौर में गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा जरूरतमंदों के लिए रोजाना तैयार किया जा रहा है लंगर अभी तक बांटे जा चुके हैं साढ़े छह हजार से अधिक फ़ूड पैकेट्स साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप का भी किया गया आयोजन.
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पिछले 14 दिनों से लागू लॉक डाउन से प्रभावित एवं जरूरतमंद लोगों के लिए गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा,कृष्णा नगर कॉलोनी द्वारा रोजाना लंगर तैयार कर उनके बीच वितरण किया जा रहा है.
यह लंगर पिछले 14 दिनों से रोजाना गुरु घर के सेवकों द्वारा स्वयं तैयार कर इसे फूड पैकेट्स में पैक कर शहर के विभिन्न भागों में जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
अभी तक सत्संग सभा द्वारा साढ़े छह हजार से अधिक फूड पैकेटस का वितरण किया जा चुका है.
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि सत्संग सभा ने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए एवं रिम्स ब्लड बैंक में रक्त की कमी को देखते हुए गुरु नानक भवन परिसर में 6 एवं 7 अप्रैल को ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन भी किया था जिसमें समाज के लोगों ने बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई और इस कैंप के माध्यम से 90 यूनिट ब्लड का संग्रह कर रिम्स ब्लड बैंक को सौंपा गया.इस कैंप के आयोजन में सत्संग सभा द्वारा संचालित गुरु नानक सेवक जत्था के सूरज झंडई रौनक ग्रोवर,कशिश नागपाल,चंचल ग्रोवर,जीत सिंह,सागर गिरधर समेत अन्य की उल्लेखनीय भूमिका रही.
गुरु नानक सत्संग सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने बताया कि लंगर सेवा में समाज के सभी श्रद्धालुओं द्वारा बढ़-चढ़कर आर्थिक सहयोग किया जा रहा है तथा संस्था का प्रयास है कि लॉक डाउन से प्रभावित कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे.
सभा द्वारा तैयार फ़ूड पैकेट्स शहर के
विद्यानगर,
मानसिक आरोग्यशाला कांके,
कठहरगोंदा,
चांई टोली,
सुखदेव नगर,
महावीर चौक,
चुटिया,
खादगढ़ा
समेत अन्य इलाकों में भेजा जा रहा है.
लंगर सेवा में सोशल डिस्टेंस का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है तथा सभी सेवादारों के हाँथों को सैनीटाइज कराया जा रहा है और रोजाना गुरुद्वारा परिसर को रोजाना स्प्रे कर सैनीटाइज किया जा रहा है.
लंगर सेवा में
अशोक गेरा,
अर्जुन दास मिढ़ा,
चरणजीत मुंजाल,
मोहन काठपाल,
राजकुमार सुखीजा,
जीवन मिढ़ा,
सुरेश मिढ़ा,
महेंद्र अरोड़ा,
विनोद सुखीजा,
मुरारी मिढ़ा,
हरीश मिढ़ा,
अनूप गिरधर,
सूरज झंडई
एवं
भूपिंदर सिंह
योगदान कर रहे हैं.