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मन की संतुष्टि और जीवन का आनंद : गुड़िया झा

मन की संतुष्टि और जीवन का आनंद : गुड़िया झा

इस संसार में ईश्वर द्वारा बनायी गई रचनाओं में सबसे खूबसूरत रचना हम मनुष्यों की मानी गई है। हमारी जरूरतों के हिसाब से ईश्वर ने उन सभी चीजों का निर्माण भी किया है। जो हमारे जीवन की प्राथमिकताओं में शामिल है। जैसे- भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा और स्वास्थ। फिर भी ना जाने क्यों हमारे भीतर की जो लालसा है वो दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। हमें अपने जीवन में उन सभी चीजों की कमी दिखाई देने लगती है जो हमारे पास मौजूद नहीं होते हैं। जिसके कारण कई बार हमारे मन में निराशा का भाव उत्पन्न होता है और जीवन की शांति हमसे दूर होने लगती है। हम अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए लगातार भागदौड़ करते रहते हैं। एक के बाद दो और दो के बाद तीन। फिर इसी तरह हमारी जरूरतों का कभी अंत ही नहीं होता है। इसका एकमात्र कारण यह है कि हम यह मान लेते है कि जो हमारे पास मौजूद है वो पर्याप्त नहीं है।
कई बार हम अतीत की बाध्यताओं और भविष्य की चिंता से इतने परेशान हो जाते हैं कि जीवन का सही आनंद नहीं ले पाते हैं। जीवन के हर एक पल का आनंद लेने के लिए हम कुछ बातों को अपनाकर अपनी खुशियों को और भी ज्यादा बढ़ा सकते हैं।

1, वर्तमान का हर पल आनंद लें।
कहते हैं कि बिता हुआ समय कभी लौटकर वापस नहीं आता है। लेकिन हम इस बात को समझ नहीं पाते हैं और हमारे मन में असीमित इच्छाओं का दौर चलता ही रहता है। हम यह सोचते हैं कि जब हमारे पास बहुत अधिक पैसा होगा, बहुत बड़ा घर होगा, बहुत बड़ी गाड़ी होगी तभी हम काफी खुशी और शांति से अपनी जिंदगी को जी सकेंगे। जबकि इसके अनुकूल यदि हम यह देखें कि पैसे से भोजन खरीदा जा सकता है लेकिन भूख नहीं। महंगे बिस्तर खरीदे जा सकते हैं, नींद नहीं। बहुत बड़ा घर होने से जीवन की शांति का कोई मेल नहीं है। तो फिर हम परेशान क्यों हैं?
हम परेशान इसलिए हो जाते हैं क्योंकि हम झूठे दिखावे की आदत को छोड़ना नहीं चाहते हैं। हमें अपने जीवन में हीन भावना
की आदत को छोड़ना होगा और अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार पूरी ईमानदारी से नये रास्तों की खोज करेंगे, तो जीवन की वास्तविक खुशियां अपने आप ही मिलेंगी। इसके लिए हमें अपने मन को शांत और खुश रख कर वर्तमान समय में मौजूद साधन के आधार पर अपना कार्य करना होगा।
अपने वर्तमान का एक-एक पल खुशी से बितायें। आज का अच्छा वर्तमान और इसमें किये हुए अच्छे कार्य ही एक सुनहरे भविष्य का निर्माण करते हैं। क्योंकि समय और परिस्थितियां कभी एक जैसी नहीं रहती हैं। इसके लिए हमें अपने भीतर की शक्तियों को पहचानना होगा।

2, अतीत को अपनी शक्ति बनाये।
हम अपने साथ होने वाले अतीत की घटनाओं को याद कर परेशान हो जाते हैं। अक्सर बदले की भावना हमारे मन में चलती रहती है। जिसका परिणाम यह होता है कि ऐसे में लोगों से हमारे सम्बन्ध खराब तो होते ही हैं, साथ ही हमारी भीतर की ऊर्जा भी व्यर्थ चली जाती है और कई बार तो हम शारीरिक रूप से अस्वस्थ भी हो जाते हैं। इससे हर हाल में हमारा खुद का ही नुकसान होता है। हमारा दुःखमय अतीत कष्टकारी हो सकता है। लेकिन इतना कष्टकारी नहीं कि हमारे अच्छे वर्तमान और उज्जवल भविष्य का रास्ता रोक सके।
इसके अनुकूल यदि यह देखें कि अतीत में होने वाली घटनाओं को सशक्त अर्थ दें, तो इससे हमें बहुत बड़ी ताकत मिलेगी।
सशक्त अर्थ देकर और उससे सीख लेकर ही हम जीवन में आगे बढ़ेंगे, तो इसी से हमारे आगे का मार्ग प्रशस्त होगा। क्योंकि भविष्य तो बिल्कुल ही खाली है। इसे हम अपने विचारों से जैसा चाहें वैसे रंग दे सकते हैं।

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