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वर्ष 2018-19 में प्रत्यक्ष कर आय में गुजरात देश में पांचवे क्रम पर

जुलाई | 10, 2019 :: प्रत्यक्ष कर संग्रहण की द्रष्टि से गुजरात पूरे देश में पांचवे क्रमांक पर है। वर्ष 2018-19 में देश में प्रत्यक्ष कर की आय रू. 11,37,685.41 करोड़ थी, जिसमें गुजरात से रू. 49,021.69 करोड़ की आय हुई। प्रत्यक्ष कर संग्रहण की सूचि में गुजरात से आगे महाराष्ट्र (रू. 4,25,390,84 करोड़), दिल्ही (रू. 1,66,405,.42 करोड़), कर्णाटक (रू. 1,19,796.51 करोड़) और तमिलनाडु (रू. 74,238.94 करोड़) है। केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी जुलाई 9, 2019 को राज्य सभा में सांसद श्री परिमल नथवाणी द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में प्रस्तुत की।

सदन में पेश किए गए मंत्रीजी के निवेदन के अनुसार, जुलाइ 8, 2019 कि स्थिति, देश में कुल 46,10,20,587 पैन धारक थे, जिसमें से 6,31,84,403 पैन धारकों ने आकलन वर्ष 2018-19 में आयकर रीटर्न (आइ.टी.आर.) फाइल किया था। गुजरात में 2,55,70,175 पैन धारक हैं, जिनमें से 62,27,487 पैन धारकों ने आयकर रीटर्न फाइल किया था।

मंत्रीजी के उत्तर के अनुसार, देश में करदाता आधार को बढ़ाने के लिए सरकार अनेक उपाय कर रही है जैसे कि आयकर विभाग द्वारा नान-फाइलर निगरानी व्यवस्था (एनएमएस) का क्रियान्वयन, जोकि इन-हाउस सूचना के साथ-साथ तृतीय पक्षों से प्राप्त लेन-देन ब्यौरा को सम्मिलित करता है और विश्लेषण करता है ताकि ऐसे व्यक्तियों /इकाइयों को पहचाना जा सके जिन्होंने उच्च मूल्य वाले वितीय लेनदेन किए हैं लेकिन अपनी विवरणी दाखिल नहीं की है ।

श्री नथवाणी देश में 2018-19 के आकलन वर्ष में संग्रहित किए गए आयकर, पंजीकृत पैन धारकों की संख्या और देश में करदाताओं की संख्या को बढ़ाने के लिए सरकार की योजना का ब्यौरा चाहते थे।

वित्तीय सूचना के संग्रहण और सत्यापन के लिए तंत्र का विस्तार किया गया है ताकि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से उच्च मूल्य वाले विभिन्न प्रकार के संव्यवहारों और व्यावसायिक संस्थानों से वित्तीय संव्यवहार की विवरणी (एसएफटी) के रूप में उच्च मूल्यवाले व्यय का ब्यौरा शामिल किया जा सके, ऐसा मंत्रीजी ने बताया ।

मंत्रीजी ने यह भी बताया कि, टीडीएस एवं टीसीएस की परिधि में अधिक कराधान संव्यवहारों को लाकर उसके विषय-क्षेत्र में विस्तार किया गया है । संपत्ति, शेयर, बाण्ड, बीमा, विदेश यात्रा, डीमैट अकाउंट, आदि के संबंध में विनिर्दिष्ट संव्यवहारों के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) का उल्लेख करा अनिवार्य किया गया है ।

मंत्रीजी के निवेदन में बताया गया कि, आयकर विभाग ने परियोजना इनसाइट की शुरूआत की है ताकि कर अनुपालन को बढ़ाने हेतु और कर प्रशासन में सूचना के प्रभावी प्रयोग के लिए गैर-दखलकारी सूचना वाले द्रष्टिकोण को मजबूत किया जा सके । यह समेकित प्लेटफार्म कर आधार के विस्तार में और कर अपवंचकों पर नजर रखने में अहम भूमिका निभाएगा ।

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