Breaking News Latest News झारखण्ड बिज़नेस

कैट द्वारा भारत व्यापार बंद के आहवान का झारखण्ड चैंबर ऑफ काॅमर्स का नैतिक समर्थन।: कहा,  मांगें वास्तविक 

रांची, झारखण्ड | फरवरी   | 26, 2021 ::  जीएसटी के नियमों के हालिया संशोधनों से व्यापार जगत के समक्ष उत्पन्न कठिनाइयों को देखते हुए काॅन्फेडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा आज भारत व्यापार बंद के आहवान का झारखण्ड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने नैतिक समर्थन करते हुए कहा कि कैट द्वारा की जा रही मांगें वास्तविक हैं। चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि जीएसटी प्रभावी होने के बाद पिछले चार वर्षों में 950 संशोधन के बाद जीएसटी के हालिया संशोधन जीएसटी के मूल उद्देष्यों के विपरीत है। इसमें ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की सार्थकता कहीं भी नहीं दिखती है। किसी भी संशोधन को प्रभावी करने से पहले करदाताओं से राय नहीं लेना भी चिंतनीय है। सरकार को यह सोचना होगा कि आप टैक्स को रेवेन्यू मानते हैं या पेनाल्टी को। जीएसटी के हालिया संशोधन अव्यवहारिक हैं और फेडरेशन चैंबर इसका विरोध करता है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वर्तमान के संशोधनों को शिथिल किया जाय तथा भविष्य में स्टेकहोल्डर्स की कमिटी बनाकर, संशोधन पर विचार साझा करने के उपरांत ही संशोधन करने की प्रक्रिया अपनाई जाय।

कैट के झारखण्ड प्रभारी अर्जुन प्रसाद जालान ने कहा कि कैट द्वारा आहूत भारत व्यापार बंद पूरे देश में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी देश में पहला कानून है जिसमें कानून बनने के बाद 1000 से ज्यादा नोटिफिकेशन आ चुके हैं। जानबूझकर कानूनों को जटिल बनाया जा रहा है जिससे भ्रष्टाचार और इंस्पेक्टर राज को बढावा मिले। हम सुधार का विरोध नहीं किंतु इसकी प्रक्रिया का विरोध करते हैं। हालिया संशोधन के अनुसार अगर आपने जीएसटीआर-1 में अपनी लायबिलिटी दिखा दी और जीएसटीआर-3बी में उसको नहीं लिया तो डिपार्टमेंट बिना नोटिस किये डिफरेंस एमाउंट की वसूली कर सकता है और यह वसूली आपका बैंक एकाउंट अटैच करके या आपके किसी भी देनदार से डायरेक्ट रिकवर की जा सकती है। इसी प्रकार गलती से इनपुट लेने पर बैंक खाता सीज करने, अधिकारियों द्वारा अपने खुद के विवेक पर किसी का भी सर्वे या ऑडिट करने की व्यवस्था इंस्पेक्टर राज को बढावा देता है। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध जीएसटी की जटिलताओं के लिए है, हमें विश्वास है कि सरकार हमारी समस्याओं पर विचार करेगी।

रांची गुड्स ट्रांस्पोर्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष एसबी सिंह ने ई-वे बिल के हालिया संशोधन 24 घंटे में 200 कि.मी की वैधता पर आपत्ति जताई और कहा कि झारखण्ड के भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में ऐसे नियम का अनुपालन संभव ही नहीं हैं। सरकार शीघ्र इस संशोधन को वापस ले अन्यथा व्यापार करना ट्रांस्पोटर्स के लिए संभव नहीं है।

राजधानी रांची में वर्षों पुराने भवनों को निगम द्वारा सील करने अथवा तोडने के निगम की सूचना पर नागरमल मोदी सेवा सदन के संयुक्त सचिव पवन शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि समय-समय पर रांची नगर निगम द्वारा अस्पताल प्रबंधन को कभी नक्शा, कभी अतिक्रमण तो कभी अन्य मामले में प्रताडित किया जाता रहा है। अब इससे उपर उठते हुए भवन को सील करने तथा तोडने की बात कही जा रही है जो चिंतनीय है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सेवा सदन अस्पताल का निर्माण आज से 60-62 वर्ष पूर्व तत्कालीन नियमों के अधीन हुआ था और उसके पश्चात् आवश्यकतानुसार भवन का रख-रखाव तथा सुदृढीकरण किया जाता रहा है ताकि पुराना भवन सुरक्षित रहे। इसमें रांची नगरपालिका नियमावली का कहीं भी उल्लंघन नहीं किया गया है। किंतु दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित सूचना कि रांची नगर निगम द्वारा बडा तालाब के पास कई भवनों को सील करने तथा तोडने का आदेश दिया गया है, जो चिंतनीय है।

नागरमल मोदी सेवा सदन अस्पताल के अध्यक्ष आर.के सरावगी ने कहा कि अस्पताल का भवन विगत 60 साल से भी ज्यादा समय से स्वतंत्रता सेनानी स्व0 नागरमल मोदीजी द्वारा दान में दी गई भूमि पर अवस्थित है एवं इसपर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है। उन्होंने रांची नगर निगम से आग्रह किया कि अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए इस आदेश पर पुनर्विचार करे।

चैम्बर उपाध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि अपर बाजार में पार्किंग के लिए चिन्हित बकरी बाजार में पार्किंग स्थल बनाने की दिशा में निगम को कार्रवाई करनी चाहिए इससे कई समस्याओं का समाधान स्वतः संभव है।

चैंबर के आरएमसी उप समिति चेयरमेन अमित शर्मा ने कहा कि शहर में निर्मित पुराने भवनों को सील करने के बजाय रेगुलराइज करने पर निगम को विचार करना चाहिए।

विदित हो कि जीएसटी के हालिया संशोधनों से उत्पन्न समस्या व रांची शहर में वर्षों पुराने भवनों को सील करने से उत्पन्न समस्या पर चैंबर भवन में प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा, उपाध्यक्ष धीरज तनेजा, महासचिव राहुल मारू, सह सचिव दीनदयाल बरनवाल, कार्यकारिणी सदस्य अमित शर्मा, संजय अखौरी, मुकेश अग्रवाल, आरजीटीए की ओर से सुनिल सिंह चैहान के अलावा माहेश्वरी सभा के सदस्य उपस्थित थे।

Leave a Reply