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एक नजर जीवन की जरूरी इन औषधियों पर भी : गुड़िया झा

एक नजर जीवन की जरूरी इन औषधियों पर भी।
गुड़िया झा।
कहा जाता है कि हर मर्ज की दवा है। दवा का मतलब यह नहीं कि वह बोतलों और वैक्सीन के रूप में ही हो। यह सब हमारे आसपास ही मौजूद है। थोड़ा गौर करें इन पर भी।
1,रंग बिरंगी फल और सब्जियां।
हमारी थाली में हर तरह के रंगों से भरपूर फल और सब्जियों के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है, जो कई तरह की बीमारियों से भी हमारी रक्षा करती है।
2,व्यायाम और गहरी नींद।
शरीर को चुस्त दुरूस्त और निरोग बनाये रखने के लिए व्यायाम और गहरी नींद अति आवश्यक है। व्यायाम से जहां हमारे शरीर के प्रत्येक हिस्से में ऊर्जा का संचार होता है, वहीं रात को सही समय पर सोने और सुबह जल्दी उठने से गहरी नींद के कारण हमारा मस्तिष्क और शरीर अगले दिन बेहतर कार्य करने के लिए एक नये रूप में तैयार होता है।
3, प्रकृति से प्यार।
ईश्वर द्वारा निर्मित प्रकृति से भला किसे प्यार नहीं हो सकता है। अपने घर के आसपास जहां कहीं भी खुली जगह हो, वहां पर हरियाली के बीच जरूर थोड़ा समय बितायें। इससे हमारे शरीर को शुद्ध रूप से ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।
अपने घर के कैम्पस या छत पर पौधे लगाकर नियमित रूप से उसमें पानी और खाद डालें।आज पर्यावरण संरक्षण की मुहिम भी जोरों पर है। हम भी अपनी तरफ से कुछ योगदान देकर सबके बेहतर कल की कामना करें।
अपने घर की छत पर चिड़ियों के खाने के लिए कुछ दानें और मिट्टी के एक छोटे से बर्तन में पानी रख कर दें। फिर देखें कुछ ही दिनों में ये पंक्षी भी हमारे परिवार के सदस्य ही बन जाते हैं।
इसी प्रकार से कुछ देर के लिए सूर्य की रौशनी का भी आनंद लें। इससे शरीर को विटामिन डी की प्राप्ति होती है।
4,बिना शर्त प्यार।
बिना शर्त प्यार वह दवा है जो बड़ी से बड़ी चुनौतियों को भी छोटी कर देती है।जब भी समय मिले अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से खुलकर बातें करें। खुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखें। हम जितने ज्यादा खुश रहेंगे, बीमारियां हमसे उतनी ही ज्यादा दूर रहेंगी।
5,ध्यान और सकारात्मक सोच।
ध्यान और सकारात्मक सोच का सीधा संबंध है। अपने प्रतिदिन के कार्यों में से समय निकाल कर कम से कम तीस मिनट ध्यान में दें। इससे दिल और दिमाग दोनों ही शांत रहते हैं साथ ही हमारी सोच भी सकारात्मक बनी रहती है। जब हमारी सोच सकारात्मक बनी रहेगी तभी परेशानियां भी हमसे काफी दूर रहेंगी।
6,स्वीकार करने की कला।
कई बार जब कुछ हमारे मन के अनुकूल नहीं होता है, तो हम परेशान हो जाते हैं। जैसे-रिश्ते, परिस्थिति आदि।
जो जैसा है चाहे वह रिश्ते हों या परिस्थिति, उन्हें हम उसी रूप में स्वीकार करते हैं, तो एक अलग तरह की खुशी का अनुभव होता है।जब हम प्रतिकूल परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालते हैं,तो यकीनन धीरे-धीरे वह भी अनुकूल हो जाती हैं।
7, संगीत।
हमारे जीवन में संगीत का भी अपना एक अलग ही स्थान है। जब भी फुरसत मिले अपनी पसंद के संगीत सुनें। सुबह और शाम घर में भजन का भी आनंद लें।इससे पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
8,वर्तमान का आनंद लें।
अक्सर सुबह से शाम तक हमारा अधिकांश समय बीते हुए अतीत या भविष्य की चिंताओं में हीं बीत जाता है। बहुत कुछ करने और पाने की चाह हमें सुकून से रहने नहीं देती है। जिसके कारण हम अपने वर्तमान का भी पूरा आनंद नहीं ले पाते हैं।
अतीत में जो बीत गई सो बात गई।भविष्य हमारा बिल्कुल ही खाली है।इसे हम सकारात्मक सोच से बेहतर बना सकते हैं। अपने वर्तमान का भरपूर आनंद लें। क्योंकि गुजरने वाला यह सुनहरा समय फिर वापस लौटकर नहीं आता है।

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