रांची, झारखण्ड । जनवरी | 12, 2018 :: 15 जनवरी को मकर संक्रांति है। क्या दान करें कि हर तरह से शुभता मिले। पँँ रामदेव पाण्डेय राची के अनुसार
1. मेष-जल में पीले पुष्प, हल्दी, तिल मिलाकर अर्घ्य दें।
तिल-गुड़ का दान दें। उच्च पद की प्राप्ति होगी।
2. वृषभ-जल में सफेद चंदन, दुग्ध, श्वेत पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। बड़ी जवाबदारी मिलने तथा महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारंभ होने के योग बनेगें।
3. मिथुन- जल में तिल, दूर्वा तथा पुष्प मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गाय को हरा चारा दें। मूंग की दाल की खिचड़ी दान दें। ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
4. कर्क-जल में दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। चावल-मिश्री-तिल का दान दें। कलह-संघर्ष, व्यवधानों पर विराम लगेगा।
5. सिंह- जल में कुमकुम तथा रक्त पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। तिल, गुड़, गेहूं, सोना दान दें। किसी बड़ी उपलब्धि की प्राप्ति होगी।
6. कन्या-जल में तिल, दूर्वा, पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। मूंग की दाल की खिचड़ी दान दें। गाय को चारा दें। शुभ समाचार मिलेगा।
7. तुला-सफेद चंदन, दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। चावल का दान दें। व्यवसाय में बाहरी संबंधों से लाभ तथा शत्रु अनुकूल होंगे।
8. वृश्चिक- जल में कुमकुम, रक्तपुष्प तथा तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गुड़ का दान दें। विदेशी कार्यों से लाभ तथा विदेश यात्रा होगी।
9. धनु-जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प तथा मिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। चारों-ओर विजय होगी।
10. मकर- जल में काले-नीले पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गरीब-अपंगों को भोजन दान दें। अधिकार प्राप्ति होगी।
11. कुंभ-जल में नीले-काले पुष्प, काले उड़द, सरसों का तेल-तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। तेल-तिल का दान दें। विरोधी परास्त होंगे। भेंट मिलेगी।
12 . मीन- हल्दी, केसर, पीत पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। सरसों, केसर का दान दें। सम्मान, यश बढ़ेगा।
15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल बहुत ही शुभ
मकर संक्रांति का त्योहार हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के अवसर पर मनाया जाता है। बीते कुछ वर्षों से मकर संक्रांति की तिथि और पुण्यकाल को लेकर उलझन की स्थिति बनने लगी है। इस साल भी कुछ ज्योतिषी कह रहे हैं कि मकर संक्रांति 14 की नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति का पुण्यकाल और तिथि मुहूर्त क्या है।
दरअसल इस उलझन के पीछे खगोलीय गणना है। गणना के अनुसार हर साल सूर्य के धनु से मकर राशि में आने का समय करीब 20 मिनट बढ़ जाता है। इसलिए करीब 72 साल के बाद एक दिन के अंतर पर सूर्य मकर राशि में आता है। ऐसा उल्लेख मिलता है कि मुगल कल में अकबर के शासन काल के दौरान मकर संक्रांति 10 जनवरी को मनाई जाती थी। अब सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का समय 14 और 15 के बीच में होने लगा क्योंकि यह संक्रमण काल है।
साल 2012 में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को हुआ था इसलिए मकर संक्रांति इस दिन मनाई गई थी। आने वाले कुछ वर्षों में मकर संक्रांति हर साल 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी ऐसी ज्योतिष गणना कहती है। इतना ही नहीं करीब 5000साल बाद मकर संक्रांति फरवरी के अंतिम सप्ताह में मनाई जाने लगेगी।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी को रात 8 बजकर 25 मिनट पर होगा।
*देवी पुराण के अनुसार संक्रांति से 15 घटी पहले और बाद तक का समय पुण्यकाल होता है। संक्रांति 14 तारीख की दोपहर में होने की वजह से साल 2018 में मकर संक्रांति का त्योहर 14 जनवरी को मनाया जाएगा* और इसका पुण्यकाल सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक होगा जो बहुत ही शुभ संयोग है क्योंकि इस साल पुण्यकाल का लाभ पूरे दिन लिया जा सकता है।
लेकिन 15 जनवरी को उदया तिथि के कारण भी मकर संक्रांति कई जगह मनाई जाएगी। इस दिन मकर राशि में सूूर्योदय होने के कारण करीब ढ़ाई घंटे तक संक्रांति के पुण्यकाल का दान पुण्य करना भी शुभ रहेगा।
चूंकि संक्रांति में दान का विशेष महत्व होता है बिना दान संक्रांति का कोई औचित्य ही नही।एवं सूर्य मकर राशि मे 15 जनवरी के सुबह उदय होगा जो कि स्नान दान दोनों के लिए बहुत ही शुभ है
इस साल प्रयाग माघ मेले में मकर संक्रांति का स्नान दोनों दिन यानी 14 और 15 जनवरी को होगा, पर 15 जनवरी को स्नान दान हो,
पँ रामदेव पाण्डेय 8877003232