आलेख़

संघर्षों के बीच जीवन का आनंद भी लें :: गुड़िया झा

संघर्षों के बीच जीवन का आनंद भी लें :: गुड़िया झा
जिन्दगी बहुत खूबसूरत है। लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इसमें कई तरह के उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। कई परिस्थितियों पर हमारा वश नहीं चलता है। फिर भी अपनी सोच और अपने नजरिये को बदल कर संघर्षों के बीच भी हम अपनी जीवन यात्रा को आनंदमय बना सकते हैं। हम जो चाहते हैं वो हमें नहीं मिलता है। नतीजा हमारा मानसिक तनाव बढ़ता है और हम परेशान हो जाते हैं। जिस चीज पर हमारा वश नहीं चलता है उस पर परेशान होने से क्या फायदा?
हर कोई अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार अपनी मंजिल तय करता है। खूबसूरती केवल मंजिल में नहीं, वहां तक पहुंचने वाले रास्ते में भी होती है। अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम अपने रास्ते को कैसे खूबसूरत बनाते हैं?
जब हम खुद को संभाल लेते हैं, तो जहां होते हैं, वहां भी बहुत कुछ पा सकते हैं। जिसके सहारे आगे बढ़ा जा सकता है। समय और परिस्थितियां कभी एक जैसी नहीं रहती हैं। हमेशा तनाव, जल्दबाजी और बेचैनी में हम जीवन का सही आनंद नहीं ले पाते हैं। जबकि यदि हम यह सोचें कि आज का हमारा यह खूबसूरत पल धीरे-धीरे हाथ से निकलता जा रहा है, तो क्यों न इसे भरपूर तरीके से इसका आनंद लेते हुए आगे बढ़ें। बस थोड़ी सी सजगता इसे और भी सुंदर बनाती है।

1, कार्य की गति जरूरी है तो ठहराव भी।
अक्सर ऐसा होता है कि इस भागदौड़ और व्यस्त जीवनशैली में हम काफी चिंतित और सचेत भी है रहते हैं। समय से कार्य को सम्पन्न कर आगे बढ़ना हमें ईमानदार और जिम्मेदार बनाता है। लगातर मेहनत कर बहुत कुछ पा लेने की चाहत ने हमें इतना व्यस्त कर दिया है कि कभी-कभी हम यह भूल जाते हैं कि ईश्वर ने भरपूर तरीके से जीवन का आनंद लेने के लिए बहुत कुछ दिया भी है। ये बात भी सही है कि पैसा हमारी जरूरतें पूरी करता है। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि पैसों के पीछे हम अपनी जिंदगी का हर पल कुर्बान कर दें। पैसे से सबकुछ खरीदा जा सकता है। लेकिन प्यार, रिश्ते, मन की शांति आदि चीजों का भी तो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। ईश्वर ने सभी मनुष्यों के लिए एक समान ही एक दिन में चौबीस घंटे को निर्धारित किया है। कोई एक दिन के उन घंटों में अधिकांश समय को पैसों के पीछे भागने में ही व्यतीत करता है, तो कोई पैसा और जिंदगी के सुकून भरे पलों का भी भरपूर आनंद लेता है। किसी तरह मंजिल पर पहुंच जाना ही काफी नहीं है। जीवन की इस यात्रा का आनंद भी लें।

2, हिम्मत न हारें, चलते रहें।
कई बार हमारे सामने कुछ ऐसी समस्याएं भी आती हैं जिनका सामना हम पूरी हिम्मत से करते हैं और उन समस्याओं पर विजय भी प्राप्त कर लेते हैं। इससे हमारा विश्वास लगातार बढ़ता जाता है।
इन सबके बावजूद भी हमें स्वयं को इस बात के लिए भी तैयार रखना होगा कि कभी भी अगर असफलता का सामना करना पड़े, तो हिम्मत न हारते हुए लगातार अपने कार्य में लगे रहें। हां, असफलता हमें किन कारणों से मिली इस बात को ध्यान में रखते हुए उसमें सुधार की प्रक्रिया को जारी रख आगे बढ़ते रहें।
कई बार हम सही होते हुए भी गलत बना दिये जाते हैं, तो कई बार लोगों की तीखी आलोचनाएं हमारे हौसले को कम करती हैं। छोटी-छोटी बातों में स्वयं को उलझाने के बजाय उन सभी बातों को अपनी सफलता की सीढ़ी बनाकर आगे बढ़ते रहें। इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि प्रत्येक अच्छे कार्यों में अनेक बाधाएं आती ही हैं। अपनी दिशा पर भरोसा रखें। गति धीमी ही सही, लेकिन उस ओर बढ़ते रहें।

Leave a Reply