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प्रभावशाली आचरण : महान और सफल व्यक्ति की विशेष बात

रांची, झारखण्ड | मार्च | 25, 2020 :: आजतक जितने भी महान और सफल व्यक्ति हुए हैं, उनमें एक विशेष बात ये होती है कि उनका आचरण आकर्षक होता है।
वे अपने आकर्षक आचरण के आधार पर अच्छे लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर तथा उनके सम्पर्क में रहकर जीवन पथ पर आगे बढ़ते हैं।
ऐसा हम भी कर सकते हैं। बस जरूरत है अपने आपको उस सोच में ढालने की जिनसे हमें ये सभी मुकाम हासिल करने में आसानी होगी।

1, विचार।
अगर हमारा विचार दूसरों की मदद करना है।
चाहे वो मदद आर्थिक, मानसिक या शारीरिक किसी भी प्रकार का क्यों न हो।
फिर हम उन विचारों को अपने जीवन में लागू करते हैं, तो निश्चित ही हम प्रभावशाली पहचान के मालिक होंगे।
लोग हमारी भावनाओं और विचारों से प्रेरित होते हैं।
हमारी बातों को गौर से सुनते हैं और उनपर अमल भी करते हैं।
अपने आचरण के अनुरूप हमें अच्छे परिणाम भी देखने को मिलते हैं।
एक अच्छे इंसान की पहचान गाड़ी, बंगला, और पैसा देख कर नहीं की जाती बल्कि उसके अच्छे विचार और कर्मों को देखकर की जाती है।

2, आहार।
आहार का हमारे आचरण पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।
हम जैसा भोजन करते हैं, वैसा ही हमारा आचरण बनता है।
कम तेल, कम मसालेदार भोजन, शाकाहारी भोजन और फलों से हमारा शरीर स्वस्थ और निरोग रहता है।
एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।
जिससे हमें अपने आचरण को आकर्षक बनाने में सहायता मिलती है।
खूब सारा पानी पीने से भी शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

3, सत्संग।
सत्संग एक ऐसी आदत है जो हमारे आचरण को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
अच्छे लोगों के सम्पर्क में रहना, उनसे अच्छी बातें सीखना और उन बातों को अपने जीवन में लागू करके हम अपने आचरण में चार चांद लगा सकते हैं।
अच्छी संगत से हमे निरंतर जीवन पथ पर कुछ आगे करने की प्रेरणा मिलती है।
इससे हममें टीम भावना का विकास होता है।
हमारे पास अच्छे लोगों की जितनी बड़ी टीम होगी, हम उतने ही ज्यादा प्रभावशाली होंगे।

4, वर्तमान में जीना।
जब हम अपने वर्तमान में 100 %
योगदान देते हैं तो तय है कि हमारे भविष्य को उज्जवल होने की गुंजाइश कई गुणा ज्यादा बढ़ जाती है।
किसी भी काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने हाथ में लेने के बाद जब हम उसे पूरा करते हैं तो यकीनन हमारे अंदर आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ता है।

हर इंसान जन्म से ही विजेता है।
हमारे भीतर किसी काम को करने की कितनी क्षमता है, ये हमे खुद अच्छी तरह से पता होता है।
इसलिए दूसरों को दोष देना या बाहरी दिखावे से ध्यान हटाकर अपने लक्ष्य प्राप्ति में अपना फोकस कर आगे बढ़ें।

5, नेतृत्व क्षमता।
ये हमारी कोई पोस्ट या पोजीशन नहीं होती। ये वो क्षमता है जिससे लोग खुद ब खुद हमारे विचारों और हमारे कर्मों से प्रेरित होकर हमें अपना पथ प्रदर्शक मानते हैं।
हम किसी को बाध्य नहीं कर सकते हैं।
वे खुद हमारे कर्मों और उससे मिलने वाले परिणामों को देखकर प्रेरित होते हैं।
इसलिए हमारे कार्य करने का तरीका जितना ही सटीक होगा, हममें नेतृत्व क्षमता का विकास भी उतना ही ज्यादा होगा।

गुड़िया झा

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