Breaking News Latest News

आपदा प्रबंधन को लेकर एनएसएस स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण

 

रांची, 13 अगस्त 2021: यूनिसेफ, एनएसएस झारखंड एवं झारखंड लाॅ यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आज एनएसएस वोलेंटियर्स के लिए आपदा प्रबंधन विषय को लेकर आॅनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के दौरान वोलेंटियर्स को वज्रपात, आंधी-तूफान, तेज बारिश तथा बाढ़ से कैसे खुद का बचाव करने के साथ-साथ लोगों को इस विषय के बारे में जागरूक किया जाए, इसके बारे में बताया गया।
कार्यशाला में रांची विश्वविद्यालय की कुलपति कामिनी कुमार, यूनिसेफ झारखंड की कम्यूनिकेशन आॅफिसर आस्था अलंग, झारखंड लाॅ यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर तथा सेंटर फाॅर चाइल्ड राइट्स की चेयरपर्सन डा. के श्यामला, क्लाइमेट रेसिलिएंट आॅब्जर्विंग सिस्टम्स प्रोमोशन काउंसिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव तथा एनडीआरएफ 9वीं बटालियन के इंस्पेक्टर नीतीश कुमार के अलावा 10 जिलों (रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, पलामू, लातेहार, गढ़वा, धनबाद तथा बोकारो) के एनएसएस के अधिकारियों एवं लगभग 200 वोलेंटियर्स ने भाग लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डा. कामिनी कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन एक सामयिक और प्रासंगिक विषय है। इसको लेकर युवाओं एवं एनएसएस वोलेंटियर्स को प्रशिक्षित एवं जागरूक करना एक अभिनव प्रयास है। यूनिसेफ, एनएसएस तथा झारखंड लाॅ यूनिवर्सिटी के इस प्रयास से वोलेंटियर्स के साथ-साथ आम लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। एनएसएस वोलेंटियर्स का यह दायित्व है कि वह इस विषय के बारे में लोगों को जागरूक करें, ताकि बज्रपात, आंधी-तूफान, बाढ़ एवं भारी बारिश जैसी आपदाओं से जानमाल की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि इस विषय की उपयोगिता एवं आवश्यकता को देखते हुए आपदा प्रबंधन को रांची यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार किया जाएगा, ताकि इस विषय को लेकर लोगों में चेतना एवं जागरूकता पैदा किया जा सके।
एनएसएस वोलेंटियर्स को संबोधित करते हुए यूनिसेफ की कम्यूनिकेशर आॅफिसर, आस्था अलंग ने कहा जलवायु परिवर्तन का असर बार-बार आने वाले आपदाओं के रूप में परिलक्षित हो रहा है। पिछले कुछ समय से झारखंड में बज्रपात, भारी बारिश एवं आंधी-तूफान की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। पिछले एक दशक में हजारों लोगों की जानें बज्रपात के कारण चली गई। इस प्रशिक्षण के बाद एनएसएस के वोलेंटियर्स एक्शन प्लान बनाकर आपदा के खतरे वाले जगहों की पहचान करेंगे और उन इलाकों में लोगों को इन आपदाओं से कैसे बचा जाए इसके बारे में बताएंगे, ताकि भविष्य में किसी भी आपदा की स्थिति से निपटा जा सके।
कार्यशाला में क्लाइमेट रेसिलिएंट आॅब्जर्विंग सिस्टम्स प्रोमोशन काउंसिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव तथा एनडीआरएफ 9वीं बटालियन के इंस्पेक्टर नीतेश कुमार ने एनएसएस वोलेंटियर्स को आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षित किया। झारखंड लाॅ यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर तथा सेंटर फाॅर चाइल्ड राइट्स की चेयरपर्सन डा. के श्यामला ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं प्रासंगिकता पर अपने विचार रखते हुए वर्तमान परिदृश्य में लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एनएसएस वोलेंटियर्स को प्रशिक्षण के माध्यम से अर्जित जानकारी एवं ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने की भी अपील की।
एनएसएस झारखंड के नोडल आॅफिसर डा. ब्रजेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग के लिए यूनिसेफ एवं झारखंड लाॅ यूनिवर्सिटी का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण से एनएसएस के वोलेंटियर्स को आपदा प्रबंधन विषय के बारे में विस्तृत जानकारी मिली है, जिसका उपयोग स्वयंसेवक लोगों को भविष्य की आपदाओं एवं खतरों के प्रति आगाह करने और इससे कैसे बचा जाए, इसको लेकर प्रशिक्षित करने के लिए करेंगे।

Leave a Reply