कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के बच्चों ने सोहराई कला से कपडे के थैले को दिया नया लुक
पॉलिथीन मुक्त झारखण्ड के सन्देश के साथ कलाकृति आर्ट फाउंडेशन निशुल्क बाँटेंगे ऐसे 500 थैले
सोहराईआर्ट.कॉम के माध्यम से होगी बिक्री और निर्धन एवं पिछड़े वर्ग के लड़कियों को पहुंचेगा लाभ
राँची, झारखण्ड । दिसम्बर | 04, 2017 :: कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स, कलाकृति आर्ट फाउंडेशन एवं सोहराईआर्ट.कॉम के द्वारा झारखण्ड को पॉलिथीन मुक्त करने हेतु अपनी अनूठी पहल के द्वारा झारखण्ड की लोककला सोहराई चित्रकला को भी घर-घर पहुँचाने का संकल्प लिया | इसी कड़ी में कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के निशुल्क कला शिक्षा प्राप्त कर रहीं छात्राओं ने कपड़े से बने 500 थैलों के ऊपर सोहराई पेंटिंग कर उसे निशुल्क घर घर तक पहुँचाने के साथ साथ पॉलिथीन के थैलों का ना इस्तेमाल करने और झारखण्ड और देश को पॉलिथीन मुक्त बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की | कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में चल रहे इस कार्यशाला एवं प्रशिक्षण शिविर में कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के निदेशक एवं सोहराईआर्ट.कॉम के फाउंडर धनंजय कुमार ने की बताया की झारखण्ड सरकार की पहल पॉलिथीन मुक्त झारखण्ड अभियान में सोहराई चित्रकला के माध्यम से जन जनतक पहुँचाने का संकल्प किया है | श्री कुमार ने कहा की इस कार्यशाला के माध्यम से अत्यंत पिछड़ा वर्ग और निर्धन छात्रों को हुनरमंद बना कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करने का प्रयास किया जा रहा है | जो भी लोग ऐसी थैलियाँ खरीदना चाहते है उन्हें लगत दर पर उपलब्ध करने का प्रयास सोहराईआर्ट.कॉम एवं कलाकृति आर्ट फाउंडेशन के द्वारा किया जायेगा | सारे छात्राओं को कलाकृति आर्ट फाउंडेशन एवं सोहराईआर्ट.कॉम के सहयोग से धनंजय कुमार ने सोहराई कला बनाने हेतु कपडे की थैली, रंग एवं की निशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था की है | सभी प्रतिभागियों से उन्होंने अपील की और कहा की इस कला को सीख कर स्वाबलंबी बने एवं झारखण्ड की इस लोक कला का पुरे विश्व प्रचार प्रसार एवं संरक्षण के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग करें |
इस अवसर पर कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स के निदेशक धनंजय कुमार, समाजसेवी संस्था कलाकृति आर्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष श्वशंकर रविशंकर गुप्ता जी, डब्लू कुमार, मनीष बर्मन, मोहमद कलाम, अजय कुमार का भरपूर सहयोग रहा |
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था की उपनिदेशिका श्रीमती रजनी कुमारी के सोहराई कलाकार रूबी, आरती, कोमल, शिखा, तन्वी, मनस्वी, आयेशा, हर्षिता, हर्ष, एवं सभी छात्रों का योगदान रहा |