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चुप्पी तोड़ो, स्वस्थ रहो अभियान

रांची, झारखण्ड | मई | 24, 2019 ::

माहवारी संबंधी गलत धारणाएं लोगों के मन में होती है जिसे हम जागरूकता फैलाकर दूर कर सकते हैं- आराधना पटनायक, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता
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पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव श्रीमती आराधना पटनायक ने कहा कि किशोरियों में माहवारी संबंधी अधिकतर समस्याएं उनके जानकारी के अभाव से होती है। जानकारी का अभाव उनके चुप रहने और किसी को न बताने और छुपाने से होता है।उन्होंने कहा कि माहवारी एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे हर महिला को हर महीने गुजरना पड़ता है। इसके लिए कई गलत धारणाएं लोगों के मन में होती है जिसे हम जागरूकता फैलाकर दूर कर सकते है। स्वच्छ भारत मिशन ओडीएफ प्लस में इस हेतु कई कदम उठाए जा रहे है जिससे महिलाओं और किशोरियों को इस हेतु जागरूक किया जा सके। श्रीमती पटनायक आज पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा आयोजित चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो अभियान के शुभारम्भ सह एक दिवसीय कार्यशाला पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहीं थीं। इस कार्यशाला में श्रीमती पटनायक द्वारा IEC किट का भी विमोचन किया गया।

श्रीमती आराधना पटनायक ने कहा कि चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो अभियान झारखंड में 28 मई 2019 से 27 जून 2019 तक चलेगा। इस अभियान के तहत विभिन स्तर पर माहवारी संबंधित जागरूकता अभियान का संचालन किया जाएगा। पंचायत एवं ग्राम स्तरीय निर्मित समूहों के बीच माहवारी संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जाएगा साथ ही विभिन स्वास्थ्य/आंगनवाड़ी केंद्रों, शिक्षण संस्थानों एवं पंचायत भवनों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चला कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। श्रीमती पटनायक ने कहा कि इस अभियान के तहत किशोरियों, किशोर दीदी एवं भईया का समूह बनाया जायेगा एवं उन्हें प्रशिक्षित कर के जागरूकता अभियान में सम्मिलित किया जायेगा।

इस अवसर पर एम.डी.डब्लू.एस., भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री समीर कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे MHM (Menstrual Hygiene Management) हेतु विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस हेतु हर गाँव, हर घर एवं हर परिवार को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। माहवारी की वजह से किशोरी अपने स्कूल नहीं जाती जिससे उनको काफी नुकसान पहुँचता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को माहवारी हेतु स्वच्छ एवं सुरक्षित सेनेटरी नैपकिन का उपयोग एवं उनके डिस्पोज़ल की व्यवस्था के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि हर जिले में सेनेटरी नैपकिन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है जिससे महिलाओं तक सुरक्षित एवं सही कीमत पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध हो सके। इस अभियान से रानी मिस्त्रियों को जोड़ने से गाँव के ज्यादातर घरों तक जागरूकता फैलाई जा सकेगी और सेनेटरी नैपकिन के उत्पादन में भी सहयोग प्राप्त होगा।
इस कार्यशाला में डॉ मधुलिका जोनाथन सी.एफ.ओ. यूनिसेफ झारखंड, श्री अबु ईमरान, निदेशक, एस.बी.एम, विभिन जिलों के एस.बी.एम के नोडल ऑफिसर एवं अधिकारी पदाधिकारी, कस्तुरबा विद्यालय कि किशोरियाँ, शिक्षिकाएं अभियान से जुड़े विभिन्न एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

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