JB Tubid
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बीजेपी नेता और पूर्व गृह सचिव जे बी तुबिद ने किया रिम्स का दौरा :: मरीजों को मिल रही सुविधाओं की ली जानकारी

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रांची, झारखण्ड । सितम्बर | 1, 2017 :: झारखण्ड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के सभी डॉक्टरों को दिल से धन्यवाद जिनके कारण चाईबासा जिला के सिमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले 47 वर्षीय कोन्द्रो चौधरी को नयी जिन्दगी मिली है। रिम्स के डॉक्टर चिकित्सा के क्षेत्र में हर दिन नये आयाम गढ़ रहे है। जिससे न केवल झारखण्ड बल्कि आस पास के राज्यों के मरीज भी राज्य के डॉक्टरों पर अपना विश्वास दिखाते हुए बड़ी संख्या में यहां आकर अपना इलाज करवा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सह प्रवक्ता एवं पूर्व गृह सचिव जे बी तुबिद ने उक्त बातें रिम्स में ब्रेन की जटिल सर्जरी से गुजरे कोन्द्रो चौधरी से मुलाकात करने के बाद कही।

श्री तुबिद कोन्द्रों चौधरी से मुलाकात करने शुक्रवार को रिम्स पहुंचे। कोन्द्रो Rathke’s cleft cyst नाम की दुर्लभ बिमारी से ग्रसित थे। देश के कई राज्यों में अपना इलाज करवाने के बाद भी कोन्द्रो को फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद श्री तुबिद ने उन्हें रिम्स आने की सलाह दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए श्री तुबिद ने कोन्द्रो चौधरी का इलाज रिम्स में करवाना शुरू किया। करीब तीन सप्ताह की गहन जांच के बाद रिम्स के वरिष्ठ डाक्टर सी बी सहाय, डॉ सौरव और डॉ आनन्द प्रकाश की टीम ने 8 घंटे में इस जटिल ऑपरेशन को सफल बनाया।

डॉक्टरों ने कहा कि Rathke’s cleft cyst एक बेहद जटिल बीमारी है जो लाखों में किसी एक को होती है। यह बीमारी मरीज के दिमाग के पिट्युटरी ग्लांड में विकसित होती है, जो दिमाग की महत्वपूर्ण नसों को निष्क्रिय कर आंखों की रौशनी खत्म कर देती है। इस बिमारी का इलाज वर्तमान में बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिसा और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में नही है। झारखण्ड में भी यह पहली बार है जब रिम्स के डॉक्टरों ने इस मुश्किल बीमारी का सफल ऑपरेशन किया।

श्री तुबिद ने कहा कि कोन्द्रो की तरह ही ऐसे कई लोग हैं जो हर जगह से निराश हो कर रिम्स पहुंचते हैं और यहां के चिकित्सक उनकी बेहतर चिकित्सा सुनिश्चित करते हैं। कोन्द्रो से मिलने के बाद श्री तुबिद ने रिम्स के अन्य मरीजों से भी मुलाकात कर रिम्स में उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। श्री तुबिद ने कहा कि सरकार इस अस्पताल को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने की दिशा में प्रयासरत है, साथ ही इसकी नकारात्मक छवि को सुधारना भी सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं है। लोगों को यह समझना जरुरी है कि डॉक्टर भी तभी अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे जब उन्हें आम लोगों से अपेक्षित सहयोग मिलेगा। यहां के डॉक्टर विपरीत परिस्थिति में मरीजों को बेहतर इलाज दे रहे हैं।

 

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