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दिल्ली पब्लिक स्कूल राँची में इण्टर डी.पी.एस. नृत्य प्रतियोगिता ’’नृत्यांजलि’’ का आयोजन

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रांची, झारखण्ड । अगस्त | 19, 2017 :: डी.पी.एस. सोसाइटी, नई दिल्ली द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित की जानेवाली इंटर डी.पी.एस. नृत्य प्रतियोगिता के पूर्वी क्षेत्र के प्रतियोगिता का आयोजन दिल्ली पब्लिक स्कूल, राँची में ’नृत्यांजलि’ के रूप में किया गया।इस इंटर डी.पी.एस. डाँस प्रतियोगिता का आयोजन पूरे देश में छः जोन में हुआ जिसमें चंडीगढ़, फरीदाबाद, जयपुर, मुरादाबाद, सैनिकपुरी और राँची चुने गए थे जिसमें देश भर के सभी डी.पी.एस. के छात्र शरीक हुए।डी.पी.एस. राँची को पूर्वी क्षेत्र के विद्यालयों के लिए इस आयोजन का अवसर मिला जिसमें 14 से अधिक स्कूलों के छात्र प्रतिभागी रूप में सम्मिलित  हुए। इस प्रतियोगिता में शामिल टीमों के नाम डी.पी.एस. गुवाहाटी, पारादीप रिफाइनरी, बोकारो, नार्थ कोलकाता, हावड़ा, फरक्का, रूबी पार्क, डाली गाँव, दुलिजान, दूर्ग, नाजीरा, आसनसोल एवं राँची आदि इस प्रतिस्पर्धा के प्रतिभागी थे।सबसे पहले ’स्वागतम्-स्वागतम् अतिथि विशेष हमारे’ नामक मधुर गीत द्वारा उपस्थित समस्त अतिथियों का छात्रों ने स्वागत किया। तब शिवस्तुति द्वारा नृत्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ।तत्पश्चात डी.पी.एस. प्रचार्य ने समस्त अतिथियों को विद्यालय में उनकी गरिमामय उपस्थिति के लिए आभार प्रकट करते हुए उनका स्वागत किया और कहा की डी.पी.एस. शिक्षा के क्षेत्र में अलग-अलग नवीन कीर्तिमान बनाता रहा है और आज इस क्षेत्र में नेतृत्व की क्षमता रखता है। यहाँ के छात्र जहाँ विश्व नागरिक बनकर देश विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं वहीं शास्त्रीय नृत्य आदि के आयोजन से अपने भारतीय सभ्यता की जड़ों से भी जुड़ पा रहे हैं। वर्तमान युवापीढ़ी दिशाहीन दिख रही ह,ै विभिन्न सामाजिक घटनाएँ चिंतित करती हैं पर ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों को भारतीय मूल्यों, कला और संस्कृति से परिचित कराते हैं और नैतिक अवमूल्यन से बचाते हैं और उन्हें समाज और राष्ट्र के प्रति दायित्वों से जोड़ते हैं। प्राचार्य डा. राम सिंह ने सभी प्रतिभागी विद्यालय के छात्रों को शुभकामना देते हुए कहा कि वस्तुतः यह कार्यक्रम किसी को सफल या असफल बनाने के लिए नहीं अपितु सबकी सफलता घोषित करने के लिए है। विद्यालय के सभागार में आयोजित इस नृत्यांजलि-महोत्सव के शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री पद्मभूषण संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, साहित्य कला परिषद अवार्ड से सम्मानित महान कथक नृत्यांगना एवं नृत्य प्रशिक्षक डा. उमा शर्मा मौजूद थीं। साथ हीं विशिष्ट अतिथियों के रूप में  पद्मश्री अशोक भगत (समाजसेवी), पद्मश्री बलबीर दत्त (शिक्षा, साहित्य एवं पत्रकारिता), पद्म श्री मुकुन्द नायक( झूमर लोक नृत्य एवं संगीत), पद्म श्री सीमोन उराँव (’बाबा’-झारखण्ड वाटरमैन), एवं पद्म श्री दीपीका कुमारी ( क्रीडा एवं धनुर्विद्या) के माता-पिता भी मौजूद थे। इन सभी सम्मानित अतिथियों का डी.पी.एस. के प्राचार्य डा. राम सिंह ने शाल, शेपलिंग एवं मोमेन्टो से सम्मानित किया। निर्णायक मंडली के रूप में हजारीबाग की झारखण्ड प्रतिभा सम्मान से सम्मानित, कथक एवं क्रिएटिव डांस में पी.एच.डी. डा0 मालविका मुखर्जी एवं कलकत्ता की श्रीमती रूबेना चटर्जी (मास्टर इन भरतनाट्यम्, ओडिसी एवं कंटेप्ररी इन लंडन) और जमशेदपुर की रेशमी चौधरी ( मास्टर्स इन कथक इन रविन्द्ररिक, परफार्मेन्स इन डिफरेंट कंट्रीज, टी.वी. एक्ट्रेस) सभागार में उपस्थित थीं। नृत्य प्रतियोगिता के लिए डी.पी.एस. सोसाइटी द्वारा दो विषय ’सत्यमेव जयते’ एवं ’जागृति’ विषय निर्धारित किए गए थे जिनके आधार पर प्रतिभागियों को अपनी नृत्य प्रस्तुति  देनी थी। विषय की सम्यक प्रस्तुति पर दस अंक नृत्य कौशल पर दस अंक, वस्त्र सज्जा एवं सहायक सामग्री पर दस अंक समूह-समन्वय पर दस एवं समग्रता पर दस अंक पाने वाला विद्यालय प्रथम होकर एवं डी.पी.एस. नोयडा में 24 नवम्बर को नेशनल स्तर पर होने वाली नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेंगे। इस प्रतियोगिता में छह से नौ बच्चों की एक टीम के लिए 7 मिनट निर्धारित था जिसके भीतर छात्रों को अपनी प्रस्तुति देनी थी।सभी डी.पी.एस. विद्यालयों के छात्रों ने एक से बढ़कर एक भावपूर्ण प्रस्तुति दी। कहीं द्रोपदी की विवशता दिखाई दी, कहीं कन्या भ्रूण हत्या, छुआछूत, सती प्रथा, बाल-विवाह तो कहीं नारी सशक्तिकरण द्वारा जागृति लाने का आह्वान दर्शाया गया।मुख्य अतिथि डा. उमा शर्मा ने सभी डी.पी.एस. छात्रों के नृत्य प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कहा की पढ़ाई का क्षेत्र हो या नृत्य हो कड़ी मेहनत और लगन से हीं सफलता प्राप्त हो सकती है। आज चारों ओर के घटनाक्रम और सामाजिक, नैतिक पतन, ब्लूह्वेल-आत्महत्या आदि को देखकर यही लगता है कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम हों, बच्चों को कड़ी मेहनत से जोड़ा जाए सही दिशानिर्देश हो तो ये त्रासद स्थितियाँ आ नहीं सकतीं।अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके डी.पी.एस. राँची के छात्र इस नृत्य प्रतियोगिता नृत्यांजली के विजेता रहे। विजेता टीम डी.पी.एस. राँची के छात्रों पंखुडी झा, कौशिकी सिंह, दीक्षा भाव्या, आयुषी गोस्वामी, अस्मीता पलक, सखी विनय महाराज, सुविज्ञा श्री, एवं सीनचन मिश्रा ने जागृति विषय पर अपनी नृत्य प्रस्तुति देकर अस्पृश्यता, धर्म और जातिगत भेदभाव से मुक्ति विषय प्रस्तुत किया और इस प्रकार वे नेशनल डांस कंपटीशन के लिए क्वालिफाइ हुए।ं इस प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान पर डी.पी.एस बोकारो तथा तीसरे स्थान पर डी.पी.एस रूबी पार्क के प्रतिभागी रहे।  सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर डी.पी.एस. राँची ने बेस्ट कॉस्टूयम, डी.पी.एस बोकारो ने बेस्ट प्राप एवार्ड पाया। डी.पी.एस. हावड़ा को बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए सम्मानित किया गया डी.पी.एस. नाजीरा ने बेस्ट सिंक्रोनाइजेशन अवार्ड जीता डी.पी.एस. दुलीजान ने बेस्ट रिद्मिक मूवमेन्ट अवार्ड जीता।डी.पी.एस. आसनसोल के छात्रों अंकिता रंजन प्रसाद, अदिती व्यास, अनन्या कश्यप, मोनालिसा चटर्जी, अन्वीता चटर्जी, अरनबी चटर्जी, सोनिया मंडल, उन्नती दोकानिया एवं सुदीपा घोष ने जागृति विषय को आधार बनाकर एसिड कांड से पीड़ित यवति के ब्यूट क्वीन बनने की कथा दर्शाई।डी.पी.एस बोकारो के छात्रों अदिती अग्रवाल, एश्वर्या सिंह, अमिषा सिंह, जाह्न्वी वत्स, अदिती ठाकुर, अनिष्का सिंह, इशिका दत्ता, काव्या झा एवं अर्पिता भगत ने जागृति विषय पर स्त्रियों की गोण दशा कन्या भ्रूण हत्या दर्शाकर शिक्षा द्वारा नारी दुर्दशा से मुक्ति दर्शाई।डी.पी.एस.  ढ़ालीगाँव के छात्रों भाग्यश्री शर्मा, कमली बर्मा, अनुस्मीता साहू, सुश्रुति साहू, याश्स्वी मिश्रा, बिपाशा चक्रवर्ती, दोरोथी सिंहा, सुभंगी रे, एवं धीराश्री डेका ने जागृति विषय पर नारी की विवशता दिखाते हुए दर्शाया कि आज की नारी को काली बनकर हीं तमाम समाजिक विसंगतियों का संहार करना होगा।डी.पी.एस. दुलियाजान के छात्रों अक्षता दास, अन्वेषा सैकिया, चन्द्रलिका बोरा, मृगाका गोगोई, प्रकृति कमलापुरी, प्रियादर्शना छलिहा, रदाली हजारिका, सलोनी एसेंग योमदो एवं टी. सुहीना ने जागृति विषय को लेकर नरचर गर्ल चाइल्ड, लेट हर सी द वर्ल्ड का संदेश दिया।डी.पी.एस दुर्ग के छात्रों इलाक्षी, लेखा नयर, अलंकृता लाल, चनास्या, पूर्व स्वामी, समृद्धि, मानसी, संजना दोनका एवं काव्या प्रदीप ने सत्यमेव जयते विषय लेकर महाभारत के द्युतक्रीड़ा दर्शाते हुए हमेशा कृष्ण को रक्षक के रूप में उपस्थित किया।डी.पी.एस फरक्का के छात्रों अदिती पाल, प्रेरणा उराँव, मयूरी बंगल, शाहीन सुलताना, आदित्य कश्यप, श्रुतिपर्णा पात्रा, स्वस्तीका पाण्डे, सुपर्वा झा एवं दीपानजन राहा ने जागृति विषय पर उद्बोधन दिया ’मैं एक लड़की हूँ पर उपेक्षा का विषय नहीं, आज की नारी दुर्गा का अवतार है।’डी.पी.एस गुवाहाटी के छात्रों भागमीता, पुनास्मिता, सुकन्या, अभिष्ठा सेठ, हर्षिता गोगोई, राइना गोगोई अजंता एंव जीमानी कालिता ने जागृति विषय के अंतर्गत नृत्य द्वारा सती प्रथा एवं बाल विवाह के प्रति आक्रोश जताया।डी.पी.एस हावड़ा के छात्रों पूर्बाशा साहू, अमृता दास, स्नेह विश्वास, अर्श अदक, चंद्रयी घोष, प्रियंका पात्रा, प्रत्युषा पात्रा, मोनोमिता डे, तनिशा पाल ने जागृति में इण्डिया साइनिंग दर्शाते हुए स्त्री पुरूष की ’समानता में महानता है’ दिखाईडी.पी.एस जोका के छात्रों देवश्रीता, चंदनी, एकांक्षा, स्नेहा श्रीमोई सेनगुप्ता, इशानी मुखर्जी, प्रकृति डे, अर्चिशा सान्याल एवं अंकिता पाणिग्रही ने सत्यमेव जयते विषय लेते हुए भूकम्प जैसी आपदा के बाद भी मानव अस्तित्व को दर्शाया।डी.पी.एस नाजीरा के छात्रों कुंजल, अन्नपूर्णा, मान्या चौधरी, दिकुमोनी मेख, मान्सी चित्रकार, अनुष्का भारद्वाज, सृष्टि कहानीकार, कृष्णा दास एवं  अनन्या हजारिका ने सत्यमेव जयते विषय लेते हुए कालिया मर्दन, रास लीला आदि के साथ मणिपुरी नृत्य द्वारा ईश्वर के रक्षक रूप को प्रस्तुत किया।डी.पी.एस नार्थ कोलकाता के छात्रों सुचना भट्टाचार्जी, बृष्टि साहा, श्रेयषी दत्ता, अंकिता दत्ता, अनिंदत्ता राय, जिज्ञासी कर एवं उत्सा बासु ने जागृति विषय को भरतनाट्यम द्वारा दर्शाया एवं संदेश दिया ’अशिक्षा दूर करो मानवता की रक्षा करो’।डी.पी.एस पराद्वीप रिफाइनरी के छात्रों स्वीटी उराँव, समदृता मल्लिक, देवस्मिता पात्रा, आनंदिता दास, मोनी उराँव, प्रतीक साहा, शाम्भवी झा, असीता डेका एवं सीजनी भट्टाचार्या ने भरतनाट्यम द्वारा समाज में स्त्री के विभिन्न भूमिकाओं को दिखाकर उनसे संबंधित समस्याओं को दिखाया जो नारी सशक्तिकरण से हीं दूर होंगी।डी.पी.एस रूबी पार्क के छात्रों सैगनिक मुखर्जी, श्रीजोनी चटर्जी, इशानी रे, दित्सा डे, मिहिका सिंह,रूपकथा बोस समृद्ध मुखर्जी, अम्बालिका भौमिक एवं अनिशा दास ने समाजिक उपेक्षा एवं अपमान के शिकार कैदी के पुनर्वास की कथा दिखाते हुए जागृति विषय के अंतर्गत सोंच में बदलाव लाने का संदेश दिया। प्राचार्य ने सभी छात्रों की प्रशंसा की और सफल छात्रों को बधाई दी। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के द्वारा किया गया।

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