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हर हाल में बेहतरीन सोचें : गुड़िया झा

रांची, झारखण्ड | मार्च | 28, 2020 :: जिंदगी की इस भागदौड़ में कभी कभी हमें जीवन में कमियां ही कमियां मिलती हैं।
हम जितना ही इसके बारे में सोचते हैं, उतना ही अपनी खुशियों से दूर होते जाते हैं।
जैसा कि एक अनुभवी प्रशिक्षण कर्ता होने के नाते श्री नवीन चौधरी द्वारा लिखी गयी पुस्तक जन्मजात विजेता में इसके महत्वपूर्ण पहलूओं पर विस्तार से चर्चा की गई है कि महात्मा गांधी ने कहा है कि दुनियां हर किसी की जरूरत के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी की लालच भरी चाहत के लिए पर्याप्त नहीं है।
इसलिए हमारी इच्छाएं पूरी करना बुरी चीज नहीं है, लेकिन हमारी अनंत इच्छाएं यदि लालच से संचालित हो रही हों तो हमें सोचना चाहिए कि उसे पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण और स्वाभाविक आवश्यकताओं का हम बलिदान तो नहीं कर रहे हैं।
हमें ये देखना चाहिए कि खुशियां किसी महंगी चीज की मोहताज नहीं हैं।
ये हमारे भीतर की वो ताकत है जिसके माध्यम से हम महसूस कर सकते हैं कि जो हमारे पास मौजूद है उसमें कैसे खुश और शांत रह सकते हैं। क्योंकि हमारे पास जो मौजूद है, शायद बहुत सारे लोगों के पास वो भी नहीं है।
कुछ बातों को अपनाकर हम काफी हद तक अपनी कमजोरियों पर काबू पा सकते हैं।

1,परिस्थितियों को अपनाएं।
हम हमेशा यह सोचते हैं कि हम जैसा चाहते हैं, वैसा ही हो। इस बात से परे यदि हम ये सोचें कि क्यों न हम उस परिस्थितियों को ही अपना लें जो हमारे मन के अनुरूप नहीं हैं। फिर देखिए कैसे हमारी खुशियां बढ़ती हैं। बहुत ही अच्छे और शांतिपूर्ण ढंग से हम उन परिस्थितियों पर काबू पा लेते हैं। यदि हमें किसी से शिकायत भी है तो उस व्यक्ति को अपनाकर अपने मन पर पड़े बोझ को हल्का कर सकते हैं।

2, अपने लक्ष्य तय करें।
अपना लक्ष्य तय कीजिये और उस दिशा में निरंतर कार्य करते रहें। हो सकता है उस लक्ष्य को पाने में कई बाधाओं का सामना भी करना पड़े। लेकिन उससे विचलित होने या लक्ष्य से ध्यान हटाये बिना आगे बढ़ते रहें। निश्चित ही सफलता आपके कदम चूमेगी। बाधाओं को हमेशा सकारात्मक रूप में देखें। हो सकता है कि इससे हमें और ज्यादा सीखने को मिले।

3, शुक्रगुजार होने का सुख।
हमारे जीवन में सुख के रंग और भी जुड़ जाएंगे, जब हम उन लोगों को हमेशा धन्यवाद देंगे जिनसे हमने अच्छी बातें सीखी। उन्होंने हमारे भीतर छिपी हुई ताकत को बाहर निकाल कर हमें और मजबूत बना दिया।
अपने आलोचकों को भी धन्यवाद दीजिये। क्यों कि सफलता के मुकाम को खास बनाने में खट्टी मिट्ठी बातें भी सफर को और खास बनाती हैं।
यह सोच तकलीफों में भी आपको खुशियां तलाशना सिखा देगी।

4, संवेदनशील होने का सुख।
ये एक ऐसी आदत है जो हमें निश्चित आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। अपनी सोच और समझ आगे बढ़ने के कारण हम और भी बेहतरी की ओर बढ़ते हैं। किसी के प्रति संवेदनशील होने से जो संतुष्टि मिलती है, वो बहुत सारी सुविधाओं के मिलने से नहीं मिलती है।

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