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मेरे पिताजी ने कहा था – जब अफसर बन जाना तो शिक्षा के स्तर पर जरूर ध्यान देना : अबू इमरान ( उपायुक्त, चतरा )

 

चतरा, झारखण्ड  | मार्च  | 04, 2023 ::

ये आरजू थी कि तुझे गुल से रूबरू करते, हम और गुले बेताब गुफ्तगू करते।
मशहूर शायर हैदर अली आतिश का यह शेऱ हैं, लेकिन इसको चरितार्थ करने वाली शख्सियत हैं चतरा जिले के उपायुक्त अबू इमरान। अपने दिए गए बयानों और आम आदमी के लिए किये जाने वाले कार्यों के चलते ये हमेशा चर्चित रहते है। बयानों और आम आदमी से जुड़े सवालों पर एक बेहद संजीदा इंसान।

चतरा के उपायुक्त का पदभार लेते दिया गया उनका पहला आधिकारिक बयान ” किसी को भूख से मरने नहीं देंगे ” उनकी मानवीय संवेदना को दर्शता है। पदभार लेने के बाद ही सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को त्वरित गति से लागु करना, नियमित बैठक के साथ अधिकारियों को कार्य संपादन के लिए स्पष्ट निर्देश देना और जिले को सभी इंडिकेटर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए तैयार करना उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण है।

जिले का उपायुक्त के नाते उनकी भूमिका और जिम्मेदारी को वे बखूबी समझते है और भी उनके कार्यों से मिलता है। कड़कड़ाती ठंड भरी रातों में गिद्धौर प्रखंड के जापुआ गांव में आदिम जनजाति बिरहोरों समुदाय को कम्बल उपलब्ध करने की बात हो या फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मरीजों को कपकपाती ठंड में कंबल देने की पहल करना यह सब उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

‘कोई दिन गर जिंदगानी और है, हमने जी में ठानी और है।“

मिर्जा ग़ालिब के इस शेर को कई मौकों पर दुहराने वाले अबू इमरान बचपन से ही आईएसएस बनाना चाहते थे। अबू इमरान की प्रारंभिक शिक्षा धनबाद के डीपीएस से हुयी है।2001 में 12वीं करने के बाद इन्होने वोकेशनल या प्रोफेशनल कोर्स करने की बजाये बीए करने का फैसला किया और अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। पहले प्रयास में इनका चयन आईआरएस में हुआ और फिर दूसरे प्रयास में आईएएस बने। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले और हमदर्द कोचिंग से यूपीएससी की तैयारी करने करने वाले अबू इमरान की पहचान शिक्षाविद के तौर पर भी है। इन्हें अलीगढ विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जा चूका है।

पढ़ना और पढ़ाना उनका पसंदीदा काम है। उनके घर में आपको किताबों का भंडार मिलेगा। पढ़ने के इस जूनून के कारण ही पिछले कुछ वर्षों में इन्होंने हारवर्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेलसिंकी और फिनलैंड से ऑनलाइन एड ऑन कोर्स किया है। आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे नए कोर्स उनके पसंदीदा विषयों में शामिल है।

आईएएस अबू इमरान की पहली पोस्टिंग झारखण्ड के लातेहार जिले में एसडीओ के पद पर हुयी थी। इसके बाद वह जिले के डीसी भी बने जहाँ उनके द्वारा शिक्षा, बाल विकास और जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि का जिले के विकास और विद्यार्थियों को निः शुल्क शिक्षा और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए कोचिंग क्लास की व्यवस्था करना सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा।

अपने अंदर के शिक्षक को वह आज रोक नहीं पाते है और आमंत्रण मिलने पर वह विद्यालयों और विभिन्न संस्थानों में व्याख्यान देने के लिए तैयार हो जाते है। उपायुक्त अबू इमरान कहते है “अपने रुबाब की ताबीर के लिए युवाओं में रुझान, कड़ी मेहनत और मार्गदर्शन की जरुरत आज सबसे ज्यादा है।“

आईएएस अबू इमरान की प्राथमिकता में स्कूली शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है। एक घटना का जिक्र करते हुए वह कहते है ” मेरे पिताजी ने कहा था – जब अफसर बन जाना तो शिक्षा के स्तर पर जरूर ध्यान देना। कोशिश करना कि तुम्हारी कोशिशों से सभी को शिक्षा मिले”।

चतरा जिले में पिछले कुछ महीनों के दौरान उनके अथक प्रयासों से जिले में ड्रग्स और मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम को लेकर ‘प्रहरी क्लब’ और सीसीटीवी लगाने पर जोर दिया है। उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि आज जिले के बच्चों के लिए इंजीनियरिंग क्लैट, गेट और यूपीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी कराने वाले संस्थान संचालित हो रहे है।

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