राची, झारखण्ड | फरवरी | 13, 2024 ::
आर्य समाज के संस्थापक एवं महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती का जयंती नटराज योग संस्थान में उनके प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर मनाया गया. संस्थापक आर्य प्रहलाद भगत ने बताया
इतिहास में कुछ दिन, कुछ क्षण, कुछ पल ऐसे आते हैं, जो भविष्य की दिशा को ही बदल देते हैं। आज से 200 वर्ष पहले दयानन्द जी का जन्म ऐसा ही अभूतपूर्व पल था। ये वो दौर था, जब गुलामी में फंसे भारत के लोग अपनी चेतना खो रहे थे। स्वामी दयानन्द जी ने तब देश को बताया कि कैसे हमारी रूढ़ियों और अंधविश्वास ने देश को जकड़ा हुआ है।
इन रूढ़ियों ने हमारे वैज्ञानिक चिंतन को कमजोर कर दिया था। इन सामाजिक बुराइयों ने हमारी एकता पर प्रहार किया था।
समाज का एक वर्ग भारतीय संस्कृति और आध्यात्म से लगातार दूर जा रहा था। ऐसे समय में, स्वामी दयानन्द जी ने ‘वेदों की ओर लौटो’ इसका आवाहन किया। उन्होंने वेदों पर भाष्य लिखे।
बीजेपी युवा मोर्चा के कला एवं खेल संस्कृति के प्रभारी आशुतोष द्विवेदी जी ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि आज के युग में युवाओं को महर्षि दयानंद सरस्वती जी के बारे में जानने की आवश्यकता है। जिन्होंने देश की गुलामी के समय में अनेक क्रांतिकारियों को समाज में सत्य के प्रति लड़ने का मार्ग दर्शन किया था। जिनके कारण आज हम आजाद भारत में जीवन व्यतीत कर पा रहे है, हमें गर्व है अपने ऐसे महान पूर्वजों पर जिन्होंने वेद उपनिषद दर्शन के बारे में ज्ञान दिया और समाज में नारी शक्ति एवं युवाओं को जगाने का कार्य किया।
बीजेपी के पीएम जे के वाई के प्रदेश अध्यक्ष राहुल दुबे जी, संस्थान के मुख्य सदस्य बिट्टू दिव्य, बिट्टू कुमार, रितेश कुमार , पिंटू कुमार, प्रशांत कुमार अन्य सदस्य उपस्थित रहे।