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संत गाडगे बाबा की 147वीं जयंती

राची, झारखण्ड  | फरवरी | 26, 2023 :: शनिवार को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा रांची महानगर के तत्वाधान में राष्ट्रसंत संत गाडगे बाबा 147वीं जयंती समारोह का आयोजन चुटिया रांची में किया गया।

कार्यक्रम के शुरुआत संत गाडगे बाबा के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दर्जनों बच्चों के बीच पाठ पाठ पुस्तक सामग्री वितरण करकार्यक्रम के अध्यक्ष राम लगना राम संचालन विनोद राजन ने किया कार्यक्रम में राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य नीरज पासवान उपेंद्र रजक अरुण साहू बलराम सिंह नीरज नायक योगेंद्र लाल रणधीर रजक ने संत गाडगे बाबा के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत गाडगे बाबा का जन्म 23 फरवरी 1876 ई को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के अंजनगांव सूरजी तालुका के शेड्गांव ग्राम में एक धोबी परिवार में हुआ था

उनका वास्तविक नाम देबूजी झिंगरजी जानोरकर था

उनके पिता का नाम झींगराजी माता का नाम सखूबाई था उनका पालन-पोशन नाना घर में हुआ था वह गौतम बुद्ध की भांति समाज सेवा के लिए 29 वर्ष की उम्र में 1 फरवरी 1905 ई.को गृह त्याग दिया संत गाडगे बाबा मानवता के सच्चे हितैषी, महान समाज सुधारक और घुमक्कड़ भिक्षुक थे* वे घूमते फिरते सामाजिक शिक्षक थे पैरों में फटी हुई चप्पल, सिर पर मिट्टी के कटोरा हाथ में झाड़ू एवं लाठी लेकर पैदल ही यात्रा किया करते थे* यही उनकी पहचान थी जब वो किसी गांव में जाते तुरंत ही गटर और रास्ते को साफ करने लगते *काम खत्म करने के बाद वह खुद लोगों को गांव साफ होने को बधाई भी देते थे* साथ वह घूम- घूम कर अपने मंडली के साथ *कीर्तन भजन करते तथा कबीर के दोहे से समाज को नैतिक सबक देते* वे *पशु वध रोकने शराब के खिलाफ अभियान चलाया गांव के लोग उन्हें जो कुछ भी पैसे देते थे बाबाजी उन पैसों का उपयोग सामाजिक विकास और शारीरिक विकास करने, मानव सेवा में लगाते* उन्होंने उस *पैसे से दर्जनों स्कूलें, धर्मशालाएॅ, अस्पताल, छात्रावास, पुस्तकालय पंशाला, गौशाला आदि का निर्माण* करवाया वे लोगों को *अंधविश्वास, छुआछूत आडंबर के खिलाफ शिक्षित करते थे* वे अपने संदेश में कहते की *टूटी फूटी बर्तन में खाने पड़े तो खाओ ,फिजूलखर्ची से दूर रहो लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दो* संत गाडगे बाबा डॉक्टर अंबेडकर के समकालीन थे उन्हें *डॉ अंबेडकर अपने गुरु मानते थे और दोनों एक दूसरे के कार्य प्रशंसक थे* संत गाडगे बाबा एक जगह पर नहीं रहते वह जो भी निर्माण करते उसे दूसरों को सौंप कर वहां से चले जाते हैं वाह *जीवन में अपने लिए एक कुटिया भी नहीं बनाई* उनके समाज सुधार के किए गए कार्यों को लेकर *भारत सरकार एवं महाराष्ट्र सरकार ने उनके नाम पर अमरावती विश्वविद्यालय को संत गाडगे विद्यापीठ और काई स्कूल कॉलेज , स्टेशन,संत गाडगे ग्राम स्वच्छता अभियान सहित कई संस्था शुरू की गई है साथ ही भारत सरकार द्वारा स्वच्छता और पानी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा की गई है* उन्होंने कहां की *भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आज बहुजन समाज में जन्मे संत महात्माओं को जीवन संघर्षों को सामने ला रही है साथ ही उनके संदेशों को योजनाओं के माध्यम से भी जोड़ रही है*

कार्यक्रम में उपस्थित थे – राजू लाल ,नीरज नायक, रणधीर रजक ,किशोर नायक, महावीर नायक, संजय रजक ,राजू रजक ,नारायण नायक ,इंदरजीत कुमार ,करण नायक ,दिलीप राम ,इंद्रदेव राम, प्रदीप कुमार रवि ,संतोष कुमार ,धनजु नायक ,सुरेंद्र पासवान सहित दर्जनों लोग उपस्थित

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