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डोरंडा कॉलेज के संस्कृत डिपार्टमेंट में आचार्य रजनीश के सान्निध्य में चल रहा है योग

रांची, झारखण्ड  | अप्रैल  | 01, 2022 :: आज संस्कृत डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो.निमिषा  ने रजनीश के योग प्रशिक्षण का प्रसंसा करते हुए बताया कि योग को आज के नये-नये उभरते हुए प्रशिक्षक अपने ही तरह के अंदाज से योग को बताते हैं।

वो भूल जाते हैं कि महर्षि पतञ्जलि ने योग को किस तरह से प्रतिपादित किये हैं, वो भूल जाते हैं स्वामी सत्यानन्द सरस्वती जैसे योग के जनक को जिन्होंने बड़े से बड़े चिकित्सा वैज्ञानिकों और मनोवैज्ञानिकों को किस तरह योग के प्लेटफॉर्म पर आने को विवश किया।

योग स्वांस और मन की ऊर्जा से युक्त अभ्यास है जो शरीर, मन और भावनाओं को जोड़ता है जिससे आत्मा के ऊपर जमे तमस रुपी आवरण का नाश होता है।

रजनीश कुमार ने पतंजलि योग सूत्र के तीन श्लोकों का वर्णन करते हुए योग द्वारा चित्त के शुद्धियों का नाश और एकाग्रता की स्थिति को समझाये।

पवन मुक्तासन समूह और नाड़ीशोधन तथा भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया गया जो शरीर जे समस्त तंत्रिका तंत्रों में लाभ प्रदान करता है।

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