विश्व बचत दिवस ( 30 अक्टूबर )
आज की बचत कल की सुरक्षा।
गुड़िया झा।
विश्व बचत दिवस का मुख्य उद्देश्य धन के अनुचित उपयोग पर रोक लगाकर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति और भविष्य में आपातकालीन स्थिति के लिए बचत कर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
जिस दिन हमने वास्तविक रूप से आवश्यकता और इच्छा में अंतर को समझ लिया उसी दिन से हमें यह एहसास हो जायेगा कि हमारी आवश्यकताएं जैसे- भोजन, वस्र, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य पूरी हो रही हैं और अपनी बेलगाम इच्छाओं पर हमने अंकुश लगा रखा है।
आज की युवा पीढ़ी इन सब बातों से बिल्कुल अनजान अपनी आवश्यकताओं में ना जाकर इच्छाओं के पीछे भागती है। थोड़ी सी सजगता सभी के लिए एक अच्छी पहल हो सकती है।
1, खरीददारी से पहले जरूरी सामानों की लिस्ट बनायें।
जब भी शॉपिंग के लिए बाहर निकलें, तो उससे पहले जरूरी सामानों की एक लिस्ट जरूर तैयार कर लें। अधिक मात्रा में एक बार सामान स्टोर करने से अच्छा है कि कम मात्रा में ही लिया जाये। क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि अधिक मात्रा में एक बार सामान स्टोर करने से जब इसकी उपयोगिता कम होती है, तो बचा हुआ सामान खराब हो जाता है। फलों और सब्जियों पर भी यही बात लागू होती है।
2, दिखावे में ना जायें।
कई बार दिखावे के कारण भी अनावश्यक रूप से सामानों की खरीददारी करते हैं और जब उसका उपयोग नहीं होता है, तो घर के किसी कोने में हम उसे रख देते हैं। इन छोटी-छोटी चीजों से ही हमारे बजट पर बड़ा प्रभाव पड़ता है और हम तनाव के शिकार हो जाते हैं। जब हम इन बातों पर गौर करेंगे तो पायेंगे कि जरूरी कार्यों जैसे- स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या किसी भी कार्य में निवेश के लिए हमें कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं होती है। ऐसी स्थिति में हम खुद को मजबूत पाते हैं और दूसरे की मदद भी कर सकते हैं।
3, अनावश्यक खर्चों पर रोक।
कभी-कभी फैशन के कारण भी हम कुछ ऐसी चीजों की खरीददारी करते हैं जो सिर्फ दिखावे के लिए ही होती है। जब भी लगे कि जिन चीजों की उपयोगिता नहीं है वहां पर रोक लगा दें। एक कहावत है कि बूंद-बूंद से ही तालाब भरता है।लक्ष्मी चंचल होती हैं। वह भी वहीं पर स्थिर रहती हैं जहां उनका सम्मान होता है।