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दिल की आवाज सुनने के लिए दिल को स्वस्थ रखना भी उतना ही आवश्यक

विश्व हृदय दिवस पर विशेष
गुड़िया झा
अक्सर हम कहते हैं या फिर हमें सुनने को मिलता है कि अपने दिल की आवाज सुननी चाहिए और उसी के अनुसार कार्य भी करना चाहिए। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि दिल की आवाज सुनने के लिए दिल को स्वस्थ रखना भी उतना ही आवश्यक है। जीवन का सही आनंद लेने के लिए उत्तम स्वास्थ्य का होना अति आवश्यक है। आज युवा हों या बुजुर्ग सभी में दिल की समस्याओं के अनुपात में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। ये हमारे देश में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसका सबसे प्रमुख कारण- मधुमेह, उक्तरक्तचाप, तनाव, अव्यवस्थित जीवनशैली, अधिक वजन, धूम्रपान, वसा युक्त भोजन आदि है।
थोड़ी सी सावधानी रख कर आने वाले समय में इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
1, व्यायाम का महत्त्व।
जिस प्रकार से हम अपने जीवन में और भी बहुत सी चीजों को महत्त्व देते हैं, ठीक उसी प्रकार से व्यायाम का भी हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्व है। नियमित रूप से तीस मिनट का व्यायाम प्रतिदिन हमें कई प्रकार के रोगों से बचाता है। जब कभी भी सुबह या शाम में समय मिले तो थोड़ी दूर पैदल भी अवश्य चलें। इससे हमारा शरीर फिट और ऊर्जावान बना रहता है।
2, संतुलित भोजन।
हम जो कुछ भी खाते हैं उसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है। दिल की सेहत के लिए संतुलित भोजन का होना भी उतना ही आवश्यक है। खाने में तेल, घी, नमक, चीनी, मैदा आदि का सीमित मात्रा में उपयोग ही हमारे दिल की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही खाने में हरी सब्जियां, ताजे फल, फाइबर भी हमारे आहार में शामिल होने चाहिए। नियमित रूप से नाश्ते और भोजन के लिए एक समय निर्धारित कर लें। क्योंकि कई बार यह भी होता है कि हमारे भोजन में सभी चीजों की मात्रा संतुलित होते हुए भी हमारी दिनचर्या अव्यवस्थित होती है। जिसके कारण हमारी सेहत पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
3, तनाव से दूर रहें।
हर किसी के जीवन में अपनी-अपनी परेशानियां हैं। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि हम तनाव को अपने जीवन का हिस्सा बना लें। परिस्थितियों पर हमारा नियंत्रण नहीं होता है। लेकिन परिस्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढालने में ही अपनी शक्ति को बढ़ाना है। जीवन है तो संघर्ष होगा ही। हम इससे बच नहीं सकते हैं। तनाव के कारण भी बहुत सी समस्यायें बढ़ती हैं। जो कि हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है। तनाव अधिक होने पर ध्यान व योगा के द्वारा इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
4, नींद की उपयोगिता।
अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद का होना भी बहुत जरूरी है। भरपूर नींद हमारी सेहत के लिए एक औषधि की तरह काम करता है। इसलिए रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने से हमारा दिल और दिमाग दोनों ही ऊर्जावान बना रहता है। रात को सोने के समय मोबाइल, लैपटॉप आदि के उपयोग से जहां तक संभव हो सके हमें बचना चाहिए।
5, नशीले पदार्थों से परहेज।
आज लोग तनाव से बचने या अपने शौक पूरे करने के लिए भी नशीले पदार्थों का सहारा लेते हैं। ये हर हाल में हमारे शरीर के लिए हानिकारक है। क्योंकि ये सब ऐसी चीजें हैं जो हमारे शरीर पर पूरी तरह से वर्चस्व कायम कर धीरे-धीरे अपना प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।

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