राची, झारखण्ड | अक्टूबर | 09, 2023 ::
मारवाड़ी कॉलेज जैव प्रौद्योगिकी तथा वनस्पति विभाग द्वारा प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के अध्यक्षता मे बायो इनोवेल लाइफ साइंस प्र. लि. बेंगुलुरु के संयुक्त तत्वाधान मे साप्ताहिक वर्कशॉप का उद्घाटन रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ अजीत कुमार सिन्हा द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर किया गया।
वर्कशॉप का शीर्षक ” मेडिसिनल असेसमेंट ऑफ प्लांट एंड दियर फ्यूचर इंप्लीकेशन इन नैनो साइंस” हैं।
जिसका उद्देश्य छात्र एवम छात्राओं का उद्योग कार्यों में बायोटेक्नोलॉजी उत्पाद की उपयोगिता को बढ़ाना है।
उद्घाटन समारोह में कुलपति द्वारा आशीर्वचन दिए गए और उन्होंने बच्चों को बताया की क्लासरूम टीचिंग का प्रैक्टिकल एप्लीकेशन से ही ज्ञान का व्यवहारिक जीवन में उपयोग होगा ।
वहीं प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने अपने संबोधन में ये कहा की भविष्य में सभी डिपार्टमेंट में एप्लीकेशन बेस्ड वर्कशॉप का आयोजन किया जायेगा जिससे की विद्यार्थियो को ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त हो सके।
विभागाध्यक्ष डॉ राजीव चंद्र रजक ने विस्तार पूर्वक सात दिवसीय कार्यशाला के बारे में जानकारी दी।
पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ ए. एस. खलखो ने इस कार्यशाला आयोजन की सराहना की। मंच का संचालन डॉ. सलोनी स्वरूपा एवम स्वाति शैलिका भुइयां ने किया।
इस दौरान बायोटेकोलॉजी एवम वनस्पति विभाग मारवाड़ी कॉलेज के समस्त शिक्षक गण डॉ पिंकी राज साहू , श्रृष्टि कुमारी , कुमारी दीक्षा सिंह , रवि कुमार , पियाली, डॉ सरिता मेहता एवम सभी शिक्षकेत्तर गण ने अपना सक्रिय योगदान दिया। इस कार्यशाला में लगभग 70 प्रतिभागी जो भिन्न – भिन्न कॉलेज एवम युनिवर्सिटी ने अपना पंजीकरण करवाया।
कार्यशाला के कार्यों का संचालन बेंगलुरु से आए हुआ साइंटिस्ट डॉ देवाशीस साहु एवम सहयोगी राजेश खटीक द्वारा किया जा रहा है।
इस उद्घाटन समारोह में मारवाड़ी कॉलेज के परीक्षा विभाग नियंत्रक डॉ वैदनाथ कुमार , इंटरमीडिएट इंचार्ज डॉ उमेश कुमार , प्रॉफ संतोष रजवार फिजिक्स विभाग, डॉ शिवनंदन राम केमिस्ट्री विभाग, डॉ अरविंद आनंद कॉमर्स विभाग , प्रोफ डॉ जयप्रकाश रजक एनएसएस पीओ, शाहीन राजिया जंतु विज्ञान, के अलावा प्लेसमेंट सेल कोऑर्डिनेटर अनुभव चक्रवर्ती ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इस कार्यशाला के आयोजन की सराहना की। टेक्निकल सहयोग में मिस्टर कफील एवम उनकी टीम का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
उद्घाटन के पश्चात कुलपति द्वारा अलग अलग विभागों का औचक निरक्षण किया गया। जिसमे उन्होंने लैब में उपस्थित अलग अलग उपकरणों को चला कर देखा और उनके उपयोगिता के बारे में जाना।