आलेख़

बदलाव की शुरूआत स्वयं से करें : गुड़िया झा

रांची, झारखण्ड  | दिसम्बर  | 20, 2021 :: अधिकांश हमें परेशानियों का सामना तब करना पड़ता है जब हम दूसरों को बदलना चाहते हैं। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि जो चीजें हमारे कंट्रोल में नहीं है उसके पीछे हम अपना बहुमूल्य समय और ऊर्जा दोनों की ही बर्बादी कर रहे हैं। अगर हम बदलना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद को बदलें। क्योंकि खुद की गतिविधियों पर हमारा पूरी तरह से कंट्रोल रहता है। जब बदलाव की प्रक्रिया हमारे भीतर होगी तभी दूसरों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।

1, बड़ी सोच विकसित करना।
हमारी सोच का हमारे जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। अपनी सोच को छोटा बना कर हम अपने दायरे को सीमित कर लेते हैं। जब हम अपनी सोच को बड़ा बनाते हैं, तो सामने वाले पर भी इसका अनुकूल प्रभाव देखने को मिलता है। व्यवहारिक जीवन में हम जिस बात की उम्मीद दूसरों से करते हैं, उसकी शुरूआत जब हम अपने आप से करेंगे, तो बदलाव की दिशा में यह एक अच्छी पहल होगी। फिर तो एक को बदलने की जगह यह बदलाव हजारों और लाखों की संख्या में देखने को मिलेंगे।
कुछ भी असंभव नहीं है। जहां पर संभावनाएं हैं वहां की पहचान हमें अच्छी तरह से होनी चाहिए।
यह बात भी सच है कि हम किसी भी व्यक्ति या परिस्थिति को चाहे वह किसी भी रूप में हो, जब हम खुले दिल से उनको अपनाते हैं, तो वहां पर बदलाव की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।

2, सेवा भावना का विस्तार।
अक्सर हम चाहते हैं कि जब किसी की सेवा करें तो बदले में हमें उससे कहीं अधिक प्राप्त हो। हमारे भीतर सेवा भावना जितनी अधिक होगी उतना ही ज्यादा योगदान हम समाज और देश को दे सकेंगे। कई बार हम सेवा भावना का मतलब पैसों के लेनदेन को ही समझते हैं। कई स्थानों पर सबकुछ होते हुए भी लोग मानसिक और शारीरिक रूप से असमर्थ होते हैं। ऐसे लोगों के प्रति भी हमारा उदारपूर्ण विचार उनके जीवन में एक बहुत बड़ी रौशनी की तरह कार्य करता है। लोगों में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सही लक्ष्य के प्रति जागरूक कर समाज और देश के योगदान में निरंतर सहयोग की भावना उत्पन्न कर हम अपने समाज और देश को निश्चित ही प्रगति की राह पर ले जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए हमें सबसे पहले खुद के प्रति जिम्मेदार बनना होगा।

3, अच्छी संगति।
कहा जाता है कि हम जिस प्रकार की संगति में रहते हैं उसी प्रकार के विचारों का प्रभाव हमारे ऊपर पड़ता है और फिर हम उसी के अनुसार आचरण करने लगते हैं। ये चीजें खुद हमारे हाथों में है कि हम किस प्रकार की संगति का चुनाव करते हैं। बड़ी सोच वाले लोगों की संगति हमारे विचारों को बड़ा बनाती है। जिसका हमारे जीवन पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
अक्सर बड़ी सोच वाले लोग खुद के साथ-साथ समाज और देश के कल्याण के लिए निरंतर कार्य करते हैं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं।

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