Keep aside your complains and enjoy the life : guriya jha
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शिकायतें छोड़ जीवन का आनंद लें : गुड़िया झा

रांची , झारखण्ड | फरवरी | 27, 2020 :: कभी कभी हमारे जीवन में ऐसे अवसर आते हैं जब मन में असंख्य और असीमित इच्छाओं का दौर शुरू हो जाता है।
जब ये इच्छायें पूरी नहीं होती हैं, तो हमारे मन में स्वयं या दूसरे लोगों के प्रति शिकायतें पनपने लगती हैं।

जैसा कि एक कुशल प्रशिक्षणकर्ता होने के नाते श्री नवीन चौधरी ने अपनी पुस्तक ‘जन्मजात विजेता’ में बहुत ही अच्छा लिखा है कि शिकायत वो जहर है जिसे पीते हम हैं और सोचते हैं कि इसका असर दूसरों पर हो।
इसमें उन्होंने इतना सुंदर वर्णन किया है कि किस तरह से हम शिकायतें छोड़ कर अपने वर्तमान और आने वाले भविष्य को खूबसूरत बना सकते हैं।

नीचे दिए गए कुछ उपायों से हमें काफी फायदे हो सकते हैं।

1. स्वास्थ्य और समय दोनों महत्वपूर्ण।
ये दोनों ऐसी चीजें हैं जिनके बिना जीवन अधूरा है।
एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि हमारे मन में जो शिकायतें हैं, उसे छोड़ कर अपना कीमती समय कुछ ऐसा सीखने में लगायें जिससे हम आगे तरक्की करें।
सबसे पहले इसे जब हम खुद पर लागू करेंगे, तो सामने वाले पर भी इसका अच्छा असर देखने को मिलेगा।

कहा जाता है कि जिस तरह से मोबाइल से अनावश्यक डेटा को हम डिलीट करते हैं, उसी प्रकार हमें अपने दिमाग से फिजूल बातों को हटाते रहना चाहिए।
तभी हमारे मन में अच्छी बातों को अपनाने के लिए जगह मिल पाएगी।

2. लिखने की आदत डालना।
खुद के प्रति, घर, समाज या देश के प्रति हमें कोई शिकायत होती है तो उसे एक कागज पर लिख लेना चाहिए और उसे फाड़ कर फेंक देना चाहिये।
यह कुछ अटपटा जरूर लगता है पर ऐसा करने से मन को बहुत शांति मिलती है और परेशानियों से हमें छुटकारा भी मिलता है।

ये मेरा अपना अनुभव है।
मैंने इसे खुद अपने जीवन में प्रैक्टिस किया है।

मुझे इसके बहुत सारे फायदे भी हुए हैं।
उसी के आधार पर मैं दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करती हूं।

3. अतीत को अतीत में ही रहने दें।
अच्छे वर्तमान का आनंद लेने और आने वाले स्वर्णिम भविष्य के लिए ये अति आवश्यक है कि अतीत की बातों को आतीत में ही रहने दें।
बीती हुई बातों को याद कर हमें अपने खूबसूरत वर्तमान और भविष्य को खराब करने से अच्छा है कि उनसे कुछ सबक सिख कर जीवन पथ पर निरंतर आगे बढ़ते रहें।
ये हमारी सोच पर निर्भर करता है कि किस बात का कौन सा अर्थ देकर हम खुद को और भी अच्छा बना सकते हैं।

अतीत का बोझ अपने मन पर लेकर ढोने से हम जीवन का सही आनंद नहीं ले सकते हैं। हमें ऐसा करने से बचना चाहिए।

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