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अबकी बार का चुनाव खेत-खलियान, जंगल-जमीन और संविधान बचाने के लिये : बंधु तिर्की

राची, झारखण्ड | अप्रैल | 29, 2024 ::

पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य और झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि अबकी बार का लोकसभा चुनाव अपने खेत-खलिहान, जंगल-जमीन, संविधान और प्रकृति-संस्कृति को बचाने वाला चुनाव है. उन्होंने कहा कि अभी थोड़ी-सी भी लापरवाही घातक हो सकती है और यह लड़ाई केवल सुखदेव भगत या कांग्रेस पार्टी की नहीं बल्कि अपने देश को बचाने के लिये लड़ा जा रहा है.
आज बेड़ो के महादानी मैदान में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि लोकसभा का चुनाव आम आदमी की अपनी संविधान के प्रति प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ ही अपनी संस्कृति, आपसी एकजुटता और सद्भाव को बचाने की भी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, केवल और केवल मुद्दों पर आगे बढ़ते हुए 30 लाख खाली सरकारी पदों को भरने के अलावा, महालक्ष्मी योजना में प्रत्येक परिवार की महिला को एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने, प्रत्येक युवा को अप्रेंटिसशिप के साथ ही एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने, स्वास्थ्य बीमा की राशि को बढ़ाकर 25 लाख रुपये तक का इलाज फ्री में करवाने के मुद्दे के साथ लड़ रही है. जबकि भारतीय जनता पार्टी धार्मिक उन्माद भड़काकर और हिंदू-मुस्लिम का अपना पुराना तराना छेड़कर चुनाव जीतना चाहती है लेकिन झारखण्ड के साथ ही देश के लोग भी उसकी मंशा को कभी भी सफल नहीं होने देंगे. श्री तिर्की ने कहा कि मोदी सरकार को हटाना बहुत जरूरी है और लोगों को यह बताने की जरूरत है कि वन संरक्षण, भूमि अधिग्रहण, पेसा कानून, पांचवी अनुसूची, सूचना का अधिकार जैसे लोगों के अधिकारों से जुड़े प्रत्येक कानून को बनाने का श्रेय कांग्रेस पार्टी को ही जाता है. लेकिन भाजपा सरकार वन संरक्षण, वन अधिकार कानून, भूमि अधिग्रहण कानून जैसे कानूनों को कमजोर कर आदिवासियों के हित के साथ खिलवाड़ कर रही है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि पहले यह सरकार केवल भाजपा और आरएसएस की थी लेकिन अब यह केवल दो लोगों की मर्जी से पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के इशारे पर काम कर रही है और इसे कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कारण विशेष रूप से आदिवासियों, दलितों, हरिजन, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक को आदि को बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. कोई भी खुशहाल नहीं है क्योंकि महँगाई और बेरोजगारी का दंश सभी को झेलना पड़ रहा है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की कड़ी आलोचना करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि अखबारों में छपे उनके बयान जिसमें उन्होंने हेमंत की करनी के कारण उन्हें जेल होने की बात कही है तो फिर उन्हें किस बात की सजा भुगतनी पड़ रही है जिसके कारण उनकी विधानसभा सदस्यता चली गयी?उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसी न किसी बहाने आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों को छीन कर उन्हें जेल में डालना चाहती है.
चुनाव सभा में अपने संबोधन में कांग्रेस एवं इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुखदेव भगत ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव होता रहता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी निम्न सोच, जातीयता से भरी भावना, संकीर्ण विचार और मर्यादा विहीन व्यवहार का ऐसा प्रदर्शन किया है जो भारतीय लोकतंत्र में अबतक किसी भी प्रधानमंत्री ने नहीं किया था. श्री भगत ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों और संविधान में दिये गये अधिकारों के अनुसार प्रत्येक जाति, धर्म, समुदाय के लिये अधिकारों का प्रावधान किया गया है और यदि भाजपा का वश चले तो आनेवाले दिनों में चुनाव भी नहीं होगा. श्री भगत ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बात को खुलेआम कहा है कि देश के असली मालिक आदिवासी ही हैं और उनके हित के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जा सकता. श्री भगत ने इंडिया गठबंधन की सरकार बनने के बाद सरना धर्म कोड को सबसे पहले लागू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके नेताओं के छल का सबसे बड़ा कारण यह है कि वह झारखण्ड के खनिज संसाधनों के साथ ही यहाँ के जंगल और जमीन के को भी लूटना चाहती है.
गठबंधन प्रत्याशी ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की गोद में बैठकर आदिवासियों के हित के साथ गद्दारी करनेवालों की कारस्तानियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और अपने प्रजातांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए आदिवासियों के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यकों के साथ ही सभी लोग अपने अधिकारों के लिये किसी भी सीमा तक जाने को तैयार हैं.
इस अवसर पर अपने संबोधन में मांडर की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि 2014 में शुरू मोदी जी की तथाकथित लहर अब समाप्ति के कगार पर है. उन्होंने कहा कि 1925 में गठित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन सभी लोगों के खिलाफ काम किया जो देश की आजादी के प्रति समर्पित होकर आगे बढ़ रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं की नियत और नीति आज भी बदली नहीं है और वह लोगों को कमजोर कर उनपर शासन करना चाहती है. श्रीमती तिर्की ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोगों को आज जो घुसपैठिया लगते हैं वह वाकई में उनकी गलत नजर और नजरिया का परिणाम है और वह संविधान की भावना के खिलाफ है.
श्रीमती तिर्की ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम में जो संशोधन किये गये उसके बाद ग्राम सभा की अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है जिससे जहाँ जंगल नष्ट होंगे वहीं दूसरी ओर, वन उत्पादों को लूटा जायेगा और इससे आदिवासियों के अधिकारों का बुरी तरीके से अतिक्रमण हो रहा है. उन्होंने जोड़ देकर कहा कि लोकसभा चुनाव बीजेपी-कांग्रेस के बीच की लड़ाई नहीं बल्कि जनता और तानाशाही के बीच की लड़ाई है और इतिहास गवाह है कि ऐसी लड़ाई केवल और केवल जनता ही जीतती है. उन्होंने कहा कि टाना भगत, बिरसा मुंडा और वीर बुधु भगत ने जो लड़ाई शुरू की और लड़ी वह हमेशा जारी रहेगी और सिद्धांतों से कोई भी समझौता नहीं हो सकता.
इस अवसर पर अपने संबोधन में झारखण्ड राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मोदी की गारंटी केवल और केवल आगामी लोकसभा चुनाव में वोट लेने का जुमला है और जनता प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही भाजपा नेताओं पर अब और विश्वास नहीं करनेवाली. उन्होंने कहा कि आनेवाले कुछ सप्ताह में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. श्री प्रसाद ने विशेष रूप से मणिपुर में जातीय हिंसा और मध्य प्रदेश में आदिवासियों के अपमान के मामले में भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यवहार और रवैये की तीखी आलोचना की. चुनाव सभा को संबोधित करते हुए रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष राकेश किरण महतो ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 10 साल पहले जिन मुद्दों को उठाकर सत्ता में आये थे, आज उनके लिए वे सभी मुद्दे गौण हो गये हैं और महंगाई अपनी चरम सीमा पर है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री जरूरी विषयों पर कोई भी बातचीत नहीं करते और वह केवल बहाना बनाते हैं.
आज की सभा को गोपाल उरांव, मुदस्सिर हक, नवल किशोर सिंह, मनकू कुजूर, बेरोनिका उरांव, बेलस तिर्की, के डी गुरु, मचकूर आलम सिद्दीकी, मुन्ना मलिक, मुन्ना बड़ाईक, अशोक चौधरी, करमा उरांव सहित अन्य अनेक कांग्रेसी नेताओं ने संबोधित किया.

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