Raghubar das
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ऑर्गेनिक सब्जी की दुनिया भर में मांग है :: रघुवर दास ( मुख्यमंत्री, झारखण्ड )

Raghubar das

रांची, झारखण्ड | नवंबर | 29, 2018 :: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मैं एक साधारण मजदूर हूं। मैं जमशेदपुर में टाटा स्टील में मजदूरी करता था। लेकिन जहां तक मेरा मानना है कि देश के विकास में गांव, गरीब, किसान और मजदूर की भागीदारी ना होती तो अपेक्षित विकास ना राज्य का, न देश का विकास संभव है। मेरी मान्यता है कि कृषि हमारे देश की आत्मा है। खेती हमारी संस्कृति और परंपरा का आधार है। और इसीलिए आप देखते हैं कि जितने भी पर्व और त्यौहार हैं, हम देश या राज्य में मनाते हैं तो हमारे त्यौहार, रीति रिवाज, हमारे खान पान पूजा पद्धति कहीं ना कहीं से खेती से ही जुड़े हुये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी देखें तो हमारी अर्थव्यवस्था का आधार भी कृषि ही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तो और भी ठोस आधार खेती से प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत की अधिकांश आबादी गांव में रहती है उसी तरह से झारखंड की भी अधिकांश आबादी गांव में निवास करती है। जहां 60 से 70% लोगों के जीवन का आधार कृषि है और गरीबी उन्मूलन हमारी सरकार की प्राथमिकता है। गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में खेती का विकास बहुत जरूरी है। इसीलिए सरकार कृषि, पशुपालन, बागवानी, मत्स्य, बंजर भूमि विकास, ग्रामीण विकास के क्षेत्र में पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की है। हमने खाद्य प्रसंस्करण की नीति बनाई है और आज की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आधुनिकीकरण पर विशेष रूप से जोर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य के दूसरे खाद्य प्रसंस्करण प्लांट की स्थापना झारखंड में रातू में की गई है। फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी समुन्नत है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रोजगार सृजन की बहुत संभावनाएं हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग कृषकों तथा शहरी उपभोक्ताओं के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध स्थापित करता है। इसी को ध्यान में रखकर आज 50 खाद्य प्रसंस्करण प्लांट के ऑनलाइन शिलान्यास किया गया। आने वाले समय में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य के नौजवानों को रोजगार भी मिलेंगे और किसान भाई बहनों को उनके उत्पादन की सही कीमत भी प्राप्ति प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि झारखंड में हम फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दें

मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन भ्रमण के क्रम में खेतों का अवलोकन भी किया और खाद्य प्रसंस्करण के प्लांट को भी देखा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जमशेदपुर के किसान ने बताया वहां पर कोऑपरेटिव फार्मिंग होती है। चीन में एक लाख कोऑपरेटिव कार्य करती हैं एक कोपरेटिव में 1000 किसान काम करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013-14 में कृषि के क्षेत्र में विकास दर नेगेटिव, 4.5 प्रतिशत थी। विगत 4 वर्षों में हमारी कृषि विकास दर 14.5% हो गई है। यह संभव हुआ है फसल के क्षेत्र में वृद्धि होने से। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात भारत सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर कही जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि विकास में जो प्रगति हुई है राज्य के मेहनती और उद्यमशील किसानों की बदौलत है।

सरकार ने अपनी नीतियों में अवश्य संशोधन किया और किसानों के साथ सहयोग किया लेकिन इसका पूरा श्रेय राज्य के मेहनतकश किसानों को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 वर्षों में देश दुनिया को दिखाने का काम किया। हमारे झारखंड के 28 लाख किसानों के लिए किसानों ने एक लंबी छलांग लगाई है और राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का काम किया है इसके लिए राज्य के समुन्नत को बहुत-बहुत बधाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषकों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था की जा रही है जिससे कि खेती करने वाले किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। जिस तरह से शहरी क्षेत्र में 24 * 7 बिजली मिलेगी उसी तरह ग्रामीण जनता को भी 2019 अगस्त तक 24 घंटे निरंतर बिजली मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम वैश्वीकरण के युग में जी रहे हैं। दुनिया एक ग्लोबल ग्राम के रूप में तब्दील हो गयी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाजार में चाहे उद्योगपति हों या किसान हों इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब दुनिया बाजार होगी तो जहां उत्तम गुणवत्ता के उत्पाद मिलेंगे दुनिया उसी का क्रय करेगी। इसी को ध्यान में रखकर सरकार ने कृषि कार्य में आधुनिक तकनीक का समावेशन राज्य में हो, राज्य के किसान समुन्नत तकनीक के साथ कैसे जुड़े, दुनिया भर में कृषि के क्षेत्र में कौन-कौन सी नई तकनीक उपयोग में लाई जा रही है इस ग्लोबल समिट के माध्यम से हमारे किसान इसको जाने यह सरकार की मंशा है।

उन्होंने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से हम सीमित जमीन में उत्पादकता को कैसे बढ़ाएं यह जाने का हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इस्राएल जो कि एक रेगिस्तानी देश था, जल के बेहतर प्रबंधन से इजरायल जैसा रेगिस्तानी देश आज हरा भरा है। इस तकनीक का उपयोग करके हमारे किसान कैसे अपनी उत्पादकता को बढ़ाएं इसलिए यह समिट आयोजित किया गया है। हमारे यहां पशु की संख्या अपेक्षाकृत कम है और सरकार के संज्ञान में भी यह बात है। इसीलिए सरकार ने यह तय किया है कि राज्य की जो गरीब दीदी लोग हैं उन्हें 90% सब्सिडी में दो पशु उपलब्ध कराए जाएं। 10% पैसा फेडरेशन सोसायटी के द्वारा दिया जाएगा। अभी तक 25000 गरीब बहनों को दो-दो गाय दी जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि आज हमारे नौजवान किसान हैं उन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि झारखंड में कृषि के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने कहा कि किसानों से मेरी अपील है कि डेरी के क्षेत्र में भी आगे आएं। सरकार डेयरी के क्षेत्र में 50% सब्सिडी देने जा रही है। उत्पादन के लिए आपको बाजार के लिए अलग से जरूरत नहीं है। मेधा डेयरी खटाल में जाकर दुग्ध का एकत्रण करेगी। इस दिशा में युवा किसान आगे आएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं भी गांव में ग्रुप बनाकर डेयरी फार्मिंग करें। मेधा डेयरी खटाल में आकर ही दुग्ध का एकत्रीकरण करेगी। महिला किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य से बच्चियों के पलायन को रोकने के लिए इस तरह की वैश्विक एग्रीकल्चर फूड समिट का आयोजन किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इसके और भी सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में प्राप्त होंगे। यहां पर साझा किए जा रहे ज्ञान को और तकनीक को देखें और समझें और उस को आत्मसात करें। यहां पर प्राप्त हुए ज्ञान को अपने गांव और खलिहान में जाकर उसके अनुरूप कार्य करें तभी इस आयोजन का उद्देश्य पूर्ण होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑर्गेनिक खेती पर फोकस करें। ऑर्गेनिक सब्जी की दुनिया भर में मांग है। झारखंड में सब्जी उत्पादन पहले से ही अधिक है। ऑर्गेनिक सब्जी उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ें। मार्केट की उपलब्धता झारखंड सरकार सुनिश्चित करेगी। यदि राज्य के किसान उन्नत किसान होंगे तो सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी काम को करने के लिए कि पूरे मनोयोग से प्रयास करें तो वह काम निश्चित रूप से पूरा हो जाता है। उन्होंने कहा कि इसराइल से किसान जो उन्नत तकनीक और जल प्रबंधन तकनीक को सीख कर आए हैं उससे निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल प्रबंधन पर भी सरकार का ध्यान है, सिंचाई की व्यवस्था को उत्तम बनाने का भी सरकार काम कर रही है। जिससे कि आय में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हो और 2022 तक किसानों की आय को चौगुना बनाने का लक्ष्य रखें।

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