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स्वच्छ भारत मिशन को मिला महिला स्वयं सहायता समूह का साथ

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रांची, झारखण्ड । जुलाई | 18, 2017 ::  पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत राज्य आजीविका प्रोमाशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी में ग्राम संगठन सम्मेलन का आयोजन आज रिम्स आॅडोटोरियम में किया।

यह सम्मेलन स्वच्छ भारत मिशन  के तहत हासिल की गई प्रारंभिक उपलब्धि का उत्सव मनाने और 2018 तक रांची को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु योजना निर्माण के लिए आयोजित की गई।

यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख, डा. मधुलिका जोनाथन ने कहा कि, ‘‘शौचालय का प्रावधान उन देशों में बच्चों की जिंदगी बचा सकता है, जहां बड़े पैमाने पर खुले में शौच का अभ्यास किया जाता है। ये वही देश  हैं जहां बड़ी संख्या में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु होती है, कुपोषण का स्तर उंचा है तथा गरीबी एवं आर्थिक असमानताएं बड़े पैमाने पर है। यूनिसेफ, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर योजना निर्माण, क्षमता निर्माण तथा राज्य एवं जिला स्तर पर कार्यक्रम की निगरानी में अपना सहयोग प्रदान कर रहा है। मैं महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के प्रयासों की सराहना करती हूं, जिन्होंने समुदाय के साथ भागीदारी के द्वारा झारखंड को खुले में शौच से मुक्त करने के दिशा में अपनी भूमिका अदा कर रही हैं’’।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव, ए. पी. सिंह ने कहा कि, ‘‘स्वयं सहायता समूह झारखंड में स्वच्छ भारत मिशन की सफलता में सहयोग का स्तंभ बनने का कार्य कर रहे हैं। गिरीडीह प्रशासन ने स्वच्छ भारत मिशन  को बढ़ावा देने के लिए सर्वप्रथम 2015 में यूनिसेफ के साथ साझेदारी में स्वयं सहायता समूह को इस अभियान का हिस्सा बनाया था। इसके बाद, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने इस माॅडल को झारखंड राज्य आजीविका प्रोमोषन सोसाइटी और ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया’’।

आज, स्वयं सहायता समूह के सदस्य स्वच्छ भारत मिशन  को पूरे राज्य में लागू करने में अपनी सहायता प्रदान कर रहे हैं। झारखंड सरकार ने निर्देष दिया है कि केवल उन्हीं सहायता समूहों को स्वच्छ भारत मिशन  का फंड दिया जाए, जो क्रियाषील हैं। लगभग 1,343 स्वयं सहायता समूह इस अभियान में शामिल हैं, जिन्हें जून 2017 तक 38.82 करोड़ की राषि स्थानांतरित की गई है।

रांची में, 203 स्वयं सहायता समूह को 5.91 करोड़ की राषि प्रदान की गई है। ये सभी सहायता समूह अपने गांवों में गुणवत्तापूर्ण शौचालय के निर्माण और लोगों को शौचालय निर्माण के लिए एकजुट करने में अहम भूमिका अदा की है।

ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सचिव, एन एन सिन्हा ने कहा कि, ‘‘यह कार्यक्रम समुदाय के आत्मसम्मान और सम्मान की भावना से प्रेरित है। ग्राम संगठन ठेकेदार नहीं है, बल्कि अपने गांव में परिवर्तन का वाहक है। मुझे पूरा विश्वास है कि ग्राम संगठन स्वच्छता को लेकर लोगों के व्यवहार में इच्छित परिवर्तन लाने में सफल होगा।’’

रांची के उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा, ‘‘ग्राम संगठन ने अनगड़ा और नामकुम में प्रशंसनीय कार्य किया है। आने वाले दिनों में सभी स्वयं सहायता समूह के साथ प्रखंड स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किए जाने की योजना है।’’

इस अवसर पर, जयपुर, महिलौंग, कुच्चु और चंद्रा के ग्राम संगठन को उनके द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में रांची के ग्रामीण संगठन के सदस्य, झारखंड राज्य आजीविका प्रोमोशन सोसाइटी के सदस्य और विभागीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

 

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