आलेख़

गर्मी की तपिश और सेहत का साथ : गुड़िया झा

गर्मी की तपिश और सेहत का साथ : गुड़िया झा

बदलते मौसम के साथ अपनी सेहत का ध्यान रखना भी बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि गर्मी की बढ़ती तपिश और हमारे खानपान के साथ स्वास्थ्य का गहरा संबंध है।गर्मी में हमारी पाचन क्रिया भी धीमी पड़ जाती है। इसे हम अपने बेहतर दिनचर्या और उचित देखभाल से काफी हद तक बदलते मौसम के साथ सामंजस्य स्थापित कर चुस्त दुरूस्त बनाये रख सकते हैं।
1, खानपान।
सुबह की शुरूआत हल्के गुनगुने पानी में नींबू का रस या शहद मिलाकर पीने से करें। ये एक तरह से औषधि का काम करता है। आमतौर पर हम भारतीयों की आदत होती है कि हम खाली पेट में अत्यधिक चाय या कॉफी का सेवन करते हैं। इससे जहां तक संभव हो सके हमें बचना चाहिए। उसके स्थान पर सत्तू का शरबत, दही की लस्सी या छांछ, बेल का शरबत आदि काफी उपयोगी है जो हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। सुबह उठने के दो घंटे के भीतर नाश्ता अवश्य करें जिसमें सभी प्रकार के पोषक तत्त्वों से भरपूर हमारी थाली हो। साथ ही ताजी दही, सलाद, अंकुरित अनाज आदि की प्राथमिकता हो। इससे दिनभर शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है।
दोपहर के भोजन में भी दाल, सब्जी, चावल, सलाद, दही आदि का सेवन लाभकारी है। खाना खाने के तीस या पैतालीस मिनट के बाद भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें। इसी तरह रात का भोजन भी ज्यादा देर से ना कर अपने नियमित समय पर ही करें। खाने के बाद थोड़ी देर टहलने से भोजन को पचने में आसानी होती है। सोने से पहले मोबाइल, टीवी, लैपटॉप आदि के उपयोग से बचना चाहिए क्योंकि इससे अच्छी नींद में बाधा आती है।
कड़ी धूप में खाली पेट निकलने से बचें। क्योंकि खाली पेट धूप में निकलने से लू लगने का खतरा ज्यादा बना रहता है। जब भी बाहर निकलें तो अपने साथ पानी का बोतल, ओआरएस अवश्य रखें। इसके अलावा जब बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें और जहां पैदल सफर करना हो वहां अपने साथ छाता अवश्य रखें। एसी से निकल कर तुरंत धूप में जाने से बचें।
2, परिधान का चुनाव।
परिधान का भी हमारी सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है। मौसम के अनुरूप हमें अपने कपड़ों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कई बार ऐसा होता है कि जल्दी और दिखावे के कारण हम कपड़ों के चुनाव पर ध्यान नहीं देते हैं जिससे हम आरामदायक स्थिति में खुद को महसूस नहीं करते।
वैसे तो हर मौसम के लिए सूती कपड़े का जवाब नहीं लेकिन जब गर्मी की बात आती है तो इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है। सूती कपड़े हमारे शरीर से निकलने वाली पसीने की बूंदों को आसानी से सोखते हैं और हमारे शरीर पर भी इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। कपड़ों का चुनाव करते समय इस बात पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है कि कपड़े ज्यादा टाइट ना हों। क्योंकि हमारे शरीर के रोमछिद्रों को भी सांस लेने की जरूरत होती है। ऐसे में बहुत ज्यादा टाइट कपड़ों में हम खुद को सहज महसूस नहीं कर पाते हैं और कई तरह की कठिनाइयों का सामना हमें करना पड़ता है। जैसे चलने, उठने, बैठने आदि में।

Leave a Reply