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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय :: दीपावली पर आध्यात्मिक कार्यक्रम

रॉची, झारखण्ड  | अक्टूबर  | 23, 2022 ::  अलौकिक प्रकाश से सम्पन्न आत्माएँ कभी किसी के मन को पीड़ा नहीं दे सकती है। जगत
की सभी समस्याओं का मूल कारण आध्यात्मिक दरिद्रता है। दीपावली की प्रकाश पर्व अन्दर की दरिद्रता
समाप्त करके ज्ञान, गुण और शक्तियों की सम्पन्नता लाने का संदेश देता है। ये उद्गार ब्रह्माकुमारी संस्थान
हरमू रोड, चौधरी बगान, हरित भवन के सामने, रॉची में आयोजित दीपोत्सव समारोह में श्रीकृष्ण श्रीराधे तथा
श्रीलक्ष्मी श्रीनारायण की चैतन्य झाँकियों के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए
बिरसा कृषि विश्व विद्यालय के उप कुलपति डॉ० ओंकार नाथ पाण्डेय ने अभिव्यक्त किये। उन्होंने कहा दीप
प्रज्वलित कर हम ज्ञानरत्न धन की कामना करते हैं ताकि अज्ञान का तानस जिन्दगी से चला जाये। जीवन
में ज्ञान जागृति न होने से ही मनुष्य चोरी और गुनाह अंधेरे में नजर चुराकर विकर्म करता है। मिथ्या समझ
के कारण समाज में ये गलतियाँ हो रही है। ईश्वरीय ज्ञान का प्रकाश ही स्वच्छता और पारदर्शिता लायेगा।
कार्यक्रम में उपस्थित मारवाड़ी सहायक समिति के अध्यक्ष श्री अशोक नरसरिया ने कहा ईश्वरीय
ज्ञान से जागृत आत्माओं के सम्पूर्ण प्रकाश में अत्याचार, शोषण व भ्रष्टाचार जैसी काली प्रवृत्तियाँ समाप्त हो
जायेगी व विश्व के कोने-कोने में शांति प्रेम व भाईचारे की भावनाएँ जागृत होगी। ईश्वरीय विश्व विद्यालय
सम्पूर्ण पवित्रता का ऐसा प्रकाश स्तम्भ है जिसके प्रकाश से हर मानव अपने जीवन का अधंकार हटा सकता
कार्यक्रम में उपस्थित श्री नंदकिशोर पाटोदिया, अध्यक्ष अग्रवाल सभा ने कहा कि मनुष्य जब माया
के शासन से स्वंतत्र हो जाता है, नया सतोयुगी शरीर रूनी वस्त्र धारण कर लेता है तब सतयुग का शुभारंभ
होता है जिसकी खुशी में आज तक लोग दीपक जगाते और मिठाईयों से मुख मीठा करते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष श्री शिव शंकर साबू ने कहा अब इस भारत भूमि को
जगमग करने के लिए परम ज्योति निराकार परमात्मा का अवतरण हुआ है। सर्व अनिष्टों से निवृति उनसे
योग लगाकर ही हो सकती है।
कार्यक्रम में एस. एस. मेमोरियल कॉलेज के डॉ० समर सिंह ने कहा अज से पाँच हजार वर्ष पूर्व
अति सुखकारी समय था व हर दिन खुशियों के दीपक जलते थे। भारत देश पूर्व की भांति अब फिर से
शिरोमणि और जगद्गुरू का स्थान प्राप्त करेगा और इसी भारत देश से ईश्वरीय अध्यात्म की दैदीप्यमान
किरणें सम्पूर्ण भू-मण्डल को प्रकाशित करेंगी। प्राकृतिक परिवर्तनों के बाद प्रकृति पुनः संतुलन को प्राप्त
करेगी तथा खास भारत के अन्न-धन के भंडार पुनः भरपूर होकर सच्ची दीपावली इस दुनिया में आएगी।
उन्होंने कहा श्री लक्ष्मी-श्री नारायण का संयुक्त रूप ही चतुर्भुज महालक्ष्मी है।सुमन सिंह पूर्व अध्यक्ष, इनर व्हील क्लब में कहा कि एक दिन उजाला रखने से तथा जाने से श्री
लक्ष्मी जी घर में धरती है तो क्यों न सदा के लिए मन पवित्र रखें जिससे श्री लक्ष्मी स्थायी रूप से इस
पर पधारें।
विजयश्री साह, अध्यक्ष माहेश्वरी महिला स्मा ने कहा पर्तमान समय का मानव धन-चैनव की लिप्सा
में आत्मा के दिव्य तेज को नष्ट कर रहा है। योग के बल से आलोकित मानव की उच्च अध्यात्मिक
स्थिति से वैभवशाली बन देवी स्वराज्य की स्थापना करेगा।
ज्योति कुमारी, प्रवक्ता वैम्बर ऑफ कामर्स ने कहा कगल पुष्प समान अनारा बन श्री लक्ष्मी का
आह्वान करने की जगह हम मिट्टी के दीप जलाते रहते हैं इसी कारण समाज की समृद्धि रूपी लक्ष्मों रूठ
गयी है।
ब्रहमाकुमारी संस्थान की केन्द्र संचालिका निर्मला बहन ने कहा कि आध्यात्मिक रूप से सशक्त नारी
ही वर्तमान की दुर्गा और भविष्य की धन लगी है। माया ही नरकासुर है जिसने श्री लक्ष्मी को अपने पाश
में आवद्ध किया था। तब ही परमात्मा शिव इस कलियुगी सृष्टि में अवतरित हुए तथ विकारों के कारागार में
बन्द हुयी मनुष्य आत्माओं को ज्ञान और योग के साधन द्वारा मुक्त कराया है। ब्रह्माकुमारी संस्थान के लिए
दोपावली के दिन का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा इसकी स्थापना सन 1937 में दीपावली के दिन ही की
गयी थी तथा यहां की मुख्य संचालिका दादी प्रकाशमणि का जन्म भी दीपावली के दिन हुआ था।
समारोह में काफी संख्या में अध्याता प्रेमी में उपस्थित थे जिनमें विशेष कुछ हैं नरेन्द्र अखोटिया,
सामाजिक कार्यकर्ता अमरेन्द्र विष्णुपुरी, ओमप्रकाश बैरा एवं अन्य सबने एक-एक दीप प्रज्वलित कर आने
वाले समय में भी आत्मदीप जागृत रखने का संकल्प एवं प्रण लिय व आसुरी अवगुणों जैसे काम, क्रोध एवं
लोग का खाता बन्द कर दैवी गुण को धारण कर नया खाता खोलने की प्रतिज्ञा की।
ज्ञातव्य हो कि इश्वरीय ज्ञान एवं राजयोग का निःशुल्क नियमित प्रवचनमाला व प्रशिक्षण इच्छुकों के
लिए प्रतिदिन स्थायी रूप से प्रातः 7.00 बजे से 9.30 बजे एवं संध्या 5.00 बजे से 7.00 बजे तक चौधरी
बगान, हरमू रोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान में आयोजित रहता है।

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