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श्री गुरु नानक देव जी महाराज के ज्योति ज्योत गुरु पर्व के उपलक्ष्य में विशेष दीवान

राँची, झारखण्ड | अक्टूबर | 04, 2018 :: गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा,रातू रोड में आज 4 अक्टूबर, गुरुवार को धन धन श्री गुरु नानक देव जी महाराज के ज्योति ज्योत गुरु पर्व के उपलक्ष्य में विशेष दीवान सजाया गया.

इस अवसर पर कृष्णा नगर कॉलोनी, गुरुद्वारा साहिब में सुबह 7:30 बजे से विशेष दीवान सजाया गया. दीवान की शुरुआत हजूरी रागी जत्था भाई भरपूर सिंह जी एवं साथियों द्वारा आसा दी वार कीर्तन से हुई तत्पश्चात विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे तख्त श्री दरबार साहिब अमृतसर के हेड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह जी ने कथा वाचन कर साथ संगत को बताया कि श्री गुरु नानक देव जी महाराज का जन्म सन 1469 में राय भोई की तलवंडी (वर्तमान में ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था. श्री गुरु नानक देव जी अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म सुधारक, समाज सुधारक, कवि,देशभक्त और विश्व बंधु सभी के गुण समेटे हुए थे. विश्व में चारों ओर घूम कर उन्होंने उपदेश देने का काम किया उनके द्वारा की गई इन यात्राओं को पंजाबी में उदासियाँ कहा जाता है.सन 1539 में श्री गुरु नानक देव जी करतारपुर साहिब में ज्योति ज्योत समा गए.

गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब, दिल्ली के हेड ग्रन्थी ज्ञानी रणजीत सिंह जी ने कथा कर श्री गुरु नानक देव जी को मानवता का पुंज बताते हुए उनकी जीवनी से जुड़े प्रसंगों को सुनाया तथा उपस्थित साध संगत से उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करने को कहा.

भाई भरपूर सिंह जी एवं साथियों ने “पवने में पवन समाया

ज्योति मै जोत रल जाया………” एवं “सूरज किरण मिले जल का जल होआ राम,

ज्योति जोत रली समपूरण थीआ राम………” शब्द गायन कर साध संगत को गुरुवाणी से जोड़ा.

इस मौके पर गुरु नानक भवन के अध्यक्ष अशोक गेरा ने ज्ञानी जगतार सिंह जी को एवं गुरुनानक बाल मंदिर स्कूल के अध्यक्ष नरेश पपनेजा ने ज्ञानी रणजीत सिंह जी को सरोपा देकर नवाजा. अनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ सुबह 10:00 बजे दीवान की समाप्ति हुई. मंच संचालन सभा के सचिव मनीष मिढ़ा ने किया. दीवान की समाप्ति के बाद सत्संग सभा द्वारा श्रद्धालुओं के बीच चाय नाश्ता प्रसाद का वितरण किया गया.

आज के दीवान में चरणजीत मुंजाल, अर्जुन दास मिढ़ा, लेखराज अरोड़ा, अमरजीत गिरधर, महेश सुखीजा, दीवान मिढ़ा, प्रेम सुखीजा, गुलशन मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, हरगोविंद सिंह, हरीश मिढ़ा, मोहन काठपाल, अशोक मुंजाल, हरजीत बेदी, अजय धमीजा, रमेश गिरधर, महेंद्र अरोड़ा, विनोद सुखीजा, जितेंद्र मुंजाल, आशु मिढ़ा,पवन खत्री,नवीन मिढ़ा, रमेश पपनेजा, इंदर मिढ़ा, जीवन मिढ़ा, कमल अरोड़ा, मनीष गिरधर, ज्ञान मादन पोतरा, रौनक ग्रोवर समेत अन्य उपस्थित थे.

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