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वरिष्ठ पत्रकार सुनील बादल, लाल बहादुर साहित्य रत्न से सम्मानित

राची, झारखण्ड  | मई |  06, 2025 ::

अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच ‘मगसम’ की पूर्वी भारत समूह के तत्वावधान में साहित्य की सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 साहित्यकारों को सर्वोच्च लाल बहादुर शास्त्री साहित्य रत्न सम्मान सहित राष्ट्रीय स्तर पर वोटिंग के आधार पर चयनित अन्य साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। डॉ विनोद कुमार, दरभंगा, देवानंद साहा आनंद कोलकाता, कमल पुरोहित अपरिचित कोलकाता , तथा रांची के डॉ वी के सहाय, निर्मला कर्ण, गोपाल भारतीय , मुजफ्फरपुर , डॉ प्रशांत करण, रांची , गीता सिन्हा गीतांजलि, रांची, बाबा बैद्यनाथ झा, पूर्णिया

,गीता चौबे गूंज, रांची ,रुणा रश्मि दीप्त, रांची, सुनील सिंह बादल रांची, रेणु बाला धार, रांची।

रचना स्वर्ण प्रतिभा सम्मान से सम्मानित लोगों में

उदय प्रताप नादान,दरभंगा,सौम्या कुमार विभु,दरभंगा रितु प्रज्ञा दरभंगा मुनमुन ढाली,रांची मीनू मीना सिन्हा मीनल , रांची

* रचना रजत प्रतिभा सम्मान

सारिका भूषण, रांची,दिनेश चंद्र प्रसाद दिनेश, कोलकाता

* रचना प्रतिभा सम्मान

श्रीकांत दुबे कोलकाता

एक शाम मां के नाम तथा अन्य सम्मान सूची

राजीव थेपड़ा, रांची, रेणु त्रिवेदी मिश्रा, रांची, नंदा पांडे ,रांची अनीता रश्मि ,रांची, गरिमा पाठक, रांची,डॉ एन के पाठक ,रांची तथा पुष्पा पांडे ,रांची । भव्य पुस्तक विमोचन सह सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें चर्चित लेखिका गीता सिन्हा ‘गीतांजलि’ की आठवीं कृति का लोकार्पण हुआ। इस संग्रह में 79 कहानियाँ संकलित हैं, जिसे पंचतंत्र की आधुनिक पुनर्व्याख्या के रूप में अतिथियों ने सराहा। विशिष्ट अतिथि डॉ जंग बहादुर पांडे ने इस कृति की तुलना पंचतंत्र से करते हुए कहा:”जहां पंचतंत्र की 59 कथाएँ नैतिक शिक्षा देती थीं, वहीं गीतांजलि की 79 कहानियाँ समकालीन समाज की सच्चाइयों को व्यंग्य और संवेदना से प्रस्तुत करती हैं — यह आधुनिक पंचतंत्र है।”

बतौर मुख्य अतिथि अनीता रश्मि , विशिष्ट अतिथि डॉ जंग बहादुर पांडे , अध्यक्ष निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव, विभा रानी श्रीवास्तव, प्रशांत कर्ण पूर्वी भारत प्रभार संयोजक, एवं सुधीर कुमार सुधाकर राष्ट्रीय संयोजक, कार्यक्रम का संचालन डॉ मीरा सोनी एवं गिरिजा कोमल ने किया।

काव्य पाठ में रचनाकार डॉ सुरिंदर कौर नीलम, ममता, रेणु त्रिवेदी, सारिका भूषण, रुना रश्मि, मनीषा सहाय, रेणु बाला धार, मीनू सिन्हा मीनल, निर्मला कर्ण, सुनील बादल, कामेश्वर सिंह ‘कामेश’, अंजेश कुमार, चंद्रिका ठाकुर देशदीप, गोपाल पाठक, जय गोविंद ‘मनु’, निराला पाठक तथा अनेक साहित्यप्रेमी श्रोता व रचनाकारों की गरिमापूर्ण उपस्थिति ने आयोजन को एक साहित्यिक पर्व का स्वरूप प्रदान किया। मुख्य अतिथि अनीता रश्मि ने पुस्तक को “स्त्री-विमर्श और जीवन दृष्टि की सुंदर प्रस्तुति” कहा।

कार्यक्रम के अंत में संयोजक प्रशांत कर्ण ने धन्यवाद ज्ञापित करते कहा, “यह आयोजन केवल एक विमोचन नहीं, बल्कि साहित्यिक आत्मीयता और सृजनशीलता का संगम था।” यह आयोजन साहित्यिक बिरादरी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, और आने वाले समय में इस कृति के व्यापक पाठकीय स्वागत की संभावना को भी सुदृढ़ करता है।

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