चाईबासा, झारखण्ड | सितम्बर | 09, 2018 :: एनयूजे स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन एवं नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के संयुक्त तत्वावधान में चाईबासा के फॉरेस्ट ट्रेनिंग स्कूल के सभागार में आयोजित पत्रकारों की एकदिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। ‘बदलते समय में मीडिया की भूमिका’ विषयक कार्यशाला का उदघाटन चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ, कोल्हान आयुक्त विजय कुमार सिंह , उपायुक्त अरवा राज कमल , डीएफओ रजनीश , एनयूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रज्ञानंद चौधरी, महासचिव शिवकुमार अग्रवाल ने संयुक्तरूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला में बोलते हुए विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि बदले हालात में पत्रकारों का दायित्व बढ़ा है। पत्रकार जब सशंकित है तो जाहिर है कि पत्रकारों पर दबाब बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के लिए संवैधानिक व्यवस्था हो जिससे उन्हें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिले। पत्रकारों को आजादी कैसे मिले, स्वच्छ एवं स्वस्थ पत्रकारिता का माहौल कैसे बने इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए। कोल्हान के आयुक्त विजय सिंह ने कहा कि समाज और सिस्टम को बदलने में पत्रकारों की अहम भूमिका होती है।क्योंकि पत्रकार समाज और सिस्टम की खामियों को उजागर कर बदलाव का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने पत्रकारों को अपने दायित्व के प्रति सजग रहने की अपील करते हुए कहा कि पत्रकारों को समस्या के साथ साथ उसके समाधान के विषय में भी सुझाव देना चाहिए। उन्होंने मीडिया काउंसिल का गठन व पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करने की भी वकालत की। डीसी अरवा राजकमल ने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया समाज के लिए ऑक्सीजन का काम कर रहा है। टेक्नोलॉजी बढ़ी है तो उनका दायित्व भी बढ़ा है। एनयूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रज्ञानंद चौधरी ने वर्तमान समय मे पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं कर देश और राज्य की सरकार पत्रकारों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने आज के परिवेश में इसे बहुत जरूरी बताया। वहीं राष्ट्रीय महासचिव शिवकुमार अग्रवाल ने कहा कि आने वाला वक्त और चुनौतियों से भरा है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ ऐसे लोग भी इस पवित्र पेशे से जुड़ गए हैं जो इसे अपनी मकसद साधने के लिए बदनाम कर रहे हैं। वैसे लोगों से उन्होंने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून और मीडिया कॉन्सिल के गठन पर बल दिया। पहले पत्रकारों की औसत आयु 55 वर्ष आंकी गई थी, लेकिन जिस तरह पत्रकारों पर चतुर्दिक दबाव बढ़ा उससे पत्रकारों की औसत आयु में काफी गिरावट आई है। फिलहाल पत्रकारों की औसत आयु 46 वर्ष आंकी गई है। सारंडा डीएफओ रजनीश कुमार ने कहा कि मीडिया लोगों को जोड़ने का काम करता है। लोकतंत्र की अहमियत को बरकरार रखने के लिए मीडिया जरूरी है। एनयूजे स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन के अध्यक्ष प्रसन्न मोहंती ने कहा कि देश में प्रशिक्षित और प्रतिबद्ध पत्रकार निर्मित करने के लिए स्कूल की ओर से देश भर में समय समय पर कार्यशाला का आयोजन होता है। रांची प्रेस क्लब के संयुक्त सचिव आनंद कुमार ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बाद भी मीडिया सच्चाई को परोसने में सफल है, यह समाज और सिस्टम के लिए सुखद है। बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्ष संजय पांडेय, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शनि सिंह, चाईबासा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नितिन प्रकाश, संतोष कुमार सुलतानी, एनयूजेआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवा कुमार, प्रदीप तिवारी, दीपक रॉय, गौरीशंकर झा, राजेश पति, नागेंद्र शर्मा, मनोज कुमार झुन्नू, मनोज मिश्रा, धीरेन्द्र चौबे, प्रदीप अग्रवाल, किशुन कुमार, शरद भक्त, कैलाश यादव समेत राज्य के विभिन्न जिलों से आये पत्रकारों ने हिस्सा लिया। धन्यवाद ज्ञापन जेयूजे के कार्यकारी अध्यक्ष राजीव नयनम ने व कार्यक्रम का संचालन अरविंद कुमार ने किया।
Lensman :: Jagdish Singh