राची, झारखण्ड | फरवरी | 26, 2024 :: केंद्रीय सरना समिति भारत का पुनर्गठन हेरीटेज बैंक्वेट हॉल,
चापुटोली, अरगोड़ा रांची में किया गया। पुनर्गठन के लिए मुख्य संरक्षक माधो कच्छप के नेतृत्व में कोर कमिटी बनाई गई। जिसमें डॉक्टर जगरनाथ उरांव, प्रोफेसर रामचंद्र उरांव, देवसहाय मुंडा, हरिश्चंद्र उरांव, सुकरा तिर्की, संजय कुजूर, मोहन उरांव, हौड़ा उरांव, सुशील उरांव, बिजय शंकर तिर्की, बुधवा उरांव शामिल थे। निश्चित समय तक किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं आने पर कोर कमेटी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से नारायण उरांव को समिति का अध्यक्ष बनाया। पुनर्गठन समिति में महासचिव राजू मुंडा, कोषाध्यक्ष संदीप तिर्की, वरीय उपाध्यक्ष वंथना टोप्पो, उपाध्यक्ष हेमंत गाड़ी, सचिव नन्हे कक्ष, संयुक्त सचिव पंकज टोप्पो एवं सोनू मुंडा को बनाया गया है। इसके अलावा विधिक सलाहकार के रूप में अजीत भुटकुमार और कमल किशोर लकड़ा को शामिल किया गया है। झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष लाली कच्छप को, खूंटी जिला अध्यक्ष सुमन मुंडा को और लापुंग, बेड़ो तथा इटकी प्रखंड के प्रभारी संजू उरांव को बनाया गया। इस मौके पर केंद्रीय सरना समिति भारत के अध्यक्ष नारायण उरांव ने कहा कि आप सबों का आशीर्वाद, मार्गदर्शन एवं चिंतन मंथन के बाद मुझे दोबारा अध्यक्ष की जिम्मेवारी आप लोगों ने दिया है, मैं इसे जिम्मेवारी पूर्वक निर्वाह करूंगा। कार्तिक बाबा ने जिस सोच के तहत केंद्रीय सरना समिति का गठन किया था, उसको आगे बढ़ाते हुए सरना समाज की पारंपरिक व्यवस्था परब-त्यौहार, पारंपरिक व्यवस्था, जमीन लूट को रोकने एवं पूरे देश में सरना आदिवासियों को एकजुट करने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि आज अन्य कई राज्यों में सरना आदिवासी समाज की कई जनजातियां निवास करती है, मैं समिति के माध्यम से प्रयास करूंगा कि समिति के बाकी जो भी पद खाली हैं उनको सभी के सहमति से उपयुक्त लोगों से पदों को भरने का काम करेंगे। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ से भी लोग उपस्थित थे। यूपी और असम के प्रतिनिधि किसी कारणवश नहीं आ पाए उन्होंने वहीं से अपनी सहमति प्रदान की। इस अवसर पर मुख्य रूप से चारे भगत, प्यारी उरांव, अमर उरांव, सोमनाथ उरांव, सोनू मुंडा ,नवीन तिर्की, देव सहाय मुंडा, सोनी कच्छप, चामु बेक, सुखदेव उरांव, सुनील कच्छप, मेनका गाड़ी, गोपाल टोप्पो, मोनिका उरांव, सुकरा तिर्की, चरकु उरांव, अणू मुंडा, दुखी उरांव, एतवा उरांव सहित काफी संख्या में सरना समाज के लोग उपस्थित थे।