राँची, झारखण्ड | सितम्बर | 15, 2018 :: वन उत्पादकता संस्थान द्वारा हिन्दी पखवाड़ा के समापन पर एक भव्य “राजभाषा प्रशस्ति कवि सम्मेलन” एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें राज्य के 12 प्रसिद्ध कवि-कवियित्रियों को राजभाषा के प्रसार एवं समृद्ध करने हेतु प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये। इन में डॉ. सुरिंदर कौर नीलम, सुनील सिंह बादल, सीमा चंद्रिका तिवारी, माधवी मेहर, रजनी मल्होत्रा नय्यर, सदानन्द सिंह यादव, हरि शंकर मिश्र, कुमार रजनीश, नीरज कुमार सिंह, आरिश नेज़ाम और जीशान अल्तमश शामिल हैं।विख्यात लेखक और पर्यावरणविद डॉ. शिशिर सोमवंशी के संचालन में हुये कवि सम्मेलन का आकर्षण कवियों द्वारा हिन्दी प्रतिष्ठा के साथ साथ सुर, ताल और लय में काव्य प्रस्तुतियाँ रहीं। संस्थान के निदेशक डा. नितिन कुलकर्णी की अध्यक्षता में समस्त कार्यक्रम का संयोजन रूबी सुज़ाना कुजूर का रहा।
सुरिंदर नीलम द्वारा “तेरा क्या जाता”, सुनील बादल की “मंगरू की व्यथा”, सीमा तिवारी की ग़ज़ल “ ये किसकी याद”, माधवी मेहर के “ बनके मेरा साथी” सदानन्द के हिन्दी जागरण गीत “जन जन की भाषा है हिंदी,हिन्दी से तुम प्यार करो” और किसान गीत, रजनीश के गीत “ ऐ आबे तल अब तेरी है ज़रूरत”, शिशिर सोमवंशी के “ हिन्दी हूँ मुझसे बात करो माँ की बोली हूँ” के साथ रजनी मल्होत्रा के सामयिक शेरो सुख़न, हरि शंकर की ग़ज़लों, नीरज की ओजभरी कविता, आरिश और अल्तमश की शायरी को श्रोताओं का स्नेहिल प्रतिसाद मिला।