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एससी, एसटी व ओबीसी समुदाय की समस्याएं एक तरह की : डॉ ओम सुधा

राची, झारखण्ड | मार्च | 10, 2024 ::

एससी, एसटी व ओबीसी समुदाय की समस्याएं लगभग एक ही तरह का है जब तक तीनों वर्ग एकजुट होकर नहीं रहेंगे तब तक हमारी समस्याएं बरकरार और विकराल होगी।
उक्त बातें आज दिल्ली से आए वरिष्ठ सामाजिक चिंतक डॉ ओम सुधा ने वाईबीएन पब्लिक स्कूल धुर्वा में राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा द्वारा आयोजित राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि रूप में कही।
डॉ सुधा ने कहा कि तीनों सामाजिक समूहों को आपस में मिल-जुल कर रहने से ही समाज का राज्य का और देश का विकास तेजी से होगा।
विशिष्ट अतिथि झारखंड प्रभारी विजय प्रताप भारती ने कहा कि हमारी सभी समस्याओं का जड़ ईवीएम है। ईवीएम से पारदर्शी और स्वच्छ चुनाव नहीं होती है। जिसका परिणाम है कि सरकार किसान,नौजवान, विद्यार्थी समूह की समस्या को सरकार गंभीरता से नहीं लेती है। और विरोध करने वाले के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करती है।
विशिष्ट अतिथि झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य रुचि कुजूर ने संविधान का पाठ करते हुए कहा कि संविधान ही हमारे लिए सुरक्षा का कवच है इसलिए संविधान को सम्मान देने के साथ ही एक-एक अनुच्छेद को आत्मसात करने की जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि डॉ दिलीप सोनी ने कहा की झारखंड सरकार ओबीसी समुदाय के प्रति गंभीर नहीं है सरकार को अविलंब ओबीसी का आरक्षण बढ़ानी चाहिए और 7 जिले में ओबीसी आरक्षण शुन्य किया गया हैं उसका भी समाधान करना जरूरी है।
वरिष्ठ समाजसेवी नरेश लाल ने सरकारी उपक्रमों का निजीकरण किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि निजीकरण से देश कमजोर हो रहा है।इसे सरकार को तुरंत बंद कर देना चाहिए।
अपने अध्यक्षीय भाषण में राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि आज जिस तरह से एससी एसटी ओबीसी वर्ग के सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए हैं वह झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
प्रदेश अध्यक्ष श्री गुप्ता ने राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में 15 सूत्री प्रस्ताव रखा जिसे एक स्वर और ध्वनि मत से पारित किया गया। पारित प्रस्ताव में देश में जातीय जनगणना कराने, ईवीएम के बदले बैलेट पेपर से चुनाव कराने,सरना कोड लागू करने, उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण घोटाले के विरुद्ध 2 सालों से आंदोलनरत एससी ओबीसी छात्रों को न्याय देने, मंडल कमीशन के एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण की व्यवस्था को अक्षरतः लागू करने, ओबीसी आरक्षण में असवैधानिक क्रीमी लेयर मान दंड को हटाने सरकारी, संस्थाओं का निजीकरण पर तुरंत रोक लगाने, सरकारी पदों पर अनुबंध लैटरल एंट्री एवं आउटसोर्सिंग की व्यवस्था समाप्त करने, ओबीसी को प्रमोशन में आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन करने एससी-एसटी और ओबीसी के बैकलॉग पदों को भरने मंडल कमीशन के सभी अनुशंसाओं को लागू करने, वन नेशन वन एजुकेशन एंड हेल्थ को शामिल करना है।
राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में झारखंड अधिवक्ता मंच के अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार, अधिवक्ता रंजीत महतो,मुनेश्वर रविदास,सरयू दास गिरिडीह, गोपाल यादव धनबाद,छोटन राम, जागा राम,माला कुजूर,प्रेमा तिर्की भी अपना विचार रखीं।
कार्यक्रम में डा शिवानंद काशी, महासचिव अजय मेहता, प्रमोद कुमार सुग्रीव यादव, डॉ भरत ठाकुर, विक्रांत विश्वकर्मा, अधिवक्ता हरेंद्र कुमार, अधिवक्ता पंकज रवि, शाहिद सहित सैकड़ो अन्य लोग भी शामिल हुए।

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