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रांची :: श्री गुरु हरकिशन साहिब जी का प्रकाश पर्व मनाया गया

रांची , झारखण्ड | जुलाई | 26, 2019 :: श्री गुरु हरकिशन साहिब जी का प्रकाश पर्व मनाया गया । इस अवसर पर सजाये गए विशेष दीवान की शुरुआत सुबह 8.00 बजे स्त्री सत्संग सभा की बबली दुआ एवं शीतल मुंजाल द्वारा ” ऐसे गुर को बल बल जाइए आप मुकत मोहे तारे…………” तथा ” सबना का माँ प्यो आप है……..” शबद गायन से हुई.हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी ने आसा जी दी वार का संपूण कीर्तन किया.तत्पश्चात गुरुद्वारा के मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी जेवेन्दर सिंह जी ने कथावाचन करते हुए साध संगत को बताया कि आठवें नानक श्री गुरु हरकिशन साहिब जी का जन्म सन 1656 में कीरतपुर साहिब में हुआ था.मात्र पांच साल की आयु में ही उन्हें अपने पिता गुरु हर राय साहिब जी द्वारा गुरु की पदवी हासिल हुई थी.कई लोगों को इस बात पर संदेह था कि गुरु हरकिशन जी में गुरु बनने लायक कोई शक्ति है भी या नहीं.इन्हीं में से एक थे लाल चंद जिसने दिल्ली जाने से पहले गुरु हरकिशन साहिब जी को गीता का अर्थ बताने की चुनौती दी.इस बात पर गुरु हरकिशन जी ने कहा कि वह उनके बदले किसी और को यह कार्य बोलकर करने के लिए ले आए.तब लाल चंद एक बहरे और मूक शख्स छाजू राम को ले आए और गुरु हरकिशन जी के छाजू राम को हाथ लगाते ही वह शख्स गीता का अर्थ बताने लगा.इस बात पर सभी भौंचक्का रह गए और लाल चंद गुरु हरकिशन के पैरों में गिर गए.साथ ही उन्होंने भाई गुरुदास जी की कविता “जैसे हीरा हाथ मै तनक सो दिखायी देत मोल कीए दमकन भरत भंडार जी ” का उल्लेख करते हुए साध संगत को बताया कि गुरु हरकिशन साहिब जी की उम्र जरूर कम थी परंतु वे अद्भुत प्रतिभा से सम्पन्न तथा गुणी थे.

इस मौके पर रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी एवं साथियों ने “पूता माता की आशीष,निमख ना बिसरऊ तुम कउ हर हर सदा भजऊ जगदीश………” एवं “श्री हरकिशन धिआइयै जिस डिठै सब दुख जाए……….” जैसे कई शबद गायन कर साध संगत को गुरवाणी से जोड़ा.

अनंद साहिब जी के पाठ,अरदास,हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ सुबह 10.15 बजे विशेष दीवान की समाप्ति हुई.मंच संचालन मनीष मिढ़ा ने किया. इस अवसर पर सभा द्वारा मिष्टान्न प्रसाद वितरित किया गया.

सत्संग सभा के सचिव मनीष मिढ़ा ने समूह साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी तथा सभी सेवादारों से इसी तरह गुरु घर की सेवा से जुड़े रहने का आह्वान किया.सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि इस मौके पर श्रद्धालुओं द्वारा गुरुद्वारा के प्रांगण में लगे निशान साहिब के चोला बदलने की सेवा की गई जिसमें चबूतरे की साफ सफाई हुई और निशान साहेब को नया चोला पहनाया गया.सेवा की संपूर्णता पर मनीष मिढ़ा ने सामूहिक अरदास कर वाहेगुरु का शुकराना अदा किया.

आज के दीवान में जयराम दास मिढ़ा,ऋषिकेश गिरधर,सुंदर दास मिढ़ा,द्वारका दास मुंजाल,अर्जुन दास मिढ़ा, अमरजीत गिरधर,रामकृष्ण मिढ़ा,नरेश पपनेजा,सुरेश मिढ़ा,नानक चंद अरोड़ा,हरीश मिढ़ा,बिनोद सुखीजा,मोहन काठपाल,लक्ष्मण सरदाना,रमेश पपनेजा,बसंत काठपाल,पवनजीत खत्री,गुलशन मिढ़ा,जितेंद्र मुंजाल,आशु मिढ़ा,नवीन मिढ़ा, महेश सुखीजा,कमल अरोड़ा,कमल मुंजाल,मनीष गिरधर,राजेन्द्र मक्कड़,मंजीत कौर,बंसी मल्होत्रा,किरण अरोड़ा,नीता मिढ़ा,इंदु पपनेजा,बीबी प्रीतम कौर समेत सैंकड़ों महिला श्रद्धालु एवं बच्चे शामिल हुए.

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