राँची, झारखण्ड । नवम्बर | 20, 2017 :: एकजुट द्वारा संत जेवियर काॅलेज हाॅल में लगायी गई तीन दिवसीय फोटो सह पोस्टर प्रदर्शनी में आज दूसरे दिन पांच सौ से अधिक लोग आये और आयोजन की सराहना की। प्रदर्शनी में काॅलेज के विद्यार्थी, शिक्षक, सामाजिककार्यकर्ता, एनजीओ व विभिन्न संगठनों के लोग थे।
इस दौरान आयोजित चर्चा के दौरान लंदन स्कूल आॅफ हाइजिन एंड ट्राॅपिकल मेडिसिन की प्रोफेसर आॅड्री प्रोस्ट ने ’अर्ली चाइल्ड हुड केयर एंड डेवलपमेंट’ (जन्म से लेकर तीन साल तक के बच्चों के विकास एवं देखभाल) से संबंधित मुद्दे पर जमायका देश में किये गए रिसर्च रिपोर्ट को साझा किया और तीन साल के पहले बच्चों में उत्तेजना दिये जाने के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जन्म से लेकर तीन साल तक की आयुवाले बच्चे का शारीरिक, मानसिक व भाषा का विकास जटिल दौर से गुजरता है। इस दौरान बच्चों में उत्तेजना (स्टीम्युलेशन) उत्पन्न करने से उनकी सीखने की क्षमता में अपेक्षित रूप से ज्यादा वृद्धि होती है।
चर्चा के दौरान बच्चों के विकास से संबंधित अलग से कार्यक्रम चलाये जाने की संभावना पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक कार्यकर्ता बलराम ने कहा कि वर्तमान में चल रहे समेकित बाल विकास परियोजना को बरकरार रखना सरकार की जरूरत है। उसी तरह तीन साल तक के बच्चों के लिए उत्तेजना देने संबंधी कार्यक्रम शुरू करने पर भी सरकार को एक सोच बनानी चाहिए, क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यक्रम में बच्चों को तीन साल के बाद ही स्कूल पूर्व शिक्षा मिलती है।
मौके पर एकजुट के परियोजना निदेशक डाॅ प्रशांत त्रिपाठी ने कहा कि कोई भी योजना या कार्यक्रम बनाने के पहले उसकी प्रभावकता एवं परिणाम पर वैज्ञानिक तरीके से रिसर्च कर लेने चाहिए।
इस चर्चा को भावना एवं मेघा ने फैसिलिटेट किया।