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स्वामी सत्यानन्द सरस्वती ने ऐसा योग सेतू स्थापित किया जिस पर आज तक पूरी दुनिया के लोग चल कर लाभ ले रहे हैं : स्वामी गोरखनाथ सरस्वती

राची, झारखण्ड | जून | 08, 2023 :: आज योग सत्र के चौथे दिवस पर सैकड़ों लोगों ने स्वामी गोरखनाथ सरस्वती से बिहार योग पध्दति के कुछ खास-खास अभ्यासों को सीखे।
पूरे शरीर के मांसपेशियों और नाड़ियों को मजबूत बनाने हेतू योगासन, गले और थायराईड को दूर करने के योग, तथा सम्पूर्ण शरीर को विश्राम देनें तथा मन को तनावमुक्त करने की यौगिक विधि और योगनिद्रा का अभ्यास। स्वामी जी ने कहा 1963 से 1988 तक परम् गुरुदेव स्वामी सत्यानन्द सरस्वती की विदेश योग यात्रा दुनियाँ को भारत से जोड़ दिया है।
परमहँस जी योग का ऐसा सेतू बना दिये हैं जिस पर यूरोप हो या अमेरिका, अरब हो या लंका, सभी द्वीप के लोग उस सेतू पर चल रहे हैं और पूरी दुनियाँ शान्ति की खोज में भारत की तरफ तेजी से आ रहे हैं।
आज का मन बहुत अशान्त और बेकाबू होते जा रहा है, किसी को चैन नहीं है, हर तरफ आपाधापी, निराशा की छाया, तनाव और बेचैनी ही नजर आ रही है।
पेशेंस न माता-पिता को है न ही बच्चों में है।
ऐसे हालात से हम कैसे लड़ पायेंगे? इस बेकाबू मन को कैसे बस में कर पायेंगे, महामारी के तरह बढ़ते
डाइबिटीज,
हृदय रोग और
डिप्रेशन
को कैसे रोक पायेंगे ये बहुत बड़ा प्रश्रचिन्ह है हमारे सामने।
सत्यानंद योग पद्धति जिसे बिहार योग पद्धति भी कहते हैं यह दुनियाँ में बहुत लोकप्रिय है।
क्योंकि इस पद्धति से लोगों को विश्राम मिला है, निराशा को दूर किया है।
लोगों को संतुलित रहने और अपने पैरों पर खड़ा करने का काम किया है।
मुंगेर स्थित इस केन्द्र में दुनियाँ के अनेकों राष्ट्र से लोग आते रहते हैं।

संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन संन्यासी मुक्तरथ, आदित्य कुमार और रूपम कर रहीं हैं।
साथ ही स्वामी जी के अनेकों शिष्य इस योगोत्सव के संदेश को दूर-दूर तक फैलाने में लगे हुए हैं।

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