राची, झारखण्ड | जून | 16, 2024 ::
राँची, झारखंड। भारत पर ग्रीक, शक, हूण, अरब, मंगोल, पुर्तगाली सहित 17 से अधिक आक्रमण हुए फिर भी यहाँ के लोगों की अपनी संस्कृति पर आस्था डगमगायी नहीं क्योंकि सभी ने मंदिरों, मठों, संस्थाओं पर आक्रमण किए परंतु ब्रिटिश ने हमारे मन पर आक्रमण किया। यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग में विमर्श विषय पर संबोधित करते ऑर्गनाइज़र पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने कही। उन्होंने आगे कहा कि आप अध्ययन करेंगे तो पता चलेगा कि विश्व की सभी संस्कृतियों की दृष्टि प्रकृति पर विजय पाने की नहीं परंतु हमारी दृष्टि प्रकृति के साथ जीने की। हमें अध्ययन करने की आवश्यकता है कि जब इतने आक्रांता भारत आये तब यूरोप की क्या स्थिति थी? यदि भारत गरीब देश था तो इस पर इतने आक्रमण क्यों हुए? गरीब देश से व्यापार कौन करना चाहेगा? इतने वर्षों में ऐसा नैरेटिव बनाया गया कि हम गरीब देश थे। इन सभी विषयों पर हमें समग्र चिंतन करने की आवश्यकता है।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की इस राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला सह अभ्यास वर्ग के विषय में जानकारी देते हुए कार्यशाला समन्वयक डॉ सविता सेंगर ने बताया कि इस अभ्यास वर्ग में न्यास के विभिन्न प्रांतों के चयनित कार्यकर्ताओं को निमंत्रित किया गया था और वर्ग में उपस्थित रहने से पूर्व कार्यकर्ताओं को तैयारी की दृष्टि से कुल 6 कार्य दिये गये थे। कार्यकर्ता विकास के लिए आयोजित इस वर्ग में न्यास की कार्य पद्धति, कार्य शैली, प्रवास, पंचपरिवर्तन (कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य बोध, स्वदेशी व स्वबोध) समन्वय जैसे व्यवहारिक विषयों पर कार्यकर्ताओं का प्रबोधन किया गया साथ ही सभी के साथ चिंतन व चर्चा सत्र भी आयोजित किए गए। उन्होंने आगे बताया कि इस अभ्यास वर्ग में विशेष रूप से गुरु घासिदास विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल, स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ अजय तिवारी, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश वर्मा, एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक गौतम सूत्रधार, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अंज़िला गुप्ता, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के कुलपति प्रो मुकेश वर्मा आई.ई.एस. विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. राजेश सिंह तोमर, बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम. के. सिंह, वाईबीएन विश्वविद्यालय, राँची के कुलपति रामजी यादव, साईंनाथ विश्वविद्यालय, राँची के कुलपति प्रो. एसपी अग्रवाल, झारखंड प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डी. के. सिंह, अर्क जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अंगद तिवारी, आइसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीश गोविंद उपस्थित थे।