राची, झारखण्ड | जून | 16, 2024 ::
संत निरंकारी मंडल रांची बुध विहार स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन मे रविवार को प्रातः 10:00 बजे से 1:30 तक संयोजक स्तरीय संत निरंकारी बाल समागम का आयोजन किया गया जिसमें रांची नामकुम खूंटी लोहरदगा के बच्चों ने सद्गुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज के सोच के प्रति विभिन्न माध्यमों के द्वारा चाहे वह गीत कविता कव्वाली या फिर अपने विचार के माध्यम से बाल संतों के बच्चों ने अपने-अपने भाव को सांझा किया बच्चों ने अलग-अलग भाषाओं अर्थात हिन्दी, पंजाबी, इंगलिश, संथाली भाषा का सहारा लेते हुए भजन, कविता, कव्वाली, स्किट, भाषण, अवतार बाणी के शब्द कीर्तन आदि के रूप में अपने भाव व्यक्त किए । बच्चों ने अपनी अपनी आईटम में यह बताने की कोशिश की कि निरंकारी मिशन सारी मानवता का मिशन है यह किसी विशेष मजहब जाति धर्म या वर्ण से सम्बन्धित नहीं है। यह प्यार का मिशन है और प्यार प्रभु से जोड़ता है । बाल समागम में बच्चों ने अपने भाव में कहा छोटे छोटे जब बच्चा बाल संगत से जुड़ जाता है तो वे बच्चे गलत दिशा में अपना कदम नही बढ़ाते। बाल संगत के बच्चों ने अपने भाव के माध्यम से सतगुरु के संदेश को सांझा किया कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनका भविष्य उनकी संगति पर निर्भर करता है। बाल संगत में उनका सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन उज्जवल होता है। यह सब सच्चे सतगुरु की कृपा के कारण है, जो उन्हें भाईचारे, प्रेम, विनम्रता और मानवता के साथ पाल रहे हैं। बच्चों ने कहा कि संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध विश्व-समाज की स्थापना करने का प्रयास करता है, जहाँ द्वंद्व, घृणा, ईर्ष्या, वासना, पीड़ा, लालच, मोह और अहंकार, कलह और विभाजन, युद्ध और हिंसा तथा शक्तिशाली द्वारा कमजोरों पर अत्याचार के लिए कोई स्थान नहीं है।संयोजक बहन चंपा भाटिया ने सभी बच्चों का धन्यवाद एवं तारीफ करते हुए कहा कि यह सुंदर आयोजन जो आज बच्चों के द्वारा यहां किया गया वो काबिले तारीफ है बहन चंपा भाटिया ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने बड़ी-बड़ी सीख दी की हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ना है लेकिन दूसरों को गिरा कर या धक्का देकर नहीं यदि इस तरह से हम आगे बढ़ेंगे तो इसका हमें कोई लाभ नहीं होगा। बहन चंपा भाटिया ने बड़ों का आदर-सत्कार करने तथा कम से कम बोलने व अधिक से अधिक सीखने के लिए भी बच्चों को प्रेरित किया और कहा की ईश्वर के प्रति बचो में विश्वास भरना हम माता पिता का कार्य है।
इस अवसर पर बाल संतों द्वारा मानवीय मूल्यों के संदेश के साथ विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ प्रस्तुत की गईं और अंताक्षरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई बाल समागम सत्संग समाप्ति के उपरांत गुरु का टूट लंगर भी वितरण किया गया उपरोक्त जानकारी संत निरंकारी मंडल के संदीप नागपाल ने दी।