राची, झारखण्ड | सितम्बर 04, 2024 ::
बाजार समितियों को सुव्यवस्थित करने के मुद्दे पर आज माननीय कृषि मंत्री दीपिका पांडे सिंह की पहल पर पशुपालन निदेशालय, हटिया के सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक में फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के साथ ही जमशेदपुर, देवघर, दुमका, धनबाद, केंदुआ, सरायकेला, जामताडा चैंबर ऑफ कॉमर्स, बाजार समिति के व्यापारी और कृषक प्रतिनिधि शामिल थे।
राज्य की कृषि मंडियां कैसे सशक्त हों, ट्रेडर्स और कृषकों के आपसी समन्वय से राज्य में मंडियों का विकास हो, कृषकों का उत्थान हो और मंडी में व्याप्त असुविधाओं की जानकारी माननीय मंत्री ने व्यापारियों से जानी। राज्य में पुनः कृषि शुल्क प्रभावी होने की बाजार में फैली भ्रांति का उन्होंने खंडन करते हुए कहा कि किसी भी तरह का शुल्क प्रभावी करने की हमारी मंशा नहीं है। सरकार कोई भी निर्णय व्यापारियों और कृषकों के बिना परामर्श के नहीं लेगी। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि कैसे कृषकों के उत्थान में व्यापारी सहयोगात्मक भूमिका निभा सकते हैं ताकि उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिले और व्यापारी को भी फायदा हो। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार समिति में रिफॉर्म लाकर, उसे सशक्त बनाना हमारा उद्देश्य है, जिसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है।
सभा में उपस्थित व्यापारियों ने कृषि मंत्री के इस पहल का स्वागत करते हुए उनके प्रयास की प्रशंसा की। राज्य की बाजार समितियों में सडक, पेयजल, शौचालय, सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ ही मरम्मती के अभाव में जर्जर हो चुकी दुकानों पर चिंता जताते हुए व्यापारियों ने मार्केटिंग बोर्ड की उदासीनता से माननीय मंत्री को अवगत कराया। यह भी कहा गया कि जिस उद्देश्य के साथ बाजार समिति का गठन किया गया था, वह आज पूर्णतः विफल है। राज्य के किसी भी मंडी में आज तक कृषकों का उपज नहीं आता है न ही मार्केटिंग बोर्ड के पदाधिकारियों के द्वारा इस दिशा में प्रयास किया गया। यह भी बताया गया कि पिछले 5-7 वर्षों से बाजार समिति में डेवलपमेंट का काम बंद है, जिसकी समीक्षा होनी चाहिए।
यह भी सुझाया गया कि बाजार समितियों के विकास के लिए जरूरी है कि सरकार हमें लीज पर दुकान का मालिकाना हक दे और हमें स्वयं के खर्च से दुकान के मरम्मतीकरण की अनुमति दे तो इससे बाजार समितियों को मॉडल बाजार समिति के रूप में विकसित करने में बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। यह भी कहा गया कि मार्केटिंग बोर्ड के पास फिक्स डिपोजिट के रूप में पर्याप्त फंड हैं, जिससे बाजार समितियों के डेवलपमेंट में उपयोग में लाया जा सकता है। आलू प्याज थोक विक्रेता संघ के रोहित कुमार ने यह सुझाया कि प्रत्येक बाजार समितियों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा, बाजार समितियों का रि-कंस्ट्रक्शन और बाजार समितियों में ओपन वेयरहाउस की सुविधा उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। यह भी सुझाया गया कि झारखण्ड में उत्पादित उत्पाद को अन्य देशों में निर्यात की सुविधा उपलब्ध कराने से भी कृषकों को प्रोत्साहित करने में सहयोग किया जा सकता है।
चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने यह भी सुझाया कि टमाटर, फूलगोभी समेत अन्य सब्जियां जिसे कई बार कृषक बंधु उचित मूल्य नहीं मिलने पर सडकों पर फेंकने को विवश होते हैं, उन्हें भी एमएसपी पर लायें। माननीय मंत्री महोदया ने इसपर सार्थक कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। यह कहा कि केंद्र से तय होने पर राज्य सरकार बोनस देने का काम भी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग से जुडी कोई भी भ्रांति होने पर व्यापारी सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं। आदित्य विक्रम जयसवाल ने पंडरा मंडी की दयनीय व्यवस्था पर चिंता जताते हुए बाजार समितियों के डेवलपमेंट हेतु व्यापारी, किसान और मंत्रालय के अधिकारियों की एक को-ऑर्डिनेशन कमिटी का गठन करने तथा किसानों का एक वॉट्सएप्प गु्रप बनाने का सुझाव भी दिया।
बैठक का मंच संचालन चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री और कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार ने किया। बैठक में मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमेन रविंद्र सिंह, बोर्ड के एमडी फैज अहमद, कृषि सचिव अबुबकर सिद्दीकी, चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव अमित शर्मा, रामगढ के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अमित साहू, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार, रांची चेंबर पंडरा के संजय महुरी, दीपक अग्रवाल, हरि कनोडिया, आनंद जालान, आलोक मल्लिक, संजय अग्रवाल, सुरेश सोंथालिया, भरत वसानी, दीपक भालोटिया, मनोज घोष, मदन साहू, रोहित कुमार, विकास कांदवे, प्रियांक भगत, रामगढ चेंबर के अध्यक्ष विनय अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, आदित्य विक्रम जयसवाल के अलावा प्रायः प्रत्येक जिले के चेंबर ऑफ कॉमर्स और बाजार समिति के सैकडों व्यापारी उपस्थित थे।