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देश में केवल 27% आबादी के पास वित्तीय ज्ञान और मात्र 17% छात्र ही रखते हैं पर्याप्त वित्तीय जागरूकता : क्षेत्रीय निदेशक, आरबीआई

राची, झारखण्ड  | मार्च |  11, 2025 ::

ज़ेवियर इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल सर्विस (एक्सआईएसएस), रांची ने भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की राष्ट्रव्यापी शैक्षिक पहल ” आरबीआई@90″ के तहत वित्तीय समावेशन और साक्षरता पर एक जानकारीपूर्ण सत्र का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य पूरे भारत में 90 संस्थानों में वित्तीय जागरूकता फैलाना है। यह सत्र मंगलवार को संस्थान परिसर में प्रेम रंजन प्रसाद सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लिया गया।

सत्र के दौरान, श्री सिंह ने डिजिटल लेनदेन के इस दौर में वित्तीय साक्षरता की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भले ही भारत दुनिया के कुल डिजिटल लेनदेन का लगभग 48% योगदान देता है, लेकिन देश में केवल 27% आबादी के पास वित्तीय ज्ञान है और मात्र 17% छात्र ही पर्याप्त वित्तीय जागरूकता रखते हैं। यह अंतर दर्शाता है कि वित्तीय शिक्षा की अत्यधिक आवश्यकता है।

 

सत्र के दौरान, वित्तीय जागरूकता को आधुनिक युग की सबसे महत्वपूर्ण साक्षरता बताया गया। डिजिटल भुगतान और बढ़ते धोखाधड़ी मामलों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें विभिन्न धोखाधड़ी के उदाहरणों के साथ उनसे बचाव के उपाय भी बताए गए। एक अन्य सत्र में धोखाधड़ी से बचाव के उपायों पर जोर दिया गया, जिसमें प्रमुख सुरक्षा उपायों जैसे कि—

अज्ञात लिंक पर क्लिक न करना, ओटीपी या पासवर्ड साझा न करना, भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन न करना, आदि पर चर्चा की गई। इसके अलावा, आरबीआई हेल्पलाइन नंबर (1930) और आधिकारिक वेबसाइट (www.rbi.org.in) को धोखाधड़ी की रोकथाम और समाधान के लिए प्रमुख संसाधन के रूप में उजागर किया गया।

 

सत्र के अंत में, डॉ. अमर एरोन तिग्गा, डीन एकेडेमिक्स, ने वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय साक्षरता को समझने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को आरबीआई में समर इंटर्नशिप के अवसरों की खोज करने की भी सलाह दी।

 

इस सत्र में आरबीआई कार्यालय के अधिकारी, श्री अरविंद एक्का, सहायक महाप्रबंधक, और श्री सोहन, प्रबंधक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन एक क्विज़ प्रतियोगिता के साथ हुआ, जिसने वित्तीय अवधारणाओं को रोचक तरीके से दोहराने में मदद की। विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, जिससे छात्रों के लिए यह सीखने का एक उत्साहजनक अनुभव बन गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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