राची, झारखण्ड | जुलाई 31, 2024 ::
मारवाड़ी महाविद्यालय, राँची के हिंदी विभाग के द्वारा जे सी बोस सभागार में मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह पूर्वक मनाया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी सह प्रख्यात साहित्यकार रणेंद्र कुमार, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार, प्रोफेसर इंचार्ज डॉ आर आर शर्मा, डी एस डब्ल्यू डॉ तरुण चक्रवर्ती, महिला प्रभाग के प्रभारी डॉ स्नेह प्रभा महतो , अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष श्रीमती अंजु पुष्पा बा, गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम प्रसाद, भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संतोष रजवार , संस्कृत के सहायक प्राध्यापक डॉ राहुल कुमार, जय प्रकाश रजक, अर्चना शेफाली, डॉ लता समेत अनेक गणमान्य प्रमुख तौर पर उपस्थित रहे ।
डॉ रणेंद्र ने अपने संबोधन में बताया कि पहली बार ग्रामीण परिवेश के आम महिलाओं-पुरुषों को प्रेमचंद ने अपने रचनाओं का पात्र बनाया। दलितों और महिलाओं को अपने कहानियों का नायक बनाया तथा सामाजिक क्रांति की नींव रखी।
सामाजिक संरचना में अदृश्य हिंसा को उन्होंने अपने रचनाओं से दृश्यमान किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि भारत राजनीतिक गुलाम होने के साथ-साथ सामाजिक रूढ़ियों में भी जकड़ा था । प्रेमचंद की रचनाओं ने इस जकड़ से ,गुलामी से मुक्ति का मार्ग दिखाया , विद्रोह के लिए उकसाया।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा माहवारी जागरूकता संबंधी नुक्कड़ नाटक ‘चुप्पी तोड़ो’ की प्रस्तुति की गई।
इससे पूर्व प्रेम जयंती के उपलक्ष्य में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता विषय प्रेमचंद की रचनाओं में विमर्श के प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान पाने वालों को पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम का संचालन डॉ स्मिता गहलौत तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत के सहायक प्राध्यापक डॉ राहुल कुमार द्वारा किया गया।