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दो बच्चों के जन्म में 3 से 5 वर्षों का अंतर रखकर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है : डाॅ० अनिल कुमार ( राज्य नोडल पदाधिकारी, परिवार नियोजन )

रांची, झारखण्ड  | मई | 19, 2022 :: डाॅ० अनिल कुमार, राज्य नोडल पदाधिकारी परिवार नियोजन की अध्यक्षता में दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। डॉक्टर अनिल कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा की गर्भपात के कारण भी मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर बढ़ती है परिवार नियोजन के विधि पी पी आई यू सी डी को उपयोग करते हैं तो अनचाहे गर्भधारण की समस्या एवं गर्भपात की समस्या से निजात पाया जा सकता है साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोका जा सकता है दो बच्चों के जन्म में 3 से 5 वर्ष का अंतर रखकर तथा परिवार नियोजन के अस्थाई विधियों को अपनाकर कर मां तथा उसके जन्मे बच्चों को ज्यादा स्वस्थ और निरोग रखा जा सकता है साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है नोडल पदाधिकारी डाॅ० अनिल कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कार्यशाला सह प्रशिक्षण का उद्द्ेश्य के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दिए। डाॅ० अनिल कुमार ने प्रखण्ड प्रशिक्षक दल (बी०टी०टी०), परिवार नियोजन के कार्यदायित्व एवं इसके निरन्तर सेवाओं के संबंध में जानकारी दिए। परिवार नियोजन के दो नई गर्भ निरोधक विधि अन्तरा इंजेक्शन एवं छाया टैबलेट के बारे में आम लोगों को जागरुक करने तथा इसे अपनाने के बारे में बताया। उन्होंने सख्त निदेश देते हुए कहा कि सभी लोग अपने कार्यदायित्व को ससमय करते हुए लक्ष्य के अनुरुप कार्य करें।
उन्होंने परिवार नियोजन से संबंधित रिकार्ड कीपिंग एवं विभिन्न प्रकार के पंजी एवं फोलो-अप कार्ड के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दिए। परिवार नियोजन से संबंधित विभिन्न अस्थाई विधियों की आपूर्ति ससमय स्वास्थ्य उपकेन्द्र एवं सहिया तक पहुँच को सुनिश्चित करने का निदेश दिया। परिवार नियोजन लोजेस्टिक प्रबंधन सूचना पद्धति के माध्यम से आॅनलाईन इण्डेन्ट एवं प्रत्येक माह अद्यतन शत प्रतिशत सुनिश्चित करने का निदेश दिया। जिससे कार्यों में गति आ सके।
इस अवसर पर गुंजन खलखो, राज्य समन्वयक, परिवार नियोजन, सुदीप सान्याल तथा नवल किशोर आदि उपस्थित थे।

 

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