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27 जूलाई 2018 को भारत मे लगने वाला खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण लाल या सँतरे का रँग का होगा – पँ रामदेव पाण्डेय 

 

रांची, झारखण्ड । फरवरी | 01, 2018 :: 27 जूलाई 2017 को भारत मे खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण- लाल या सँतरे का रँग का होगा -पँ रामदेव पाण्डेय

ब्लू मून
इस स्थिति में पूर्ण चंद्रमा दिखता है लेकिन चंद्रमा के निचले हिस्से से नीला प्रकाश निकलता दिखेगा। इसे ब्लू मून कहा जाता है। माना जाता है कि अगला ब्लू मून 2028 और 2037 में दिखेगा।

ब्लड मून
इस स्थिति में पृथ्वी की छाया पूरे चंद्रमा को ढंक लेता है लेकिन फिर सूर्य की कुछ किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं। जब सूर्य की किरणे चंद्रमा पर गिरती हैं तो यह लाल दिखता है। इसी कारण इसे ब्लड मून कहा जाता है।

यहां ब्लू का मतलब चांद के कलर के लिए नहीं है. दरअसल, जब एक महीने में दो बार पूर्णिमा आती है यानी दो बार चांद पूरा निकलता है तो दूसरी बार के पूर्णिमा के चांद को ब्लू मून कहा जाता है.

सुपर मून

सुपर मून उस स्थिति में होता है जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी घटती है और पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति को सुपर मून कहा जाता है। इस स्थिति में चंद्रमा बहुत बड़ा और चमकीला दिखता है।

खण्डग्रास  चन्द्र ग्रहण

27 /28    जूलाई  ग्रहण के समय चन्द्रमा स्वय  राशि मकर में 16 अंश 14 कला 17 विकला का भोग कर चुके होंगे तथा ग्रहण के स्पर्श के समय उतरा षाढ में  होकर उत्तर दिशा में विद्यमान होंगे । परन्तु मोक्ष काल तक चंद्रमा उतराषाढ  नक्षत्र का भोग कर रहे होंगे ।

सम्पूर्ण भारत मे गुरू पूर्णिमा को होगी काली रात ,

सम्पूर्ण भारत मे दिखेगा यह ग्रहण

ग्रह का समय :-

भारतीय स्टैंडर्ड समयानुसार ग्रहण

ग्रहण की कुल अवधि -3:55

भारत मे स्पर्श , सम्मिलन,उन्नमिलन,मध्य और मोक्ष सब दिखेगा ,

स्पर्शकाल-   रात 23:   54    –

ग्यारह बजकर चवन  मिनट  से ग्रहण स्पर्श प्रारंभ हो जायेगा ।

समाप्त – भारत मे रात 2:43( 27/ 28 जूलाई  2018 शुक्र वार को )

ग्रहण का प्रारंभ अर्थात सम्मीलन रात 25: 01 पर होना प्रारंभ हो जायेगा ।

मध्य- रात  25:   51    (1बजकर 51 पर होगा)

ग्रहण का उन्मीलन अर्थात समाप्ति रात 26:43 पर होगा ।

ग्रहण का मोक्ष रात्रि 27 :49 पर होगा ,

चन्द्र निर्मल- 29:04 (5:04) बजे होगा ,

चन्द्रोदय का समय सायं 17:53 बजे होगा । अर्थात चन्द्रमा ग्रहण से ग्रसित ही उदित होंगे ।

* ग्रहण का सुूतक नौ घंटा पूर्व ही शाम 4:00 से ही प्रारंभ हो जायेगा । तथा चन्द्र ग्रहण पूर्वी क्षितिज पर दिखना शुरू हो जायेगा ।

* ग्रहण की कुल अवधि – 3 घंटा 55 मिनट होगी ।

यह ग्रहण कहाँ कहाँ दिखेगा :-

वाराणसी के दक्षिण भाग के राज्य मे – मध्यप्रदेश,  गुजरात  ,महा राष्ट   विशेष रूप से दिखेगा ,

चन्द्रास्त के समय – न्यूज़ीलैण्ड,  दक्षिण उतर प्रशान्त महासागर, रूस के पूर्वी भाग ,

चन्द्रोदय के समय- का मोक्ष – अर्जेन्टीना, ब्राजील, उतरी अन्ध महास

यह खग्रास चन्द्र ग्रहण – भारत के सभी हिस्सों के साथ साथ थाईलैंड, म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान, मलेशिया तथा हिन्द महासागर आदि स्थानों से दृश्यमान होगा ।

सावधानी :-

* ग्रहण के सूतक काल में बालक, वृद्ध, रोगी, को छोड़कर किसी को भी भोजन और सोने अर्थात शयन नही करना चाहिए ।

* जिन महिलाओं के गर्भ में शिशु पल रहे हो उन्हें तीक्ष्ण, धारदार लोहे के चाकू, हसिया आदि से फल, सब्जी आदि कोई चीज नही काटना चाहिए ।

* ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं के पेट पर पतला लेप लगा देना चाहिए ।

* ग्रहण के समय मंदिर में प्रवेश , देवी देवता के मूर्ति को स्पर्श , यात्रा तथा मैथुन कर्म आदि नही करना चाहिए ।

* ग्रहण काल में जैसे दूध, दही, धी, भोजन सामग्री कुश से ढक कर रखना चाहिए ।

* यह प्रयास करना चाहिए कि कोई भी पकाया हुआ भोजन ग्रहण काल में घर में ना बचा रहे ,और ग्रहण काल में दूषित हो चुके भोजन को ग्रहण समाप्ति के बाद भी ग्रहण नही करना चाहिए ।

* ग्रहण काल के समय को भगवान के भजन, पूजन, मंत्रजाप तथा साधना के लिए प्रयोग करना चाहिए ।

ग्रहण का राशियों पर :-

यह खग्रास चन्द्र ग्रहण कर्क राशि व पुष्य और आश्लेषा नक्षत्र में होगा । कर्क राशि के जातको और पुष्य तथा अश्लेषा नक्षत्र में उत्पन्न हुए जातकों के लिए विशेष अशुभ फल प्रदान करेगा । परन्तु अन्य राशियाँ भी इसके प्रभाव से अछूती नही रहेंगी । वैसे अन्य राशियों पर प्रभाव पड़ेगा बताता हूँ ।

शास्त्रमतानुसार –

जन्मर्क्षे निधनं ग्रहे जनिभतो घात: क्षति: श्रीर्व्यथा,
चिन्तासौख्यकलत्रदौस्थ्यमृतय: स्युर्माननाश: सुखम् ।
लाभोSपाय इति क्रमात्तदशुभध्वस्त्यै जप: स्वर्ण –
गोदानं, शान्तिरथो ग्रहं त्वशुभदं नो वीक्ष्यमाहु: परे ।।

यस्यैव जन्मनक्षत्रे ग्रस्येते शशिभास्करौ ।
तस्य व्याधिभयं घोरं जन्मराशौ धनक्षय: ।।

जन्मसप्ताष्टरि: फांकदशमस्थेनिशाकरे ।
दृष्टोरिष्टप्रदो  राहुर्जन्मर्क्षे  निधने  तथा ।।

यह ग्रह सभी राशियों पर भिन्न भिन्न प्रभाव डालेगा । जिसका मैं विनय कुमार शर्मा, राशिनुसार वर्णन कर रहा हूँ ।

मेष :- राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण अपमान , बदनामी तथा कलंक का फल प्रदान करेगा ।
वृषभ :- वृषभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण से बाधा  करेगा ।

मिथुन :- राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शोभावृद्धि करने वाला व लाभप्रद रहेगा ।

कर्क :- राशि वालों के लिए यह ग्रहण हानिकारक सिद्ध होगा तथा कई तरह के विघ्नो को उत्तपन्न करेगा ।

सिंह :- सिंह राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण व्यय तथा हानि का मार्ग प्रशस्त करेगा ।

कन्या :- राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण चिन्ता में वृद्धि करायेगा कुछ नई उलझन और परेशानियों को प्रदान करेगा ।

तुला :- राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण कुछ ना कुछ यश , पद लाभ करायेगा ।
वृश्चिक :-   धन ,यश का लाभ मिलेगा ,
धनु :- धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण सुखों , सुविधाओं में वृद्धि प्रदान करेगा ।

मकर :-  राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण विशेष रूप से पीड़ादायक और घात, दुर्घटना या मानसिक आधात काल दुख देने का हेतु साबित होगा ।

कुम्भ :- कुम्भ राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण रोग तथा शारीरिक व्याधि का करण पैदा करेगा, जो मृत्यु सी पीडा आ सकता है ।

मीन :- राशि वालों को यह ग्रहण सुख व सफलता प्रदान करायेगा ।

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जिस राशि पर चंद्रमा स्थित हो वहाँ से  3 4 8 तथा 11 वां राशि शुभ बाकि अशुभ अर्थात आज चंद्र कर्क राशि पर तो कन्या तुला कुंभ वृष को लाभ बाकि हानि ! ग्र

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पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा पुर्णतः गोलाकार का दिखाई देता है, लेकिन कभी कभी किसी वजह से चंद्रमा के पूर्ण हिस्से पर धनुष या हंसिया के आकार की काली परछाई दिखने लगती है। जो कभी-कभी चाँद को पूरी तरह से ढक लेती है। पहली स्थिति को चन्द्र अंश ग्रहण या खंड-ग्रहण कहते है जबकि दूसरी स्थिति को पूर्ण चन्द्र ग्रहण या खग्रास कहते है।

ऐसा विशेषकर पूर्णिमा पर ही होता है। वर्ष 2018 का दुसरा  चंद्रग्रहण भी पूर्णिमा के दिन ही दिखाई देगा।27 जूलाई 2018 यानी आषाढ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 2018 का दुसरा खण्डग्रास  चन्द्र ग्रहण होगा। इस दिन पुरे 12 घंटों तक भगवान के दर्शन करना अशुभ माना जाएगा, इसलिए इस समय मंदिरों के पट बंद रहेगे और किसी तरह की पूजा नहीं की जाएगी।

चंद्रग्रहण अवधि

27 जूलाई 2018 को पड़ने वाला खग्रास चन्द्र ग्रहण विश्व के अन्य हिस्सों के साथ-साथ भारत में भी पूर्ण रूप से दिखाई देगा। चन्द्र ग्रहण की अवधि कुल 3 घंटे 55 मिनट की होगी। पूर्णिमा तिथि होने के कारण भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना के लिए शाम 4:00 तक का समय सही माना जा रहा है।

ग्रहण समाप्त होने के पश्चात् क्या करें?
ग्रहण के खत्म होने के तुरंत बाद स्नान-दान आदि धर्म कार्य करना चाहिए। इस समय अगर किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव हो तो उसमे स्नान करना चाहिए यदि संभव न तो पवित्र नदियों का स्मरण के साथ स्नान कर लेना चाहिए।

चन्द्र ग्रहण, राशियों पर क्या प्रभाव होगा?
मेष: नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलेगी। कार्यस्थल पर आपकी मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आजीविका से जुड़े सभी क्षेत्रों में लाभ होगा।

वृषभ: अचानक धन लाभ होने की संभावना है। नौकरी और व्यापार में उन्नति होगी। मित्रों और प्रियजनों के साथ आप अच्छा समय व्यतीत करेंगे।

मिथुन: धन की हानि हो सकती है। अधिक यात्रा करने की वजह से घर से दूर रहना पड़ सकता है। सेहत का विशेष ध्यान रखें, मानसिक अवसाद के शिकार हो सकते हैं।

कर्क: शारीरिक कष्ट से समस्या हो सकती है। गुप्त रोग होने की भी संभावना। वाहन सावधानी से चलाएं। तनाव मुक्त रहने के लिए स्वयं को अपने कार्य में व्यस्त रखें।

सिह: बेवजह की बातों से मानसिक चिंता बढ़ सकती है, इसलिए व्यर्थ ही किसी बात का तनाव ना लें। धन हानि होने की संभावना है। कुटुंब परिवार में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती है या सदस्यों के बीच मनमुटाव हो सकता है।

कन्या: अचानक धन लाभ होगा और विभिन्न प्रकार के भौतिक सुखों का आनंद मिलेगा। साहस और परामक्रम में वृद्धि होगी। छोटी दूरी की यात्रा की संभावना है। भाई-बहन अच्छा समय व्यतीत करेंगे।

तुला: शारीरिक विकारों से परेशानी बढ़ सकती है। किसी बात का भय बना रह सकता है। जीवन में संघर्ष बढ़ेगा। पारिवारिक जीवन में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

वृश्चिक: किसी बात की चिंता करने से आप स्वयं को तनावग्रस्त महसूस करेंगे। प्रेम संबंधों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बेवजह के विवादों से बचने की कोशिश करें। पढ़ाई-लिखाई में अड़चनें आ सकती हैं।

धनु: विरोधियों से चुनौती मिल सकती है, वे कई तरह की समस्या उत्पन्न करेंगे। आर्थिक जीवन सामान्य रहेगा। धन लाभ के साथ-साथ खर्च भी बढ़ेंगे। किसी कानूनी मामले से परेशानी हो सकती है।

मकर: वैवाहिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ मतभेद होने की संभावना है। बिजनेस पार्टनर के साथ भी किसी बात को लेकर टकराव या विवाद हो सकता है।

कुंभ: बेवजह यात्राएं करनी पड़ सकती है और इन यात्राओं से लाभ नहीं मिलेगा। धन हानि होने की संभावना है। शारीरिक कष्ट और यौन जनित रोग से परेशानी हो सकती है।

मीन: किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अत्यधिक प्रयास करने होंगे। आय की तुलना में खर्चों में वृद्धि होगी। कार्यों में विलंब होने से परेशानी होगी।

ॐ सोम सोमाय नमः

आज ही दिखेगा ब्लू मून , सूपर मून और ग्रहण वाला कुछ कुछ लाल और ताम्बे जैसा छल्ले नुमा गोल बड़ा चाँद ।

ये चाँद नीले रंग का नही होगा बल्कि जब एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा का चाँद दिखे तो उसे ही ब्लू मून कहा जाता है

चद्र ग्रहण की प्रक्रिया तब होती है जब सूर्य , चंद्र और प्रथ्वी एक सीध में आ जाते हैं

जैसा कि हम सब जानते हैं कि पॄथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की ..तो ये परिक्रमा पूरी करते करते जब चंद्रमा पृथ्वी के अत्यंत करीब आ जाता है तो उसका आकार बड़ा लगने लगता है और
पृथ्वी के इन दोनो के बीच में आ जाने से सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नही पहुँच पाता सूर्यदेव के प्रकाश से ही चंद्रमा प्रकाश मान और चमकीला दिखाई देता है ..

अत :ऐसी स्थिति में पॄथ्वी सूर्य और चंद्र के बीच आ जाती है तो चंद्रमा कम चमकीला दिखाई देता है

आज चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा तो सामान्य से बड़ा दिखाई देगा क्योंकि वह रोज़  की तुलना में आज हमारी दृष्टि के समीप होगा

तो यह होगा सूपर मून ….!

अब जब चंद्रमा को सूर्य की उचित रोशनी नही मिलेगी तो वह थोड़ा धुंद्ला भी दिखाई देगा

ज्योतिष की दृष्टि से जब राहु चंद्रमा को पीडित करता है तो कुंडली में ग्रहण योग बनता  है ..
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अत्रिमुनि  से  ज्ञान आया ,

आर्यभट्ट  की काल गणणा से आज भी ग्रहण की गणणा की जाती है ,

सूर्यग्रहण

सूर्यग्रहण होने के लिए निम्न शर्ते पूरी होनी आवश्यक है।अमावस्या होनी चाहिये।चन्दमा का रेखांश राहू या केतु के पास होना चाहिये।चन्द्रमा का अक्षांश शून्य के निकट होना चाहिए,सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है,ज़्यादा से ज़्यादा दो सौ पचास (250) किलोमीटर के सम्पर्क में। इस क्षेत्र के बाहर केवल खंड-ग्रहण दिखाई देता है। पूर्ण-ग्रहण के समय चाँद को सूरज के सामने से गुजरने में दो घण्टे लगते हैं। चाँद सूरज को पूरी तरह से, ज़्यादा से ज़्यादा, सात मिनट तक ढँकता है। इन कुछ क्षणों के लिए आसमान में अंधेरा हो जाता है, या यूँ कहें कि दिन में रात हो जाती है।उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखाओं को रेखांश कहा जाता है तथा भूमध्य रेखा के चारो वृ्ताकार में जाने वाली रेखाओं को अंक्षाश के नाम से जाना जाता है।18 वर्ष 18 दिन की समयावधि में 41 सूर्य ग्रहण और 29 चन्द्रग्रहण होते हैं। एक वर्ष में 5 सूर्यग्रहण तथा 2 चन्द्रग्रहण तक हो सकते हैं। किन्तु एक वर्ष में 2 सूर्यग्रहण तो होने ही चाहिए। हाँ, यदि किसी वर्ष 2 ही ग्रहण हुए तो वो दोनो ही सूर्यग्रहण होंगे। यद्यपि वर्षभर में 7 ग्रहण तक संभाव्य हैं, तथापि 4 से अधिक ग्रहण बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। प्रत्येक ग्रहण 18 वर्ष 11 दिन बीत जाने पर पुन: होता है। किन्तु वह अपने पहले के स्थान में ही हो यह निश्चित नहीं हैं, क्योंकि सम्पात बिन्दु निरन्तर चल रहे हैं।साधारणतय सूर्यग्रहण की अपेक्षा चन्द्रग्रहण अधिक देखे जाते हैं, परन्तु सच्चाई यह है कि चन्द्र ग्रहण से कहीं अधिक सूर्यग्रहण होते हैं। 3 चन्द्रग्रहण पर 4 सूर्यग्रहण का अनुपात आता है। क्योंकि इसके बाद 14 मई 2124 को लगभग इसी क्षेत्र से होकर पूर्ण सूर्यग्रहण की पट्टी गुजरेगी। हालंकि इस पूर्ण सूर्यग्रहण के बाद भारत में 20 मार्च 2034 तथा 3 जून 2114 को भी पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा लेकिन 2034 में वो केवल कश्मीर के कुछ इलाकों तक सीमित रहेगा वहीं 2114 में राजस्थान यूपी और बंगाल में दिखाई देगा।  13 जून 2132 को ही अवधि के मामले में अतिक्रमित होगा।

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यह एक नैसर्गिक आकाशीय घटना है

किंतु हमारे ऋषि मुनियों ने जो बाते कही या लिखी हैं ,वो पूर्णतया सटीक सार्थक , तार्किक और शास्त्रौक्त भी हैं

क्योंकि अभी हम सब बहुत कुछ नही भी जानते हैं इसलिये ये मन में शंका रहती है कि कहीं इन सब घटनाओं से हमारा कोई नुकसान न हो ..

अत : अपने ऋषि मुनियों और हिंदू धर्म शास्त्रों की बात मानकर ग्रहण काल में मंत्र जाप ..( मानसिक ) रुप से करना शुभ होता है
पूजा न करना और मंदिर के कपाट बँद कर देने का एक कारण यह भी हो सकता है कि इस समय चंद्रमा से कुछ ऐसी किरणें निकलती होंगी जो नकारात्मक प्रभाव देती है
अत : ग्रहण काल के बाद पूजा और दान पुण्य का विधान बनाया गया है ।
इसलिये आज सभी लोग भगवान शिव का स्मरण करते हुये चंदमा का मंत्र जाप भी करें
बीमार व्यक्ति को बीमारी से मुक्ति के लिये …

ॐ त्रयम्बकम यजामहे ……
इष्ट, देव , हनुुुुमान जी , आदिि का मँत्र जप करे , दीपक जलाकर  मंत्र करे  ,
सब प्रकार से कल्याण के लिये
ॐ नम: शिवाय
राम राम
अथवा ॐ चँद्र्मसे नम :

इसके आगे 11अगस्त 2018 को सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत मे नही दिखेगा ,
इस मंत्र का जाप करें ॥

पँ रामदेव पाण्डेय -रांची _8877003232

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