Breaking News Latest News ख़बरें जरा हटके झारखण्ड लाइफस्टाइल

गरीबों एवं जरूरतमंद लोगो को निःशुल्क कानूनी सेवा उपलब्ध कराएगी मिलीयन ड्रीम्स फाउंडेशन

 

राची, झारखण्ड  | सितंबर  | 03, 2022 ::
हर एक नागरिक को न्याय पाने का अधिकार, झारखंड में पहली बार सभी 24 जिलों में निशुल्क कानूनी सुविधा की जाएगी उपलब्ध-अनुप्रिया

रांची:-मिलियन ड्रीम्स फाउन्डेशन (एन.जी.ओ) के द्वारा झारखंड के सभी जिलों में कानूनी सेवा से वंचित और अक्षम लोगों के लिए अब एक विशेष पहल की जा रही है जिसके तहत गरीबों एवं जरूरतमंद लोगो को निःशुल्क कानूनी सेवा उपलब्ध कराई जाएगी| ज्ञात हो कि वर्ष 1987 मे गरीबों को नि:शुल्क और सक्षम कानूनी सेवाएँ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम (एल. एस. ए. ऐक्ट) को लागू किया गया था.इस अधिनियम के तहत दी जाने वाली नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति, बच्चों, महिलाओं, मानव तस्करी के शिकार लोगों, औद्योगिक कामगारों, हिरासत में लिये गए व्यक्तियों और गरीबों (1 लाख रुपए से कम वार्षिक आय) के लिये उपलब्ध हैं.

संविधान के अनुच्छेद 39A में प्रावधान है कि- ‘राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि न्यायतंत्र इस प्रकार से काम करें कि सभी को न्याय का समान अवसर मिले एवं आर्थिक या किसी अन्य कारण से कोई नागरिक न्याय प्राप्ति से वंचित न रह जाए। इसके लिये राज्य निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करेगा।’अनुच्छेद 14 और 22 (1) भी राज्य के लिये विधि के समक्ष समता सुनिश्चित करने का प्रावधान करते हैं जो सभी को न्याय के समान अवसर उपलब्ध कराने के आधार को बढ़ावा देता है।

इस मौके पर मिलियंस ड्रीम फाउंडेशन की अध्यक्ष अनुप्रिया ने बताया कि जिन लोगों के पास न्यायालय जाकर अपनी कानूनी समस्या को रखने के लिए धन नहीं हो, उन्हें बिना पैसे लिए में कानूनी सहायता करना विधिक सहायता (Legal aid) कहलाता है और इसी कड़ी में हमारी संस्था गरीबों एवं जरूरतमंद लोगो को निःशुल्क कानूनी सेवा उपलब्ध कराएगी| मिलीयन ड्रीम्स फाउंडेशन राज्य के 24 जिलों में एक साथ गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को कानूनी सहायता देने का कार्य करेगी जो कि विधिक समता के लिए बहुत आवश्यक तत्त्व है क्योंकि निर्धनता के कारण कोई न्याय न प्राप्त कर पाए तो विधिक समता का कोई अर्थ नहीं है।
अध्यक्ष ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार उपरोक्त कानूनी सेवा प्राप्त करने के लिए महिलाएं, बच्चे और अनुसूचित जाति एवम् अनुसूचित जनजाति के लिए आय के आधार पर किसी प्रकार की आर्थिक सीमाएं नहीं है। सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सालाना आर्थिक आय की सीमा 2 लाख रुपए है।

मिलियन ड्रीम्स फाउंडेशन सभी अक्षम लोगो की पहचान करने और उन तक कानूनी सेवा पहुंचाने कि अपनी इस पहल में लगी है।

Leave a Reply