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मापतौल सत्यापन, मुद्रण से संबंधित जागरूकता कार्यशाला

रांची, झारखण्ड  | सितम्बर  | 02  2021 ::  उपभोक्ता मंत्रालय (भारत सरकार), उपभोक्ता मामले विभाग, भारतीय विधिक माप विज्ञान संस्थान, रांची एवं झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज चैंबर भवन में मापतौल सत्यापन एवं मुद्रण संबंधी कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य के विधिक मापतौल के नियंत्रक के.सी चौधरी व भारतीय विधिक माप विज्ञान संस्थान के हेड बीडी कोनार, डॉ. डीके द्विवेदी, प्रोफेसर मनीष प्रसाद व आदित्य प्रसाद के द्वारा व्यापारियों को विधिक माप विज्ञान संबंधित नियमों तथा सत्यापन, मुद्रांकन इत्यादि से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यशाला में प्रोफेसर बीडी कोनार ने भारतीय विधिक माप विज्ञान संस्थान के बारे में व्यापारियों को अवगत कराया। प्रोफेसर डीके दिवेदी द्वारा विधिक माप विज्ञान के बारे में अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय परिवेश के संदर्भ में बताया गया। प्रोफेसर मनीष प्रसाद द्वारा पैकेज कॉमोडिटी में किस प्रकार की घोषणाएं होनी चाहिए विस्तृत जानकारी दी गई। सहायक प्रोफेसर आदित्य प्रसाद द्वारा सत्यापन, मुद्रांकन संबंधित जानकारी दी गई। यह कहा गया कि डिब्बाबंद सामग्री में उसकी मात्रा, निर्माता, पैकेट, इंपोर्टर इत्यादि का नाम, पता अंकित करना अनिवार्य है। एमआरपी से ज्यादा मूल्य पर सामग्री बेंचना दंडनीय अपराध है। यह भी कहा गया कि मापतौल से संबंधित उपकरणों का सही समय पर सत्यापन या मुद्रांकन कराने से विधिकीय कार्रवाई से बचा जा सकता है।

मापतौल विभाग के नियंत्रक श्री के.सी चौधरी ने कार्यशाला के दौरान व्यापारियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का संतोषप्रद जवाब दिया। यह कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद आज मापतौल के मामले में झारखण्ड अग्रणी राज्य की श्रेणी में है। हमारी संख्या कम है फिर भी हम बढते मनोबल के प्रतीक हैं। ईज ऑफ डूईग बिजनेस की अवधारणा के आलोक में नियमित रूप से कानूनी जटिलताओं का सरलीकरण किया जा रहा है। मापतौल विभाग के लगभग सारे कार्य ऑनलाइन हो रहे हैं जिससे व्यापारियों को विभाग में आने की आवश्यकता ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारी व उपभोक्ता के हितों की रक्षा के साथ ही किसी वंचितों का शोषण ना हो, यह ध्यान रखना हमारा सामाजिक सरोकार भी है।

मैनुफैक्चरर के लिए मापतौल उपकरणों के सत्यापन को एक वर्ष के साथ ही एकमुश्त 5 वर्ष का विकल्प दिये जाने के निर्णयों के लिए चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने नियंत्रक श्री चौधरी के प्रति आभार जताया और आग्रह किया कि श्रम सुधार और लाईसेंसीकरण की व्यवस्था में सरलीकरण हेतु पूर्व में झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा सुझाये गये अन्य बिंदुओं पर भी उचित विचार किया जाय ताकि व्यापारी पेपर वर्क की उलझनों में अनावश्यक परेशान ना हों।

कार्यषाला में चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा, उपाध्यक्ष धीरज तनेजा, किशोर मंत्री, महासचिव राहुल मारू, कोषाध्यक्ष परेश गट्टानी, कार्यकारिणी सदस्य अमित शर्मा, आदित्य मल्होत्रा, नवजोत अलंग, मनीष सर्राफ, श्रम एवं मापतौल उप समिति चेयरमेन प्रमोद सारस्वत, रोहित कुमार, शषांक भारद्वाज, रोहित पोद्दार, योगेंद्र पोद्दार, शंभूप्रसाद गुप्ता, किशन अग्रवाल, राजू चौधरी, रामचंद्र प्रसाद, एमएन ठाकुर के अलावा रांची चैंबर ऑफ कॉमर्स, आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ, खुदरा दुकानदार संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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