झारखंड :: सेवा के तीन साल Jharkhand : Sewa ke tin saal
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झारखंड :: सेवा के तीन साल

झारखंड :: सेवा के तीन साल Jharkhand : Sewa ke tin saal
Raghubar das ( Lensman- Hardeep Singh )

राँची, झारखण्ड । दिसम्बर | 28, 2017 :: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने कार्यकाल के 3 साल पूरा होने पर अपने आवासीय ऑफिस में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया

तीन वर्षों की महत्वपूर्ण उपलब्धियांँ

★ झारखण्ड की आर्थिक विकास दर 8.6ः देश के सबसे तेज विकसित होनेवाले राज्यों में मात्र गुजरात के बाद दूसरे स्थान पर है।

★ विगत 2 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा एक लाख से अधिक नियुक्तियाँ की जा चुकी हैं एवं 50 हजार और नियुक्तियाँ जून, 2018 तक की जायेंगी।

★ स्थानीय नीति की घोषणा होने के कारण इन नियुक्तियों में 90 प्रतिशत से अधिक स्थानीय उम्मीदवार की ही नियुक्ति की गई है। उदाहरणस्वरूप झारखण्ड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2015-17 के बीच 25,787 उम्मीदवारों की अनुशंसा की गयी जिसमें से 24,656 अर्थात् 95.6 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवार हैं। इसी प्रकार जिला स्तर पर भी जो नियुक्तियाँ हुई हैं उनमें भी अधिकांश स्थानीय उम्मीदवारों को ही मिली हैं।

मोमेंटम झारखण्ड के माध्यम से अबतक 200 परियोजनाओं को औद्योगिक इकाईयों को धरातल पर उतारा गया है, जिसमें 6669.14 करोड़ का पूंजीनिवेश हुआ और उससे 49,097 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार एवं 1.47 लाख रोजगार अप्रत्यक्ष रूप से सृजित होगें।

★ मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के माध्यम से 4.5 लाख महिला एवं पुरूष उद्यमियों का उद्यमिता विकास कर उन्हें लाह, मधुमक्खी पालन, तसर, हस्तशिल्प एवं अन्य कुटीर उद्योग के माध्यम से जीविकोपार्जन उपलब्ध कराया जा रहा है।

★झारखण्ड आन्दोलन के पुरोधा विनोद बिहारी महतो की स्मृति में ‘‘विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय’’ की स्थापना धनबाद में नवम्बर, 2017 में की गई है।

★झारखण्ड के अमर शहीदों की याद में उनके गाँवों को विकसित करने हेतु पहली बार शहीद ग्राम विकास योजना का प्रारम्भ किया गया।

भूमिहीनों को जमीन
सरकार ने राज्य के भूमिहीनों को गांव में खेती के लिए पांच एकड़ जमीन देगी। साथ ही आवास निर्माण के लिए भी 12.5 डिसमिल जमीन दी जायेगी। शहीद सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों व पुलिसकर्मियों के परिजनों को जीवन यापन के लिए गांवों में पांच एकड़ जमीन दी जायेगी। इस निर्णय का लाभ लगभग दो लाख परिवारों को मिलेगा। एक लाख लोगों को करीब दो लाख एकड़ जमीन की बंदोबस्ती सरकार करेगी। ऐसी जमीन जिस पर गरीब व भूमिहीन व्यक्ति 1985 से पहले से रह रहे हैं या खेती कर रहे हैं वैसी भूमि का नियमितिकरण किया जा सकेगा। सरकार द्वारा सरकारी भूमि नियमितिकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के तहत जो गरीब एवं भूमिहीन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के सदस्य हैं, अन्य जाति के भूमिहीन, भूमिहीन दिव्यांग जिनके पास अपनी दो एकड़ से कम जमीन है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। पूर्वी पाकिस्तान व बर्मा से 1947 के विभाजन के बाद आये हुए शरणार्थियों के मामले में नियमितिकरण आवासीय प्रयोजन के लिए किया जा सकेगा। 50 डिसमिल तक जमीन वाले सैनिक, अर्द्धसैनिक बल व राज्य पुलिस के सदस्य, जो ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हैं, को भूमिहीन माना जायेगा। उनके लिए उन्हीं के गृह जिले में जमीन का नियमितिकरण या बंदोबस्ती की जायेगी।

स्वशासन को बढ़ावा
महात्मा गांधी के सपना था स्वशासन। इसी को ध्यान में रखते हुए गांवों में पंचायत सचिवालय का गठन किया गया है। शहरों में शहरी स्वशासन परिषद का गठन किया जा रहा है। पंचायत को सशक्त करने के लिए पंचायती राज प्रभाग के अंतर्गर 17,346 पंचायत स्वयंसेवक व 263 प्रखंड समन्वयकों की नियुक्ति की जा चुकी है।

108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा
सड़क दुर्घटना में कीमती मानव जीवन को बचाने के लिए उन्हें तत्काल उपचार मुहैया कराया जा रहा है। राज्य में 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गयी है। अब तक 65 सुसज्जित एंबुलेंसों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। जनवरी 2018 तक कुल 106 एंबुलेंस हाइवे तथा अलग-अलग जिलों में रखे जायेंगे। मार्च 2018 तक पूरे राज्य में 329 एंबुलेंस की सेवा शुरू कर दी जायेगी। टॉल फ्री नंबर 108 पर कॉल कर कोई भी व्यक्ति दुर्घटना की सूचना दे सकता है।

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना
राज्य के गरीब व्यक्ति के लिए सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य के 57 लाख परिवारों (80 प्रतिशत आबादी) को दो लाख रुपये तक के इलाज का खर्च नहीं लगेगा। वे देश के प्रमुख अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे। वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। सभी लाभार्थियों को कैशलेस कार्ड दिया जायेगा।

तेजस्विनी योजना
11 से 24 वर्ष की किशोरियों व युवतियों के शैक्षणिक स्थिति में सुधार कर उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा किये जायेंगे। राज्य के 17 जिलों में उन्हें बाजार संचालित कौशल प्रशिक्षण, माध्यमिक शिक्षा प्रदान की जायेगी। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्ग की किशोरियों व युवतियों को लाभ मिलेगा।

जोहार योजना
राज्य से गरीबी मिटाने के उद्देश्य से जोहार योजना की शुरुआत की गयी है। इसके तहत दो लाख गरबी परिवारों की आय दोगुणी करने का लक्ष्य है। 17 जिलों के 68 प्रखंड में लागू इस योजना के तहत 3400 उत्पादक समूहों का गठन किया गया है। किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती का प्रशिक्षण देने व सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का काम किया जायेगा। मछली, पशुपालन, मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति परिवारों को योजना में प्राथमिकता दी जायेगी।

जबरन धर्मांतरण अब है अपराध

झारखंड में अब जबरन, प्रलोभन देकर या धोखे से धर्मांतरण अपराध माना जायेगा। स्वेच्छा से धर्मांतरण करनेवालों को इसकी जानकारी पहले उपायुक्त को देनी होगी। जबरन या कपटपूर्ण तरीके से धर्मांतरण कराने पर चार साल तक की सजा व एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

एक रुपये में महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री
झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं के नाम पर अचल संपत्ति की रजिस्ट्री केवल एक रुपये में की हो रही है। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह बड़ा कदम साबित हो रहा है।

गैस के साथ चूल्हा भी निःशुल्क
झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के तहत निशुल्क गैस कनेक्शन के साथ निशुल्क चूल्हा और पहली रिफिल दी जा रही है। इससे गरीब महिलाओं को काफी लाभ हो रहा है।

सरना-मसना स्थलों का स्थलों का सुंदरीकरण

राज्य की परंपरा, संस्कृति, भाषा, कला, साहित्य को सहेजने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। इसी कड़ी में राज्य के सरना, मसना, हड़गड़ी स्थलों की घेराबंदी और सुंदरीकरण का काम किया जा रहा है। अब तक 577 स्थलों के कार्य को मंजूरी प्रदान की गयी है। इनके सुंदरीकरण का काम तेजी से चल रहा है। मान्यता प्राप्त परंपरागत ग्राम प्रधान, मानकी, मुंडा, मांझी की अध्यक्षता में लाभुक समितियों के माध्यम से यह कार्य हो रहा है।

नियुक्तियाँ
लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार तीन स्तर पर काम कर रही है। सरकारी नियुक्ति, निजी निवेश को बढ़ावा देकर नौकरियों का सृजन तथा कौशल विकास के द्वारा लोगों को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ना। इन तीनों क्षेत्र में व्यापक सफलता मिली है।

राज्य गठन के बाद पहली बार स्थानीय नीति परिभाषित की गयी। इससे सरकारी नियुक्तियों के रास्ते खुले। अब तक एक लाख लोगों की नियुक्ति की जा चुकी है। जून तक 50 हजार और नियुक्तियां होंगी।

मोमेंटम झारखंड के माध्यम से कंपनियों के साथ एमओयू किये गये। इनके धरातल पर उतरने के साथ लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरियों के काफी अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इनसे 1.47 लाख नौकरियां सृजित होंगे।

कौशल विकास कर 12 जनवरी को 25 हजार युवाओं को एक साथ रोजगार से जोड़ा जायेगा। इसे अलावा अब तक विभिन्न रोजगार मेलों के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा चुका है।

स्कूलों में सुधार
तीन साल पहले राज्य के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क नहीं होने के कारण बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर थे। राज्य के 38904 स्कूलों में से अब 31,705 स्कूलों में बेंच-डेस्क उपलब्ध करा दिये गये हैं। बाकी स्कूलों में भी जल्द इन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार तीन साल पहले मात्र 3500 स्कूलों में ही बिजली की सुविधा थी, जिसे अब 26,788 स्कूलों में किया जा चुका है। सभी सरकारी स्कूलों में आज शौचालय की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है।

श्रम
श्रम सुधारों में झारखंड लगातार दूसरे वर्ष पूरे देश में अव्वल रहा। मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 178 रुपये से बढ़ाकर 222 रुपये की गयी। राज्य में पहली बार मजदूरों का निबंधन कराया गया। अब तक 3.95 लाख मजदूरों का निबंधन हो चुका है। मजदूरों के लिए शहरों में शेड का निर्माण कराया जा रहा है, जहां उन्हें पानी, शौचालय आदि की सुविधा मिलेगी।

हर साल राज्य में सरकार लगभग 18 करोड़ रूपये कंबल बांटती है। पहले दूसरे राज्यों से इनकी खरीदारी की जाती थी। इस साल झारक्राफ्ट के माध्यम से झारखण्ड में बनें कंबलों की खरीद की गयी है। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।

पेयजल एवं स्वच्छता
राज्य में हर घर शौचालय और घर-घर साफ पानी पहुंचाने के लिए सरकार कृतसंकल्प है। झारखंड के शहरी निकायों को पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है। इसके साथ ही तीन जिले भी खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।
राज्य की ग्रामीण आबादी को पाइपलाइन के मदद से जलापूर्ति की जा रही है। दो वर्षों में लगभग 30 प्रतिशत ग्रामीण आबादी तक पाइपलाइन से जलापूर्ति सुविधा पहुंचा दी गयी है। राज्य के छह जिले को डी0एम0एफ0टी0 के अंतर्गत पूर्णतरू आच्छादित किया जा रहा है।
वर्ष 2020 तक राज्य के हर घर तक साफ पानी पहुंचाने का काम तेजी से हो रहा है

पर्यटन

संथाली समुदाय के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल लुगु बुरू पहाड़ पर लगनेवाले मेले को राजकीय मेले की मान्यता दी गयी। इनकी सुविधा के लिए पहली बार झारखंड सरकार ने श्रद्धालुओं के आने-जाने, भोजन और रहने की व्यवस्था गयी। इसके साथ ही रजरप्पा, इटखोरी स्थित शक्ति स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यटकीय सुविधाएं देने का काम शुरू किया गया है। जल्द ही अंजनधाम समेत अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों को विकसित करने का काम शुरू किया जायेगा। पतरातू में टूरिज्म सेंटर का शिलान्यास किया गया है। इसे विश्वस्तर का पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है। विश्वविख्यात द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैजनाथ धाम-बासुकीनाथ धाम में आने वाले भक्तों के लिए सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। जैन समुदाय के धार्मिक स्थल पारसनाथ को विकसित किया जा रहा है। दुमका स्थित मलूटी में प्राचीन स्थापत्य कला के दुर्लभ मंदिरों का संरक्षण किया जा रहा है। हर जिले में सांस्कृति आयोजनों के तहत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

वृद्धों व असहाय गरीबों को सरकार तीर्थ दर्शन करा रही है। अब तक 5000 लोगों को तीर्थ दर्शन कराया जा चुका है। स्कूली बच्चों के लिए भी शैक्षणिक भ्रमण की शुरुआत की गयी है।

खाद्य आपूर्ति

राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। पहले जहां इसमें लाभूक परिवारों की संख्या 35 लाख थी, जो अब बढ़ कर 58 लाख परिवार हो गये हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री कैंटिन योजना शुरू की जायेगी। इसमें पांच रुपये में एक वक्त का भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए इस्कोन और अक्षय पात्रा के साथ करार किया जा रहा है। बीपीएल परिवारों को डबल फोर्टिफाइड आयोडीनयुक्त नमक का वितरण किया जा रहा है। रांची के नगड़ी प्रखंड में खाद्यान्न की उपलब्धता डीबीटी के माध्यम से शुरू की गयी है। नगड़ी देश का पहला प्रखंड है, जहां राशन के लिए खाद्यान्न की राशि सीधे लाभूकों के खाते में आ रही है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 28.50 लाख परिवारों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। अब तक नौ लाख परिवारों को इसका लाभ मिल चुका है।

मुख्यमंत्री शिक्षा गारंटी योजना

राज्य के प्रतिभावान बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं ऐसे बच्चों को सरकार अपनी गारंटी पर शिक्षा लोन दिलायेगी। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए यह योजना शुरू की गयी है। इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 7.5 लाख रुपये तक के शिक्षा लोन पर बैंक कोई गारंटी नही मागेंगे तथा उससे ज्यादा के शिक्षा ऋण की गारंटर राज्य सरकार बनेगी। इस योजना के लिये कुल 50 करोड़ रूपये का फंड बनाया गया है।

मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना

झारखंड के विश्वविद्यालयों से पीएचडी (शोध) करने के लिए विद्यार्थियों को राज्य सरकार आर्थिक सहायता करेगी। इसमें विद्यार्थियों को प्रति माह 15 हजार रुपये मिलेंगे। राज्य के विश्वविद्यालय या निजी विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर टॉपर विद्यार्थी को इसका लाभ मिलेगा। वह अगर पीएचडी इंट्रेंस पार कर राज्य के विश्वविद्यालय के सरकारी या निजी विश्वविद्यालय से पीएचडी करते हैं, तो उन्हें तीन वर्ष तक प्रतिमाह 15 हजार रुपये मिलेंगे। योजना के तहत कार्य संतोषप्रद रहने पर फेलोशिप की राशि बढ़ायी जा सकती है। अगर किसी विद्यार्थी का शोध कार्य विश्वविद्यालय स्तर के टॉप 100 विश्वविद्यालय में स्वीकार किया जाता है, तो उन्हें प्रजेंटेशन देने के लिए विदेश जाने पर आनेवाला खर्च या एक लाख रुपये दिये जायें। इस योजना के तहत स्नातक स्तर पर तकनीकी पाठ्यक्रम में नामांकन लेनेवाले मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति दी जायेगी।

कृषि सिंगल विंडो सिस्टम

झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां कृषि क्षेत्र में सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत की गयी है। यहां किसानों को एक ही स्थान पर कृषि संबंधित पूरी जानकारी दी जा रही है। वित्त वर्ष 2016-17 में स्वीकृत 100 केंद्रों में से 78 क्रियाशील हो चुके हैं। इस वर्ष भी 100 केंद्रों का कार्य शुरू हो चुका है। इनके खुलने से किसानों को काफी लाभ हो रहा है।

भ्रष्टाचार पर नकेल

भ्रष्टाचार पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है एंटी करप्शन ब्यूरो को मजबूत किया गया है इसके नतीजे सामने आने लगे हैं 2014 में जहां सिर्फ 31 लोग भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गए थे वही 2015 में 54 2016 में 84 तथा 2017 में अब तक 138 लोग गिरफ्त में आ चुके हैं यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

राज्य के सभी 29,300 गाँवों में बिजली पहुँचाई जा चुकी है

 नक्सलवाद पर नियंत्रण
 हाइवे पेट्रोलिंग की शुरुआत
 सीसीटीवी सर्विलांस की शुरुआत

Lensman : Hardeep Singh

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