राची, झारखण्ड | मार्च | 17, 2024 ::
दी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की वीमेन मेंबर्स एक्सीलेंस कमिटी के द्वारा आयोजित की जा रही महिला सशक्तिकरण पर दो दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस के दूसरे दिन पहले तकनिकी सत्र को सम्बोधित करते हुए इंस्टिट्यूट की वीमेन मेंबर्स एक्सीलेंस कमिटी की चेयरपर्सन सीए प्रीती सावला ने कही की महिला सशक्तिकरण कोई ऐसी चीज़ नहीं है जहां एक महिला किसी कॉर्पोरेट में केवल एक साधारण भूमिका निभा सकती है, बल्कि उसे उच्च स्तर की निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने बताय की कंपनी अधिनियम 2013 के द्वारा सूचीबद्ध जिसकी प्रतिभूतियां किसी भी स्टॉक एक्सचेंस में सूचीबद्ध हो और जिसकी चुकता पूंजी एक सौ करोड़ रुपये या उससे अधिक है और उसका कारोबार तीन सौ करोड़ रुपये या उससे अधिक है। उससे अपने निदेशक मंडल में महिला निदेशक नियुक्त करना आवश्यक है। ऐसा नहीं करने पर उस कंपनी पर आर्थिक दंड लग सकता है। उन्होंने बताया की आज बहुत से कंपनियों में महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट्स एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्य कर रही हैं।
वीमेन मेंबर एक्सीलेंस कमिटी की वाईस -चेयरपर्सन सीए केमिशा सोनी ने महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए व्यसायिक अवसर पर बोलते हुए कही की आज के डिजिटल युग में महिला और पुरुष का भेद मिट चूका है। उन्होंने बताया की सरे कार्य आज लगभग कंप्यूटर में किया जा रहे हैं साथ ही असेसमेंट भी फेसलेस होने के कारण महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आज घर से या दफ्तर से आसानी से अपनी प्रोफेशनल्स की भूमिका निभा रही हैं। इसके अलावा भी सीए इंस्टिट्यूट की बहुत से कार्य जैसे नए पुस्तकों के लेखन या संपादन, रिसर्च में भाग लेकर, सीए परीक्षा से सम्बंधित कार्य जैसे आब्जर्वर, परीक्षा की कॉपी जाँच करके, सॉफ्ट स्किल और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के फैकल्टी या अन्य कोर्सों की फैकल्टी के रूप में अच्छी खासी आय प्राप्त कर सकती हैं।
दूसरे सत्र में रांची के प्रसिद्ध गाइनकालजिस्ट डॉ रश्मि सिंह ने इस कांफ्रेंस में सर्वाइकल कैंसर के बारे में बताते हुए कही की सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि है जो गर्भाशय ग्रीवा में शुरू होती है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का निचला हिस्सा है जो योनि से जुड़ता है।उन्होंने बताया कि यह बीमारी भी असुरक्षित यौन सम्बन्ध के कारण फैलती है। उन्होंने बताई कि मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव जो दुर्घन्धयुक्त पानी जैसे या रक्त जैसा होना और सामान्य से अधिक समय तक रहना,संभोग के दौरान पेल्विक दर्द और रक्तस्राव इसके प्रमुख लक्षण हैं और इस स्थिति में हमें तुरंत डॉक्टर कि मदद लेनी चाहिए।
आज के तीसरे सत्र में प्रख्यात लाइफ कोच और एनएलपी ट्रेनर श्रीमती श्रीजा झावर ने बताई कि प्रोफेशनल महिलाओं के लिए कार्य के साथ अपने जीवन में संतुलन स्थापित करने एक बहुत बड़ी समस्या है। और जब यह संतुलन बुरी तरह ख़राब हो जाता है तो इस स्थित में मानसिक और शारीरिक रोग उत्पन्न होती है। इस कारण आज के समय में हमें अपने प्रोफेशनल कार्यों के साथ साथ जीवन के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में संतुलन बनाना अति आवश्यक है।
इस कांफ्रेंस के अंतिम सत्र में गीतांजलि ग्रुप के निदेशिका श्रीमती शालिनी गुप्ता ने कही कि हमें हर हाल में अपने कि देखभाल को अन्य कार्यों से ज्यादा महत्वा देना आवश्यक है। चाहे हम प्रोफेशनल्स हों, विधार्थी हों, काम काजी हों या घरेलु कार्य करते हों हमें हमेशा अपने देख भाल सबसे पहले है क्योंकि यदि हम खुद कि देख भाल नहीं करेंगे तो कई तरह के रोगों से ग्रसित होकर अन्य कार्य भी नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि स्वंय कि देखभाल के लिए हमें एक सफ्ताहिक चार्ट बनाना चाहिए। अपने शरीर कि साफ सफाई, अच्छी नींद, अच्छी डाइट, मनोरंजन आदि पर हमेशा ध्यान देनी चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया कि इसके साथ – साथ अपनी चिकित्सीय आवश्यकता का ध्यान रखना भी है।
दूसरे दिन मंच का सञ्चालन सीए हर्षित गोयल ने किया।
इस दो दिवसीय महिला सशक्तिकरण नेशनल कांफ्रेंस की समाप्ति पर इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के सचिव सीए हरेन्दर भारती ने इस कांफ्रेंस कि सफलता के लिए इस कांफ्रेंस के मुख्य और विशिष्ट अतिथि, विशेषज्ञ वक्तागण, इसके आयोजन समिति और महत्वपूर्ण सहयोग हेतु सी सी एल, रांची को धन्यवाद् दिया।
आज दूसरे दिन इस कांफ्रेंस में रीजनल कौंसिल सदस्या और इस नेशनल कांफ्रेंस की चेयरपर्सन सीए मनीषा बियानी, रांची शाखा के चेयरपर्सन सीए श्रद्धा बगला, उपाध्यक्ष सीए उमेश कुमार, कोषाध्यक्ष सीए अभिषेक केडिया, सी पी इ कमिटी के अध्यक्ष सीए निशांत मोदी, कार्यकारिणी सदस्य सीए प्रभात कुमार, सीए पंकज मक्कड़, इस कांफ्रेंस के को-कन्वेनर सीए रुचिका पोद्दार, सीए कंचन माहेश्वरी, सीए अदिति पोद्दार, सीए ऋचा अग्रवाल, सीए सृस्टि सिंघानिया भी उपस्थित थी।
इस कांफ्रेंस के अंतिम सत्र में इस कांफ्रेंस को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए इसके आयोजन समिति के सदस्यों और इस कांफ्रेंस के स्पांसरों को मेमेन्टोस देकर सम्मानित किया गया।