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कंपनी ऑडिट में यह जांचना महत्वपूर्ण कि उसपर सीएआरओ लागू होगा या नहीं – सीए कमल गर्ग

राची, झारखण्ड | अप्रैल | 24, 2024 ::

दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली की डायरेक्ट टैक्सेज कमिटी और ऑडिट एंड असुरेन्स बोर्ड के द्वारा द कॅव्स रांची में कंपनी ऑडिट और एमएसइ ट्रांसक्शन पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया

इस सेमिनार में कंपनी ऑडिट पर उपस्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को सम्बोधित करते हुए नई दिल्ली के विशेषज्ञ सीए कमल गर्ग ने बताया कि कंपनी ऑडिट का उद्देश्य कंपनी की वित्तीय स्थिति, व्यवसायिक संचालन और वित्तीय प्रबंधन की सत्यता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है। कंपनी ऑडिट में ऑडिटर का काम कंपनी की लेन-देन, संदेहग्रस्त लेखांकन, और कानूनी पात्रता की जांच कर रिपोर्ट देना  होता है। ऑडिट रिपोर्ट में एक ऑडिटर के लिए यह निर्धारित करना काफी महत्वपूर्ण है की जिस कंपनी का अंकेक्षण किया जा रहा है वह सीएआरओ के दायरे में आता है या नहीं।  इसके लिए कम्पनी अधिनियम में इसके जो शर्तें दिए हुए हैं उसको अंकेक्षक को महत्वपूर्ण रूप से देखना जरुरी है साथ ही उन्होंने बताया कि एक ऑडिटर को अधिकतम कंपनीयों के ऑडिट के लिए संख्या भी निर्धारित किया गया। सीए कमल गर्ग ने सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑडिट ट्रेल के बारे में भी विस्तार से बताया कि इसके सहयोग के द्वारा हम बुक ऑफ़ एकाउंट्स में किसी भी तरह के एंट्री का अच्छी तरह से जाँच कम से कम समय में कर सकते है और उनकी त्रुटियों को पकड़ सकते हैं।

सेमिनार के दूसरे तकनिकी सत्र में “इम्पैक्ट ऑफ़ सेक्शन 43ब ऑफ़ इनकम टैक्स एक्ट – एम्एसइ ट्रांसक्शन” पर बोलते हुए नई दिल्ली के विशेषज्ञ सीए मनोज मित्तल ने बताया कि वित्त अधिनियम 2023 में धारा 43 बी (एच) शामिल की गई है  , जिसमें कहा गया है कि  आपूर्ति की गई वस्तुओं या दी गई सेवाओं के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों  को दी गई कोई भी राशि उसी वर्ष में कटौती की जा सकती है यदि इसका भुगतान सूक्ष्म, लघु और मध्यम द्वारा निर्धारित समय सीमा (45 दिन ) के भीतर किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस संशोधन का उद्देश्य एमएसएमई उद्योग में कार्यशील पूंजी की कमी के मुद्दे को संबोधित करना और सूक्ष्म और लघु व्यवसायों को त्वरित भुगतान को बढ़ावा देना है। एम्एसइ ट्रांसक्शन से सम्बंधित यह सेक्शन मूल्यांकन वर्ष 2024-2025 और उसके बाद के सभी वर्ष इस परिवर्तन के अंतर्गत आएंगे, जो 1 अप्रैल, 2024 को लागू होगा।

इस सेमिनार के उद्धघाटन सत्र में उपस्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को रीजनल कौंसिल सदस्य सीए मनीषा बियानी ने भी सम्बोधित किया।

उद्धघाटन सत्र में सभी का स्वागत करते हुए इंस्टिट्यूट के रांची शाखा कि चेयरपर्सन सीए श्रद्धा बगला ने कहा कि देश आज तेजी से आर्थिक रूप से विकास कर रही है और इस तेज गति से आर्थिक विकास के लिए सरकार कंपनी लॉ और व्यवसाय से जुड़े कानूनों में  अमूल चल बदलाव ला रही है जिसकी जानकारी और विशेषज्ञों के माध्यम से उसकी व्याख्या समझने में यह सेमिनार काफी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

इस सेमिनार का सञ्चालन सीए तनुज जालान और सीए आकाश गुप्ता ने किया। सेमिनार के अंत में इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के सचिव सीए हरेन्दर भारती ने इस सेमिनार की सफल आयोजन के लिए सबका धन्यवाद् किया।

इस सेमिनार के सफल आयोजन में रांची शाखा के उपाध्यक्ष सीए उमेश कुमार, कोषाध्यक्ष सीए अभिषेक केडिया, सीपीई कमिटी के अध्यक्ष सीए निशांत मोदी और कार्यकारिणी सदस्य सीए प्रभात कुमार का महत्वपूर्ण योगदान था।

 

 

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